कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण में मोदी जी का प्रचार और विज्ञापन दिखा, पूरा भाषण राजनीतिक था. भाषण में कोई दूरदर्शिता नहीं थी. दलितों, वंचित वर्गों और आदिवासियों के लिए सरकार क्या करने जा रही है, इसका कोई ज़िक्र नहीं किया गया था. बेरोज़गारी, महंगाई पर भी राष्ट्रपति जी कुछ नहीं बोलीं.
नई दिल्ली: विपक्षी दल कांग्रेस ने बीते बुधवार (31 जनवरी) को संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन को ‘केवल नरेंद्र मोदी सरकार की प्रशंसा करने के लिए तैयार किया गया राजनीतिक भाषण’ करार दिया.
सोशल साइट एक्स पर कांग्रेस ने अपने अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का एक बयान साझा किया है, जिसमें उन्होंने कहा है, ‘हमें खुशी है कि आज महामहिम राष्ट्रपति जी पहली बार नए संसद में आकर दोनों सदनों को संबोधित कर रही थीं. देर से ही सही, उनको ये सम्मान प्राप्त हुआ. सबने देखा कि सरकार ने उन्हें नए संसद के उद्घाटन पर बुलाना उचित नहीं समझा, हालांकि राष्ट्रपति, संसद का अभिन्न हिस्सा होते हैं.’
बयान के अनुसार, ‘मोदी कैबिनेट द्वारा पारित महामहिम राष्ट्रपति जी का अभिभाषण केवल मोदी सरकार का गुणगान जैसा था, क्योंकि ये सरकार द्वारा बनाया गया दस्तावेज होता है, तो इसके माध्यम से भी मोदी जी अपना प्रोपगेंडा और प्रचार कैसे छोड़ सकते हैं! हमें उनसे ये उम्मीद भी नहीं थी.’
खरगे ने बयान में कहा, ‘बेतहाशा बेरोजगारी, बेलगाम महंगाई और बढ़ती असमानता की गहरी खाई पर महामहिम जी, मोदी सरकार की ओर से कुछ नहीं बोलीं, क्योंकि पिछले 10 सालों से मोदी सरकार ने इन मसलों को हल करने की दिशा में कुछ भी नहीं किया है.’
हमें ख़ुशी है कि आज महामहिम राष्ट्रपति जी पहली बार नए संसद में आकर दोनों सदनों को सम्बोधित कर रही थीं। देर से ही सही, उनको ये सम्मान प्राप्त हुआ। सबने देखा कि सरकार ने उन्हें नए संसद के उद्घाटन पर बुलाना उचित नहीं समझा, हालांकि राष्ट्रपति, संसद का अभिन्न हिस्सा होते हैं।
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— Congress (@INCIndia) January 31, 2024
उन्होंने आगे कहा, ‘एससी, एसटी, ओबीसी छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिलती. जो छात्रवृत्ति कार्यक्रम पहले से चल रहे है, उन्हें भी बंद किया जा रहा है. उनके लिए शिक्षा व्यवस्था के बारे में भी अभिभाषण में कुछ नहीं था.’
मणिपुर हिंसा को लेकर उन्होंने कहा, पिछले 9 महीने से मणिपुर में हिंसा जारी है. आज भी मणिपुर में फिर 2 लोगों की मौत हुई है और 3 लोग घायल हुए है. राष्ट्रपति जी कम से कम मणिपुर में शांति बहाली की अपील कर सकती थीं. मणिपुर की हिंसा का अभिभाषण में कोई उल्लेख नहीं था.
उनके बयान के अनुसार, ‘इसी तरह राष्ट्रपति जी ने कहा – हमारी सेनाएं आज ‘जैसे को तैसा’ की नीति के साथ जवाब दे रही हैं’! सच्चाई ये है कि हम लगातार अपनी जमीन चीन के कब्जे में छोड़ते जा रहे हैं. यही कल एक वीडियो में भी सामने आया है. इसी महीने चीनी सैनिकों ने पेट्रोलिंग पॉइंट 35 और 36 के पास के चरागाह क्षेत्रों तक भारतीय चरवाहों को जाने से रोक दिया था.’
खरगे ने कहा, ‘सालाना 2 करोड़ नौकरियां, किसानों की आय दोगुना करने के वादे का क्या हुआ, ये भी नहीं बताया गया कि काला धन कब आएगा? इन कारणों से महामहिम राष्ट्रपति जी का पूरा सम्मान करते हुए हम मोदी सरकार द्वारा लिए गए इस आत्मगान अभिभाषण को अस्वीकार करते हैं.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘यह एक विशिष्ट भाषण था, जिसकी आप चुनाव से पहले किसी सरकार से उम्मीद करते हैं. उन्होंने राष्ट्रपति को देने के लिए एक चुनावी भाषण लिखा है. यह एकतरफा कथा है.’
सीपीआई महासचिव डी. राजा ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण मोदी सरकार की विफलताओं को छिपाने का अवसर बन गया है.