मालदीव में तैनात सैन्यकर्मियों को ‘सक्षम भारतीय तकनीकी कर्मचारियों’ से बदला जाएगा: भारत

बीते 5 फरवरी को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने घोषणा की थी कि भारत अपने सैन्यकर्मियों को ‘वापस बुलाने’ पर सहमत हो गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान में विवरण नहीं दिया गया और केवल इतना कहा गया कि दोनों देश ‘पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानों के एक सेट पर सहमत हुए हैं.

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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: X/@MEAIndia)

बीते 5 फरवरी को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने घोषणा की थी कि भारत अपने सैन्यकर्मियों को ‘वापस बुलाने’ पर सहमत हो गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान में विवरण नहीं दिया गया और केवल इतना कहा गया कि दोनों देश ‘पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानों के एक सेट पर सहमत हुए हैं.

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: X/@MEAIndia)

नई दिल्ली: पहली बार भारत ने घोषणा की है कि मालदीव में वर्तमान में विमानन प्लेटफार्मों का संचालन करने वाले सैन्यकर्मियों को ‘सक्षम भारतीय तकनीकी कर्मचारियों’ से प्रतिस्थापित (बदला) किया जाएगा.

पिछले हफ्ते कोर ग्रुप की बैठक के बाद मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत 10 मार्च तक तीन विमानों में से एक में सैन्यकर्मियों को ‘प्रतिस्थापित’ (Replace) करने पर सहमत हुआ था और 10 मई तक अन्य दो विमानों में कर्मचारियों को ‘प्रतिस्थापित’ करने का काम पूरा कर लेगा.

हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान में विवरण नहीं दिया गया और केवल इतना कहा गया कि दोनों देश ‘पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानों के एक सेट पर सहमत हुए हैं’.

बीते सोमवार (5 फरवरी) को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने घोषणा की कि भारत अपने सैन्यकर्मियों को ‘वापस लेने’ पर सहमत हो गया है.

यह पहला उदाहरण है, जहां विदेश मंत्रालय द्वारा अस्पष्ट शब्द ‘प्रतिस्थापन’ के पिछले उपयोग से हटकर मालदीव ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय कर्मचारियों को ‘वापस ले लिया जाएगा’.

तीन दिन बाद भारत ने अंतत: स्वीकार कर लिया कि सैन्यकर्मियों को वापस ले लिया जाएगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने गुरुवार (8 फरवरी) को साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा, ‘मैं कहना चाहूंगा कि वर्तमान कर्मचारियों को सक्षम भारतीय तकनीकी कर्मचारियों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा.’

इन प्लेटफार्मों को संचालित करने की विशेषज्ञता आमतौर पर पूर्व सैनिकों में पाई जाती है, जिन्होंने ऐसी उड़ानें संचालित की थीं.

चुनाव जीतने के बाद संसद में अपने पहले भाषण में वापसी की घोषणा करते हुए राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा था कि भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी राष्ट्रपति चुनावों में उनकी सफल चुनावी जीत के प्रमुख कारणों में से एक थी. यह मांग सत्तारूढ़ गठबंधन के ‘इंडिया आउट’ अभियान का आधार थी, जो 2020 में शुरू हुआ था.

मुइज्जू ने आधिकारिक तौर पर भारत से अपनी सेना वापस बुलाने का अनुरोध किया था. मालदीव में चिकित्सा निकासी और खोज एवं बचाव अभियानों के लिए दो हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान संचालित करने के लिए लगभग 80 भारतीय सैन्यकर्मी तैनात हैं.

नवंबर 2023 में शपथ लेने के एक दिन बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने औपचारिक रूप से भारत से अपने सैनिकों को देश से हटाने का अनुरोध किया था. यह कोई आश्चर्य की बात नहीं थी, क्योंकि मुइज्जू का चुनावी प्रचार ​‘इंडिया आउट​’ अभियान के इर्द-गिर्द ही था, जिसमें राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को भारत सरकार के साथ उनकी निकटता के लिए निशाना बनाया था.

नवंबर 2023 में सीओपी शिखर सम्मेलन के मौके पर दुबई में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुइज्जू की बैठक के बाद दोनों देशों ने घोषणा की थी कि एक उच्चस्तरीय समूह इस विवादास्पद विषय पर चर्चा करेगा.

पिछले महीने कोर ग्रुप की उद्घाटन बैठक में मुइज्जू ने 15 मार्च का अल्टीमेटम दिया था, जिससे इस मामले पर भारत से त्वरित कार्रवाई की मालदीव की इच्छा का संकेत मिला था.

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