मणिपुर: 200 बंदूकधारियों ने एसपी के घर पर हमला कर अपहरण किया, बाद में छुड़ाया गया

इंफाल पूर्वी ज़िले में यह घटना 27 फरवरी की शाम को हुई, जब एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को कथित तौर पर मेईतेई संगठन अरमबाई तेंगगोल के कार्यकर्ताओं द्वारा उठा लिया गया था. राज्य में हालिया तनाव बढ़ने के बाद सेना को बुलाया गया है और असम राइफल्स की चार टुकड़ियों को इंफाल पूर्व में तैनात किया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: X/@manipur_police)

इंफाल पूर्वी ज़िले में यह घटना 27 फरवरी की शाम को हुई, जब एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को कथित तौर पर मेईतेई संगठन अरमबाई तेंगगोल के कार्यकर्ताओं द्वारा उठा लिया गया था. राज्य में हालिया तनाव बढ़ने के बाद सेना को बुलाया गया है और असम राइफल्स की चार टुकड़ियों को इंफाल पूर्व में तैनात किया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: X/@manipur_police)

नई दिल्ली: पुलिस ने कहा कि मंगलवार को मणिपुर में तनाव और बढ़ गया जब इंफाल पूर्वी जिले में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का कथित तौर पर मेईतेई संगठन अरामबाई तेंगगोल के कार्यकर्ताओं द्वारा अपहरण कर लिया गया.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि इंफाल पूर्व के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एम. अमित सिंह को बाद में पुलिस और सुरक्षा बलों की त्वरित कार्रवाई के बाद बचा लिया गया.

मणिपुर पुलिस के ऑपरेशन विंग में तैनात अधिकारी अमित सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. मंगलवार शाम के हमले में कथित तौर पर अरामबाई तेंगगोल से जुड़े सशस्त्र कैडरों ने घर में तोड़फोड़ की और गोलियों से कम से कम चार वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने अनाम अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि मणिपुर में ताजा तनाव बढ़ने के बाद सेना को बुलाया गया है और असम राइफल्स की चार टुकड़ियों को इंफाल पूर्व में तैनात किया गया है, जहां पुलिस अधिकारी का अपहरण कर लिया गया था.

मंगलवार (27 फरवरी) शाम करीब 7 बजे हुई घटना की जानकारी देते हुए मणिपुर पुलिस ने बताया कि करीब 200 की संख्या में गाड़ियों में आए हथियारबंद बदमाशों ने अमित सिंह के आवास पर धावा बोल दिया.

मणिपुर पुलिस ने एक्स (औपचारिक रूप से ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘27 फरवरी, 2024 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, आईडब्ल्यू, मोइरांगथेम अमित, एमपीएस के आवास पर गोलीबारी की घटना. लगभग 200 की संख्या में वाहनों में आए सशस्त्र बदमाशों ने इंफाल पूर्वी जिले के पोरोम्पैट थाना अंतर्गत वांगखेई टोकपम लीकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री मोइरांगथेम अमित सिंह, एमपीएस पुत्र डॉ. एम. कुल्ला सिंह के आवास पर धावा बोल दिया. हथियारबंद बदमाशों ने आवास पर घरेलू संपत्ति में तोड़फोड़ की.’

इसमें आगे कहा गया है कि, ‘सूचना मिलने पर अतिरिक्त सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे. जवाबी पुलिस कार्रवाई में दो व्यक्ति- रबिनाश मोइरांगथेम, 24 वर्ष पुत्र एम. रंजन, क्वाकीथेल अखम लीकाई और कंगुजम भीमसेन, 20 वर्ष पुत्र के. अबोसाना, खोंगमान बाशिखोंग को चोटें आईं और उन्हें जेएनआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया. घटना के बीच हथियारबंद बदमाशों ने एडिशनल एसपी और उनके एक साथी का अपहरण कर लिया. बाद में उन्हें क्वाकीथेल कोन्जेंग लीकाई क्षेत्र से बचाया गया और इलाज के लिए राज मेडिसिटी में भर्ती कराया गया. इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू हो गई है.’

भीड़ ने मणिपुर पुलिस अधिकारी पर हमला क्यों किया?

समाचार एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि इस अंधाधुंध गोलीबारी का कारण यह था कि संबंधित अधिकारी ने वाहन चोरी में कथित संलिप्तता के लिए समूह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था.

गिरफ्तारी के बाद मीरा पाइबिज (मेईतेई महिला समूह) के एक समूह ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया.

घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए पुलिस अधिकारी के पिता एम. कुल्ला ने कहा, ‘हमने हथियारबंद लोगों के घुसने के बाद उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन अचानक उन्होंने वाहनों और संपत्तियों पर गोलीबारी शुरू कर दी. इसलिए हमें अंदर भागना पड़ा और खुद को बंद करना पड़ा.’

अधिकारियों के मुताबिक, एम. कुल्ला ने अपने बेटे को फोन किया और घटना की जानकारी दी.

पीटीआई ने कहा कि अधिकारी अपनी टीम के साथ भागे लेकिन उनका अपहरण कर लिया गया क्योंकि उनकी संख्या कथित तौर पर अरामबाई तेंगगोल से जुड़े कैडरों से कम थी.

रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और एक सफल बचाव अभियान शुरू करने के लिए बलों को जुटाया, जिससे कुछ ही घंटों में अमित कुमार की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हो गई.

बचाव प्रयासों के बाद बिगड़े हालात मणिपुर सरकार को सेना की मदद लेनी पड़ी.

सशस्त्र समूह के खिलाफ कार्रवाई पर ‘रोक लगाने’ के आदेश पर मणिपुर कमांडो का विरोध प्रदर्शन

मणिपुर पुलिस कमांडो के एक वर्ग ने यह आरोप लगाते हुए कि राज्य में एक सशस्त्र समूह के लगभग 200 सदस्यों द्वारा राज्य की राजधानी इंफाल में मंगलवार रात एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के घर पर गोलीबारी और तोड़फोड़ के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने उनसे खुद को नियंत्रित करने के लिए कहा था, ‘हथियार रखकर’ (आर्म्स डाउन) विरोध प्रदर्शन शुरू किया है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि कमांडो इस बात से नाराज हैं कि उन्हें कथित तौर पर सशस्त्र समूह पर प्रभावी गोलीबारी का जवाब नहीं देने के लिए कहा गया था, जिनके सदस्यों ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एम. अमित और उनके सुरक्षा गार्ड का भी अपहरण कर लिया था.

सोशल मीडिया पर साझा की गई गोलीबारी के वीडियो फुटेज में आस-पास के निवासी स्वचालित गोलियों की तेज आवाज के बीच अंधेरे में छिपने के लिए भागते दिख रहे हैं.

सूत्रों ने बताया कि सेना, असम राइफल्स और राज्य पुलिस के जवानों ने बाद में इलाके पर नियंत्रण कर लिया.

मालूम हो कि मणिपुर में भूमि, संसाधनों, राजनीतिक प्रतिनिधित्व और सकारात्मक कार्रवाई नीतियों पर असहमति को लेकर जातीय हिंसा नौ महीने से जारी है.

मालूम हो कि 3 मई 2023 को मणिपुर में मेईतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक लगभग 200 लोग जान गंवा चुके हैं, सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.

3 मई 2023 को बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बीच दोनों समुदायों के बीच यह हिंसा भड़की थी.

मणिपुर की आबादी में मेईतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नगा और कुकी समुदाय शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.