मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पुलिसकर्मियों के एक आवासीय परिसर का उद्घाटन किया था. पुलिस का कहना है कि एक चैनल के साथ काम करने वाले ग़ाज़ियाबाद के पत्रकार ने सोशल मीडिया पर उक्त परिसर की तस्वीर के बजाय अन्य निर्माणाधीन इमारत की तस्वीर डाली, जो सरकार और ग़ाज़ियाबाद पुलिस को बदनाम करने का प्रयास था.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बुधवार (28 फरवरी) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा एक इमारत का उद्घाटन करते ही पुलिस ने एक पत्रकार के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कर लिया, क्योंकि उसने कथित तौर पर परिसर के निर्माण के संबंध में सोशल मीडिया पर गलत जानकारी पोस्ट की थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आदित्यनाथ ने दोपहर के आसपास खोरा पुलिस थाने के परिसर में पुलिसकर्मियों के रहने के लिए बनी एक इमारत का उद्घाटन किया. इस बीच, एक समाचार चैनल के साथ काम करने वाले गाजियाबाद के पत्रकार लोकेश राय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर तस्वीरों के साथ उद्घाटन का एक वीडियो पोस्ट किया, जिनमें एक निर्माणाधीन इमारत दिखाई दे रही थी.
यह कहते हुए कि ये तस्वीरें उसी इमारत की हैं जिसका उद्घाटन किया जा रहा था, राय ने आरोप लगाया था कि यह अभी तक तैयार नहीं हुई है. इसके लगभग 15 मिनट बाद गाजियाबाद पुलिस के आधिकारिक एकाउंट से एक्स पर एक दूसरी इमारत का वीडियो पोस्ट किया गया, जिसको लेकर उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री इस इमारत का उद्घाटन कर रहे थे.
इसके बाद राय ने दोपहर 1 बजे तक अपना पोस्ट डिलीट कर दिया.
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए पत्रकार ने कहा कि यह एक ‘छोटी-सी भूल’ थी और उन्होंने जानबूझकर गलत पोस्ट नहीं किया था. राय ने अखबार को बताया, ‘एफआईआर दर्ज करने से पहले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मुझे फोन किया और पोस्ट को हटाने के लिए कहा क्योंकि जानकारी गलत थी. कुछ मिनट पहले मुझे पता चला कि मामले में एफआईआर दर्ज की गई है.’
पुलिस का पक्ष
डीसीपी (ट्रांस-हिंडन) निमिष पटेल के अनुसार, रिपोर्ट में उल्लिखित आवासीय भवन के बजाय राय ने पुलिस स्टेशन के प्रशासनिक भवन की तस्वीरें पोस्ट कीं, जो वर्तमान में निर्माणाधीन है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, डीसीपी ने कहा, ‘आरोपी ने सूचना की जांच नहीं की थी और यूपी पुलिस, डीजीपी और अन्य अधिकारियों को टैग करके एक्स पर पोस्ट कर दी थी.’ रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने आरोप लगाया कि यह पोस्ट आदित्यनाथ सरकार और गाजियाबाद पुलिस को बदनाम करने का एक प्रयास था.
खोरा पुलिस स्टेशन के उप-निरीक्षक लोकेश कुमार द्वारा पत्रकार के खिलाफ आईपीसी की धारा 500 (मानहानि की सजा), 501 (मानहानि करने वाली बात को छापना) और आईटी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
उल्लेखनीय है कि रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) द्वारा जारी विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक के अनुसार, 2023 में भारत प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में 180 देशों में से 161वें स्थान पर खिसक गया था.