असम विधानसभा में यह प्रतिक्रिया ‘द वायर’ और ‘द क्रॉसकरंट’ वेबसाइट द्वारा मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की ग़ैर-सरकारी यात्रा के दौरान चार्टर्ड उड़ानों पर राज्य सरकार द्वारा करोड़ों ख़र्च करने पर एक संयुक्त रिपोर्ट प्रकाशित करने के तीन दिन बाद आई है. विधायक अखिल गोगोई के प्रश्नों के जवाब में राज्य सरकार ने यह जानकारी दी है.
नई दिल्ली: ‘द वायर’ और ‘द क्रॉसकरंट’ द्वारा मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की चार्टर्ड उड़ानों से गैर-सरकारी यात्रा पर असम सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करने पर एक संयुक्त रिपोर्ट प्रकाशित होने के तीन दिन बाद राज्य सरकार ने विधानसभा को बताया है कि 10 मई 2021 से 30 जनवरी 2024 तक ‘मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को एयरलिफ्ट/हेलीकॉप्टर शुल्क’ में राज्य के खजाने से कुल 58,23,07,104 रुपये (58 करोड़ 23 लाख, 7 हजार 104 रुपये) खर्च किए गए.
यह जवाब 6 फरवरी को शिवसागर विधायक और रायजोर दल नेता अखिल गोगोई के लिखित प्रश्नों के जवाब में दिया गया था.
हालांकि, हिमंता बिस्वा सरकार ने विशेष रूप से मुख्यमंत्री द्वारा चार्टर्ड उड़ानों पर खर्च की गई राशि का विवरण नहीं दिया, जबकि विधायक गोगोई ने खास तौर पर इस बारे में जानकारी मांगी थी.
सरकार द्वारा सदन में बताई गई कुल राशि का वर्षवार विवरण 10 मई 2021 से 31 दिसंबर 2022 के बीच 10,19,81,946 रुपये था.
वित्तीय वर्ष 2022-23 में मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के लिए चार्टर उड़ानों और हेलीकॉप्टरों पर 34,01,05,848 रुपये का सार्वजनिक धन खर्च किया गया. जनवरी 2023 से जनवरी 2024 तक खर्च की गई राशि 14,02,19,313 रुपये थी.
हालांकि 2022-2023 वित्तीय वर्ष के लिए हिमंता बिस्वा सरकार द्वारा बताई गई राशि पिछले सितंबर में विधानसभा में दिए गए पहले के बयान से मेल खाती है, फिर भी यह सितंबर में ‘द क्रॉसकरंट’ को दिए गए एक आरटीआई जवाब में बताई गई राशि से काफी अधिक है.
असम सरकार द्वारा 22 अगस्त 2022 को दायर आरटीआई आवेदन का लगभग एक साल तक जवाब नहीं देने के बाद गुवाहाटी स्थित समाचार पोर्टल ‘द क्रॉसकरंट’ ने राज्य सूचना आयोग से अपील कर जवाब मांगा था.
आयोग ने 8 अगस्त 2023 को राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग को आरटीआई के माध्यम से मांगी गई जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया था.
सितंबर 2023 में राज्य सरकार ने जानकारी साझा की, लेकिन केवल आंशिक रूप से. आरटीआई आवेदन में 10 मई, 2021 से अब तक ऐसे खर्च का विवरण भी मांगा गया था.
10 मई 2021 वह दिन था, जब भाजपा द्वारा दूसरी बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की जगह नए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने शपथ ली थी.
हिमंता सरकार के आंशिक आरटीआई जवाब पर आधारित द वायर और द क्रॉसकरंट की संयुक्त रिपोर्ट से पता चला है कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री की गैर-सरकारी गतिविधियों में करोड़ों रुपये खर्च किए थे – जिसमें असम के भीतर और बाहर हाई प्रोफाइल शादियों में भाग लेना और चुनाव आयोग के आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करके पार्टी नेताओं और उसके सहयोगियों के लिए प्रचार सहित अपनी पार्टी के काम में शामिल होना शामिल था.
हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने आरटीआई आधारित रिपोर्ट का जवाब देते हुए इसे ‘हिट जॉब’ बताया और दावा किया कि भाजपा ने हिमंता बिस्वा शर्मा के गैर-सरकारी काम के लिए भुगतान किया था, लेकिन वह तुरंत इसका कोई सबूत पेश नहीं कर सकी.
इसके अलावा हिमंता सरकार के आरटीआई जवाब में वे तथ्य सामने आए, जिन्हें द वायर ने सोशल साइट एक्स पर दिए गए सीएमओ के बयान के जवाब में प्रकाशित किया था.
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