संवैधानिक अदालत का फैसला आने तक निखिल गुप्ता का प्रत्यर्पण रोका गया: चेक न्याय मंत्रालय

अमेरिकी अभियोजकों ने अमेरिकी नागरिक और खालिस्तान समर्थक नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश के मामले में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को आरोपी बनाते हुए चेक गणराज्य को प्रत्यर्पण का अनुरोध भेजा है. बीते महीने चेक हाईकोर्ट गुप्ता की अपील ख़ारिज करते हुए प्रत्यर्पण की इजाज़त दे चुका है.

चेक कॉन्स्टिट्यूशनल कोर्ट. (फोटो साभार: Wikimedia Commons/Millenium187)

अमेरिकी अभियोजकों ने अमेरिकी नागरिक और खालिस्तान समर्थक नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश के मामले में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को आरोपी बनाते हुए चेक गणराज्य को प्रत्यर्पण का अनुरोध भेजा है. बीते महीने चेक हाईकोर्ट गुप्ता की अपील ख़ारिज करते हुए प्रत्यर्पण की इजाज़त दे चुका है.

चेक कॉन्स्टिट्यूशनल कोर्ट. (फोटो साभार: Wikimedia Commons/Millenium187)

नई दिल्ली: चेक गणराज्य से भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को संयुक्त राष्ट्र अमेरिका प्रत्यर्पित करने की कार्यवाही पर तब तक रोक लगा दी गई है, जब तक कि चेक की संवैधानिक अदालत (कॉन्स्टिट्यूशनल कोर्ट) उनके द्वारा दायर शिकायत पर फैसला नहीं सुना देती.

मालूल हो कि गुप्ता पर ‘हिटमैन’ के बतौर एक अमेरिकी नागरिक को मारने की कोशिश में शामिल होने के आरोप में अमेरिका के अनुरोध के आधार पर पिछले साल 30 जून को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था. बाद में अमेरिकी संघीय अभियोजकों द्वारा एक अज्ञात अभियोग में आरोप लगाया गया कि गुप्ता को न्यूयॉर्क में खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को निशाना बनाने की नाकाम साजिश में भारत सरकार के एक अधिकारी द्वारा भर्ती किया गया था.

जनवरी के पहले हफ्ते में प्राग में चेक हाईकोर्ट ने गुप्ता की अपील को खारिज करते हुए आदेश दिया था कि गुप्ता का प्रत्यर्पण किया जा सकता है.

इससे पहले द वायर ने बताया था कि चेक सरकार को गुप्ता के प्रत्यर्पण की अनुमति देने वाला पहला फैसला 23 नवंबर को प्राग की एक निचली अदालत द्वारा दिया गया था. उन्होंने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी.

हालांकि, अदालत से गुप्ता को राहत मिली है और उनकी बचाव टीम अब उनके केस को कॉन्स्टिट्यूशनल कोर्ट में ले गई है.

चेक न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता व्लादिमीर रेपका ने सोमवार को द वायर को बताया, ‘जब तक ऊपरी अदालत संवैधानिक शिकायत पर फैसला नहीं करती, तब तक प्रत्यर्पण कार्यवाही निलंबित की गई है.’

उन्होंने कहा कि गुप्ता ने घोषणा की थी कि वे ‘प्रत्यर्पण रोकने के लिए सभी उपलब्ध जरियों का इस्तेमाल’ करना चाहते हैं.

इससे पहले गुप्ता के परिवार ने हस्तक्षेप के लिए भारतीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपील की थी, जिसमें दावा किया गया था कि चेक जेलों में उनके साथ बदसलूकी हुई और शाकाहारी होते हुए उन्हें मांसाहार खाने को कहा गया.

चेक के न्याय मंत्रालय ने जनवरी में हाईकोर्ट के फैसले के बाद कहा था कि चेक न्यायपालिका के माध्यम से पूरी प्रक्रिया के अंत में आखिरी फैसला न्याय मंत्री द्वारा लिया जाएगा.

गुप्ता अब तक पिछले नवंबर से सामने आए अभियोग में उल्लिखित एकमात्र आरोपी हैं, बताया गया है कि उन्हें किराये के ‘हिटमैन’ के तौर पर लाने वाले भारत सरकार के अधिकारी की पहचान कर ली गई है, लेकिन उनके नाम का खुलासा नहीं किया गया है.

दिल्ली निवासी निखिल गुप्ता को 30 जून 2023 को भारत से चेक गणराज्य के वैकलेव हावेल हवाई अड्डे पर उतरने के बाद बाद 13 जून को जारी एक गिरफ्तारी वारंट और अमेरिका के प्रारंभिक अनुरोध के बाद गिरफ्तार किया गया था.

अमेरिकी न्याय विभाग ने पिछले साल अगस्त में चेक गणराज्य को प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध भेजा था.

निखिल के खिलाफ एक सीलबंद अभियोग पहले न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत में दायर किया गया था, लेकिन उनका नाम नवंबर 2023 में अमेरिकी संघीय अभियोजकों द्वारा नए विस्तृत आरोप जारी करने के बाद ही सार्वजनिक हुआ.

आरोपों में पहली बार यह भी कहा गया कि निखिल गुप्ता ने कथित तौर पर भारत सरकार के एक अधिकारी के निर्देश पर न्यूयॉर्क में खालिस्तानी समूह के लिए काम करने वाले एक वकील को मारने के लिए एक हिटमैन – जो वास्तव में एक अंडरकवर अधिकारी था – को काम पर रखा था.

हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने जिनकी हत्या की जानी थी, उनका नाम जारी नहीं किया है, लेकिन मीडिया में आई ख़बरें बताती हैं कि वह व्यक्ति भारत द्वारा प्रतिबंधित खालिस्तानी समूह सिख फॉर जस्टिस के जनरल काउंसिल गुरपतवंत सिंह पन्नू है.

गौरतलब है कि अमेरिकी संघीय अभियोजकों द्वारा दायर आरोपों और कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बीच संभावित संबंध का भी संकेत मिला. कनाडा ने भारत सरकार के एजेंटों पर गोलीबारी में भूमिका निभाने का आरोप लगाया था, जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. हालांकि, भारत ने अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाने की बात कही थी.

30 जून 2024 को गिरफ्तारी के तुरंत बाद गुप्ता से अमेरिकी अधिकारियों ने पूछताछ की थी. इसके बाद 5 अक्टूबर को अमेरिकी और चेक अधिकारियों ने संयुक्त रूप से गुप्ता से पूछताछ की थी.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)