इससे पहले राज्य में जब भाजपा सत्ता में थी, तब कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ के अध्यक्ष डी. केम्पन्न ने ही आरोप लगाया था कि कई विभागों में ठेकेदारों को निविदाएं हासिल करने और अपने बिलों का भुगतान करवाने के लिए 40 फीसदी रिश्वत देनी पड़ती है. तब कांग्रेस ने इस मुद्दे को एक प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में उठाया था.
नई दिल्ली: कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ के अध्यक्ष डी. केम्पन्ना ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार में भी 40 प्रतिशत कमीशन प्रथा जारी है, जिसके कारण ठेकेदार परेशान हैं.
बता दें कि जब राज्य में भाजपा सत्ता में थी, तब केम्पन्ना ने आरोप लगाया था कि कई विभागों में ठेकेदारों को निविदाएं हासिल करने और अपने बिलों का भुगतान करवाने के लिए 40 फीसदी रिश्वत देनी पड़ती है. तब कांग्रेस ने इस मुद्दे को एक प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में उठाया था.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, केम्पन्ना ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, ‘मेरी जानकारी के अनुसार, कांग्रेस सरकार में भी 40 प्रतिशत कमीशन संस्कृति प्रचलित है. जब भाजपा सत्ता में थी तो विधायक पैसा मांग रहे थे और अब अधिकारी पैसा वसूल रहे हैं. हालांकि, हम नहीं जानते कि ये अधिकारी किसके आदेशों का पालन कर रहे हैं.’
उन्होंने अधिकारियों के नाम बताने से इनकार कर दिया, क्योंकि कम से कम पांच अधिकारियों ने आरोप लगाने के लिए उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है. उनको ऐसा करने से रोकने वाले भी एक आदेश है.
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि अगर ठेकेदार रिश्वत नहीं देते हैं, तो अधिकारी बिल जारी नहीं करते हैं और कार्य आदेश जारी नहीं करते हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य इन अधिकारियों द्वारा नियंत्रित है. केम्पन्ना ने कहा कि संघ ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से कई बार मुलाकात की और ‘लगभग 50 फीसदी समस्या अब हल हो गई है.’
मौके का फायदा उठाते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि जब केम्पन्ना ने भाजपा पर आरोप लगाए तो कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया था और अब वही ठेकेदार सत्तारूढ़ दल के खिलाफ कमीशन के आरोप लगा रहा है. उन्होंने कहा, ‘वास्तव में कमीशन की राशि 80 फीसदी है, सिर्फ 40 फीसदी नहीं है.’
उन्होंने राज्य सरकार से पैकेज सिस्टम में टेंडर न बुलाने का भी आग्रह किया, जिसके कारण छोटे और मध्यम स्तर के ठेकेदार भाग नहीं ले पाते हैं.