सुप्रीम कोर्ट के पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों पर अस्थायी बैन लगाने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में योग गुरु रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद की दवाओं के विज्ञापनों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है. बार एंड बेंच के अनुसार, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि पतंजलि भ्रामक दावे करके देश को धोखा दे रही है कि उसकी दवाएं कुछ बीमारियों को ठीक कर देंगी, जबकि इसके लिए कोई अनुभवजन्य साक्ष्य नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने पतंजलि के संस्थापकों रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को उनके उत्पादों की बीमारियों को ठीक करने की क्षमता के बारे में झूठे और भ्रामक दावों का प्रचार जारी रखकर अदालत के पिछले आदेशों का उल्लंघन करने के लिए अवमानना ​​नोटिस भी जारी किया. कोर्ट ने साल 2022 में इसके खिलाफ वर्तमान याचिका दायर होने के बावजूद भ्रामक विज्ञापनों से न निपटने के लिए केंद्र सरकार की भी खिंचाई की. इसने कहा, ‘पूरे देश को धोखा दिया गया है! दो साल से आप इंतजार कर रहे हैं कि कब ड्रग्स एक्ट कहे कि यह प्रतिबंधित है?’ शीर्ष अदालत ने यह भी आदेश दिया कि पतंजलि को दवा के अन्य स्वरूपों के खिलाफ प्रतिकूल बयान या दावा नहीं करना है.

कर्नाटक में राज्यसभा की सभी तीन सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल कर ली है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, मंगलवार को संसद के उच्च सदन के लिए चल रहे चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को एक सीट मिली है. कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और जीसी चंद्रशेखर ने क्रमशः 47, 46 और 46 वोटों से जीत हासिल की. दूसरी ओर, भाजपा के एक ही उम्मीदवार नारायण बंदगे को जीत मिली. इस चुनाव में चार सीटों के लिए पांच उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें जेडीएस के उम्मीदवार डी. कुपेंद्र रेड्डी भी शामिल थे. चुनाव में क्रॉस वोटिंग की वजह से हंगामा भी हुआ. जहां भाजपा विधायकों में से एक- एसटी सोमशेखर ने कांग्रेस के अजय माकन को वोट दिया, वहीं एक अन्य विधायक ए शिवराम हेब्बार ने मतदान में भाग नहीं लिया.

महाराष्ट्र सरकार ने एक्टिविस्ट मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में हुए मराठा आरक्षण आंदोलन की एसआईटी जांच का आदेश दिया है. द इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, यह कदम जरांगे पाटिल द्वारा महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पर उन्हें निशाना बनाने की साजिश रचने का आरोप लगाने के बाद आया है. मंगलवार को महाराष्ट्र विधान परिषद में बोलते हुए सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर कई नेता बड़े हो गए हैं, जरांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण की मांग उठाई थी, उनका कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था और मैं भी उनके पास गया… लेकिन अब वे उपमुख्यमंत्री, हमारे मंत्रियों और सरकार पर टिप्पणी कर रहे हैं…क्यों? यह भाषा कार्यकर्ता की नहीं, राजनीतिक भाषा है. हम किसी के खिलाफ ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसलिए एसआईटी को मामले की जांच करने दीजिए और दूध का दूध पानी का पानी होने दीजिए.’ सरकार ने संकेत दिया है कि यदि मराठा आरक्षण के लिए जरांगे पाटिल का आंदोलन राजनीति से प्रेरित, फंडिंग और अशांति पैदा करने का इरादा है, तो राज्य में कानून-व्यवस्था पर इसके प्रभाव का आकलन करने के लिए एक व्यापक एसआईटी जांच की जाएगी. एसआईटी जांच की मांग भाजपा विधायक आशीष शेलार ने उठाई थी, जिसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने एसआईटी जांच के आदेश दिए.

साल 2023 में भारत में हेट स्पीच की 75 प्रतिशत घटनाएं भाजपा शासित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में हुईं. द हिंदू के अनुसार, अमेरिका स्थित संगठन ‘इंडिया हेट लैब’ द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, जहां साल 2023 की पहली छमाही में हेट स्पीच 255 घटनाएं हुईं, वहीं दूसरी छमाही में यह संख्या बढ़कर 413 हो गई यानी इनमें 62% की वृद्धि’ दर्ज की गई. इनमें से लगभग 75% यानी 498 घटनाएं भाजपा शासित राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों (भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा शासित) और दिल्ली (पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था केंद्र सरकार के दायरे में आती हैं) में हुईं. इनमें से 36% यानी 239 घटनाओं में ‘मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा का प्रत्यक्ष आह्वान शामिल था. इसके अलावा लगभग 25% यानी 169 भाषणों में मुस्लिम पूजा स्थलों को निशाना बनाने का आह्वान किया गया था.

बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में गंगा और अन्य नदियों का पानी नहाने के लिए भी असुरक्षित पाया गया है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, बीएसपीसीबी द्वारा हाल ही में विधानसभा में पेश की गई नदियों के स्वास्थ्य पर वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट बताती है कि बिहार के 27 जिलों में गंगा, सोन, कोसी, बागमती आदि नदियों के 98 बिंदुओं पर सैंपल जांच पर आधारित रिपोर्ट में पानी में मलीय कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया (Faecal Coliform Bacteria) की अत्यधिक उपस्थिति देखी गई, जो नहाने और सिंचाई के लिए उपयुक्त नहीं है.

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