हैदराबाद के पुराना पुल मेन रोड पर बंद मैनहोल की सफाई के दौरान ज़हरीली गैस की चपेट में आने से तीन श्रमिकों की मौत हो गई. मृतकों को अयप्पा इंफ्रा कॉन्ट्रैक्ट एजेंसी द्वारा दिहाड़ी मजदूरी पर काम पर रखा गया था, जिसके ख़िलाफ़ पुलिस ने ग़ैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है.
नई दिल्ली: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में शुक्रवार को एक सीवरेज मैनहोल की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से तीन श्रमिकों की मौत हो गई.
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि शहर के कुलसुमपुरा में पहली बार मैनहोल में घुसा एक कर्मचारी गिर गया और उसे बचाने की कोशिश करने वाले दो अन्य भी बेहोश हो गए.
तीन मजदूरों में से एक को बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के आपदा प्रतिक्रिया बल (डीआरएफ) के कर्मियों ने दो अन्य के शव बरामद किए.
उन्होंने बताया कि तीनों को एक निजी एजेंसी ने सीवरेज की सफाई के लिए काम पर रखा था.
डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना पुराना पुल मुख्य सड़क पर बंद मैनहोल की सफाई के दौरान शुक्रवार दोपहर 3.30 बजे हुई. पहले सफाई कर्मचारी एम. श्रीनिवास (40) ने मैनहोल का ढक्कन खोला और अपना संतुलन खो बैठे.
कुलसुमपुरा के सब-इंस्पेक्टर बी. मनमोहन गौड़ ने कहा कि उनके सहकर्मी वी. हनमंत (42) और एम. वेंकटेश्वर राव उन्हें बचाने के लिए मैनहोल में कूद गए, लेकिन जहरीली गैस के कारण वे बेहोश हो गए और उनकी मौत हो गई.
उन्होंने कहा कि पीड़ितों को अयप्पा इंफ्रा कॉन्ट्रैक्ट एजेंसी द्वारा दिहाड़ी मजदूरी पर काम पर रखा गया था. एक अन्य सहकर्मी, जीवन राज, जिसने दूसरों को बचाने के लिए खुद को रस्सी से बांध लिया था, ने दूसरों की मदद से अपने सहकर्मियों को बाहर निकाला.
गौड़ ने कहा, ‘वह भी जहरीली गैस के कारण बीमार पड़ गए.’
उन्होंने कहा कि मैनहोल में गिरने वाले पहले कर्मचारी श्रीनिवास की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि हनमंत और वेंकटेश्वर राव को उस्मानिया जनरल अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
पुलिस ने ठेका एजेंसी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है. सीएलयूईएस टीमों ने गैस के नमूने एकत्र किए हैं.
सूत्रों ने बताया कि पुलिस जांच रिपोर्ट और पीएमई रिपोर्ट के बाद अधिकारी घटना की विभागीय जांच का आदेश दे सकते हैं. पीड़ितों के शवों को ओजीएच शवगृह में स्थानांतरित कर दिया गया था, बाद में जिन्हें उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया.