मंत्री ने विधानसभा में बताया- गुजरात में 300 से अधिक सरकारी स्कूल एक कमरे में चल रहे हैं

गुजरात सरकार ने विधानसभा में बताया कि गुजरात शिक्षा विभाग में प्रशासनिक अधिकारियों के 1,400 से अधिक पद दिसंबर 2023 तक खाली पड़े थे. अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक पटेल ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा के तहत राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता तेज़ी से गिर रही है और यह अन्य राज्यों की तुलना में कहीं नहीं खड़ा है.

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(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक)

गुजरात सरकार ने विधानसभा में बताया कि गुजरात शिक्षा विभाग में प्रशासनिक अधिकारियों के 1,400 से अधिक पद दिसंबर 2023 तक खाली पड़े थे. अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक पटेल ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा के तहत राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता तेज़ी से गिर रही है और यह अन्य राज्यों की तुलना में कहीं नहीं खड़ा है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Pixabay)

नई दिल्ली: गुजरात सरकार ने मंगलवार (20 फरवरी) को विधानसभा में बताया कि राज्य में कुल 341 सरकारी प्राथमिक स्कूल एक कमरे में संचालित होते हैं, जबकि शिक्षा विभाग में प्रशासनिक अधिकारियों के 1,400 से अधिक पद दिसंबर 2023 तक खाली पड़े थे.

मौजूदा बजट सत्र के प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक किरीट पटेल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर द्वारा ये आंकड़े पेश किए गए हैं.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री ने इस स्थिति के पीछे के कारणों में हाल के दिनों में जीर्ण-शीर्ण कक्षाओं का विध्वंस, छात्रों की कम उपस्थिति और नई कक्षाओं के निर्माण के लिए भूमि की अनुपलब्धता आदि गिनाए गए हैं.

उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि इन स्कूलों में नई कक्षाएं ‘जितनी जल्दी हो सके’ चरणों में बनाई जाएंगी.

गुजरात शिक्षा सेवा कैडर के क्लास-1 और क्लास-2 अधिकारियों के रिक्त पदों के बारे में विधायक पटेल द्वारा उठाए गए एक अन्य प्रश्न का जवाब देते हुए डिंडोर ने कहा कि 31 दिसंबर 2023 तक 781 पद भरे हुए थे, जबकि 1,459 पद खाली थे.

मंत्री ने कहा कि इन रिक्त पदों को पदोन्नति और सीधी भर्ती के माध्यम से जल्द से जल्द भरा जाएगा.

अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक पटेल ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा के तहत गुजरात में शिक्षा की गुणवत्ता तेजी से गिर रही है और राज्य अन्य राज्यों की तुलना में कहीं नहीं खड़ा है.

पटेल ने दावा किया, ‘भाजपा सरकार केवल प्रचार करने और गुजरात को एक मॉडल राज्य के रूप में पेश करने में अच्छी है, जबकि वास्तविकता अलग है. 2023 की प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 25 प्रतिशत बच्चे गुजराती, जबकि 47.20 प्रतिशत अंग्रेजी नहीं पढ़ सकते. गुजरात शिक्षा के मामले में अच्छा प्रदर्शन करने वाले शीर्ष पांच राज्यों में नहीं है.’

डिंडोर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अब तक 65,000 से अधिक स्मार्ट क्लासरूम बनाए गए हैं और अन्य 43,000 निर्माणाधीन हैं.

उन्होंने कहा, ‘मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस प्रोजेक्ट के तहत हमने 2023-24 में 15,000 कक्षाओं का निर्माण किया है, जबकि अन्य 15,000 कक्षाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है. 5,000 से अधिक कंप्यूटर लैब का निर्माण किया गया है और स्कूलों में 15,000 से अधिक ऐसी लैब बनाने का काम जारी है.’

मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के कारण 2022-23 में प्राथमिक स्कूलों में ड्रॉपआउट अनुपात 37.22 प्रतिशत से गिरकर 2.68 प्रतिशत हो गया.

उन्होंने कहा, ‘स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2023-24 में कुल 22,349 विद्या सहायक और ज्ञान सहायक (संविदा शिक्षक) नियुक्त किए गए हैं. वर्ष 2024-25 के लिए मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के तहत प्राथमिक स्कूलों के उन्नयन के लिए 2,785 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है.’