हेमंत सोरेन पर टिप्पणी के लिए आदिवासी संगठन ने एंकर सुधीर चौधरी के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई

बीते 31 जनवरी को एंकर सुधीर चौधरी ने ‘आज तक’ पर प्रसारित होने वाले अपने प्राइम टाइम शो ‘ब्लैक एंड ह्वाइट’ में ये टिप्पणी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ़्तारी को लेकर की थी. आदिवासी सेना नामक संगठन ने रांची में उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है. हालांकि अब तक कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है.

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सुधीर चौधरी. (फोटो साभार: एक्स)

बीते 31 जनवरी को एंकर सुधीर चौधरी ने ‘आज तक’ पर प्रसारित होने वाले अपने प्राइम टाइम शो ‘ब्लैक एंड ह्वाइट’ में ये टिप्पणी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ़्तारी को लेकर की थी. आदिवासी सेना नामक संगठन ने रांची में उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है. हालांकि अब तक कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है.

सुधीर चौधरी. (फोटो साभार: एक्स)

नई दिल्ली: एक आदिवासी समूह ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद ऑन एयर की गई टिप्पणी के लिए समाचार चैनल ‘आज तक’ के एंकर सुधीर चौधरी के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

समाचार वेबसाइट न्यूजलॉन्ड्री ने इस शिकायत और सुधीर चौधरी द्वारा कही गईं बातों पर एक रिपोर्ट की है. ये ऐसी टिप्पणियां हैं, जिनके खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणीकार आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं. चौधरी ने ये टिप्पणियां 31 जनवरी को अपने प्राइम टाइम शो ‘ब्लैक एंड ह्वाइट’ के दौरान की थीं.

​शो में चौधरी सोरेन परिवार की आदिवासी पृष्ठभूमि पर कटाक्ष करते दिखाई दिए थे. उन्होंने कहा था कि जेल में एक रात (हेमंत सोरेन को तब से पांच दिनों की हिरासत में भेज दिया गया है) की तुलना ‘आदिवासी के जंगल में’ वर्षों बाद ‘वापस जाने’ से की जा सकती है.

न्यूजलॉन्ड्री के अनुसार, सुधीर शो में कहते हैं, ‘अब आज की रात उनकी कहां बीतेगी. उन्हें तो बहुत शानदार लाइफस्टाइल की आदत है. वो प्राइवेट प्लेन्स में चलते हैं. बड़ी-बड़ी गाड़ियों में चलते हैं. आज उनके लिए एक तरीके से वैसा ही होगा जैसे वो 20, 30, 40 साल पहले किसी आदिवासी के तौर पर अपने जंगल में चले जाएं.. आज की रात काफी मुश्किल होने वाली है.’

चौधरी ने अपने शो में व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा था कि क्या सोरेन परिवार, जो एससी/एसटी समुदाय से है, उसे ‘आरक्षण दिया जाना चाहिए’ या एससी/एसटी अधिनियम का लाभ दिया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा था, ‘क्या इस परिवार को यह कहने का अधिकार है कि वह गरीब है? वे आदिवासी नहीं हैं, वे बड़े-बड़े बंगलों में रहते हैं.’

साफ तौर पर सुधीर ने यह कहना चाहा था कि आदिवासी समुदाय ‘गरीब’ और जंगलों तक सीमित है. चौधरी ने शो के दौरान यह भी सुझाव दिया था कि समुदाय में जो लोग आर्थिक रूप से बेहतर हैं, उन्हें आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए.

आदिवासी सेना नामक संगठन ने झारखंड की राजधानी रांची में सुधीर चौधरी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.

मालूम हो कि तथ्य की जांच के प्रयास अक्सर चौधरी के शो में गलतियों की ओर इशारा करते हैं.

न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीडीएसए) ने एक बार ज़ी न्यूज़ की आलोचना की थी. ज़ी न्यूज में काम करने के ​दौरान चौधरी ने कॉस्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप (सीसीजी) के सदस्यों, जो सभी पूर्व सिविल सेवक हैं, को ‘चालाक’ और एक ‘गिरोह’ (Gang) का बताया था.

साल 2020 में पांच साल पुराने फेसबुक पोस्ट से ‘जिहाद’ पर एक बना-बनाया चार्ट को लेकर चौधरी की टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया था. इसे लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. तब वह ज़ी न्यूज में कार्यरत थे.

लोकसभा से निष्कासित तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने साल 2019 में सुधीर चौधरी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था, जब उन्होंने आरोप लगाया था कि संसद में ‘फासीवाद के शुरुआती संकेतों’ पर उनका भाषण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर मार्टिन लॉन्गमैन द्वारा लिखे गए एक लेख से चुराया गया था.

सोशल मीडिया पर टिप्पणीकारों ने सुधीर चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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