बीते 30 जनवरी को इंफाल पश्चिम ज़िले में यह घटना कुकी-ज़ो प्रभुत्व वाले कांगपोकपी ज़िले की सीमा के क़रीब हुई. इस महीने मणिपुर में गोलीबारी की विभिन्न घटनाओं में सीमावर्ती शहर मोरेह में तैनात दो मेईतेई पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 9 लोग मारे गए हैं. राज्य में मई 2023 में जातीय हिंसा भड़की थी.
नई दिल्ली: मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के कदांगबंद और कौतरुक इलाकों में मंगलवार (30 जनवरी) को भारी गोलीबारी में मेईतेई समुदाय के कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए. यह घटना कुकी-ज़ो प्रभुत्व वाले कांगपोकपी जिले की सीमा के करीब हुई.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गोलीबारी मंगलवार दोपहर करीब ढाई बजे शुरू हुई और कई घंटों तक चली.
On 30.01.2024, 2(two) individuals were killed in a firing incident between armed miscreants at bordering area of Kangpokpi and Imphal West district.
— Manipur Police (@manipur_police) January 30, 2024
दो मृतकों की पहचान बिष्णुपुर जिले के 25 वर्षीय मीशनाम खाबा और इंफाल पूर्वी जिले के 33 वर्षीय नोंगथोम्बम माइकल के रूप में की गई. दोनों शवों को मंगलवार शाम इंफाल के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाया गया.
तीन घायलों में से एक कथित तौर पर भाजपा के पूर्व मणिपुर युवा अध्यक्ष बारिश शर्मा हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना में दो अन्य लापता हो गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि घायलों को इलाज के लिए इंफाल के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में स्थानांतरित कर दिया गया है.
जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में तैनात एक सेना अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘इस बात की पुष्टि हो गई है कि कांगपोकपी और इंफाल पश्चिम जिलों के बीच सीमा पर सशस्त्र बदमाशों के दो समूहों के बीच भारी गोलीबारी हुई थी. हमें मौतों और चोटों पर कई अपुष्ट रिपोर्टें मिल रही हैं और सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे कुछ वीडियो के बारे में जानकारी है.’
मंगलवार की घटना 27 जनवरी को कांगपोकपी जिले में युद्धरत समुदायों के समूहों के बीच गोलीबारी में एक कुकी सशस्त्र ग्राम रक्षा वॉलंटियर की मौत और तीन अन्य के घायल होने के तीन दिन बाद हुई.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस महीने मणिपुर में गोलीबारी की विभिन्न घटनाओं में सीमावर्ती शहर मोरेह में तैनात दो मेईतेई पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 9 लोग मारे गए हैं.
मालूम हो कि 3 मई 2023 को मणिपुर में मेईतेई और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक लगभग 200 लोग जान गंवा चुके हैं, सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.
3 मई 2023 को बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बीच दोनों समुदायों के बीच यह हिंसा भड़की थी.
मणिपुर की आबादी में मेईतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नगा और कुकी समुदाय शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.