पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके से रिपब्लिक बांग्ला समाचार चैनल के पत्रकार संतू पैन को बीते 19 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. पत्रकार पर एक स्थानीय महिला के घर में घुसने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. कोलकाता प्रेस क्लब ने भी उनकी गिरफ़्तारी की निंदा की और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की.
नई दिल्ली: बशीरहाट सत्र अदालत ने मंगलवार को उस पत्रकार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में दे दिया, जिसे एक दिन पहले उत्तर 24 परगना जिले के हिंसा प्रभावित संदेशखाली इलाके में टेलीविजन पर लाइव रिपोर्टिंग करते समय पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी-दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने कहा, ‘प्रारंभिक जांच के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने आज उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.’
पुलिस ने कहा कि रिपब्लिक बांग्ला चैनल में काम करने वाले संतू पैन नामक पत्रकार पर एक स्थानीय महिला के घर में घुसने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमने उन्हें संदेशखाली इलाके में एक महिला द्वारा दायर शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया है. महिला ने आरोप लगाया है कि जब उन्होंने ठीक से कपड़े नहीं पहने हुए थीं, तो पत्रकार उनके घर में घुस गए और शूटिंग शुरू कर दी थी.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 447-448 (अतिक्रमण), धारा 354 (शील भंग करना) 354-सी (ताक-झांक करना), 509 (किसी महिला की गरिमा का अपमान करना), 506 (आपराधिक धमकी) और धारा 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किया गया कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बीते सोमवार (20 फरवरी) को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा ऑन-ड्यूटी टीवी पत्रकार की गिरफ्तारी को चिंताजनक बताया. एक बयान में गिल्ड ने कहा कि पत्रकार संतू पैन टेलीविजन पर लाइव रिपोर्टिंग कर रहे थे, जब पुलिसकर्मियों ने उन्हें उठा लिया.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, एडिटर्स गिल्ड ने कहा, ‘ड्यूटी के दौरान उनकी गिरफ्तारी चिंताजनक है.’ बयान में कहा गया है कि पुलिस को निश्चित रूप से जांच करनी चाहिए कि क्या पत्रकार पर आरोप लगाए गए हैं, लेकिन जब वह रिपोर्टिंग कर रहे थे तो उन्हें ले जाना वास्तव में चिंता का कारण है.
बयान में कहा गया, ‘एडिटर्स गिल्ड ने पश्चिम बंगाल प्रशासन से शीघ्र जांच करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया है कि पत्रकार के साथ कोई अन्याय न हो. सरकार को भी प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए.’
कोलकाता प्रेस क्लब ने भी उनकी गिरफ्तारी की निंदा की और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की.
एक बयान में कहा गया, ‘हम उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हैं. अगर उनके खिलाफ कोई विशेष आरोप है, तो यह जांच का विषय है. लेकिन कोलकाता प्रेस क्लब एक ऑन-ड्यूटी पत्रकार की गिरफ्तारी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराता है.’
इसी बीच, अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने एक शिकायत पर पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस भेजा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पत्रकार को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया.
आयोग ने एक बयान में कहा कि ये आरोप मानवाधिकारों के उल्लंघन और प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध का गंभीर मुद्दा उठाते हैं.
एक शिकायत पर संज्ञान लेते हुए एनएचआरसी ने कहा, ‘बिना किसी पूर्व सूचना के पुलिस ने पत्रकार को घेर लिया, उसके साथ मारपीट की और उसे जबरन अवैध हिरासत में ले लिया.’
एनएचआरसी ने डीजीपी को दो सप्ताह के भीतर मामले पर एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. अधिकारियों ने कहा कि इसने डीआईजी (जांच) को टेलीफोन द्वारा तथ्यों का पता लगाने और एक सप्ताह के भीतर आयोग को अपने निष्कर्ष सौंपने को भी कहा है.