कलकत्ता हाईकोर्ट के जज द्वारा इस्तीफ़ा देकर भाजपा में शामिल होने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने मंगलवार (5 मार्च) को कहा कि वह आगामी 7 मार्च को भाजपा में शामिल हो सकते हैं और पार्टी तय करेगी कि वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उन्होंने कहा कि भाजपा एकमात्र राष्ट्रीय दल है जो तृणमूल कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा है. उन्होंने यह घोषणा साल्ट लेक स्थित अपने आवास पर एक प्रेस वार्ता में की, जिसका आयोजन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपने के कुछ घंटों बाद किया गया. इस्तीफे की प्रतियां भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम को भी भेजी गईं. बता दें कि गंगोपाध्याय बड़ी पीठों के आदेशों की अनदेखी करने, एक टेलीविजन चैनल को साक्षात्कार देने, सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को निर्देश जारी करने आदि के चलते अपने कामकाज के तरीके को लेकर काफी विवादित रहे.

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को संदेशखाली घटना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी, जिसमें पूर्व तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के घर पर छापा मारने जा रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर हमला किया गया था. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि शाम 4.30 बजे तक शाहजहां की हिरासत केंद्रीय एजेंसी को सौंप दें. इससे पहले, हाईकोर्ट ने संदेशखाली घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था. मंगलवार को एसआईटी को रद्द करके मामले की जांच सीबीआई को देने का आदेश दिया. लाइव लॉ के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. 

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा है कि 10 मई के बाद कोई भी भारतीय सैन्यकर्मी उनके देश के अंदर मौजूद नहीं रहेगा, यहां तक कि सिविल ड्रेस में भी नहीं. इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि मुइज्जू ने कहा कि भारतीय सेना इस देश में किसी भी प्रकार के कपड़े पहनकर नहीं रह सकती है. मुइज्जू का यह बयान उस घटना के एक हफ्ते से भी कम समय बाद आया है जब एक भारतीय नागरिक दल मालदीव में तीन विमानन प्लेटफार्मों में से एक का कार्यभार संभालने के लिए वहां पहुंचा था.

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड की खरीद पर विवरण जमा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 30 जून 2024 तक का समय मांगने के बाद, कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि वह लोकसभा चुनाव से पहले अपने ‘चंदे के कारोबार’ और ‘असली चेहरे’ को छिपाने की कोशिश कर रही है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सवाल उठाया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चुनावी बॉन्ड के बारे में सच्चाई जानना देश के लोगों का अधिकार है, तो फिर एसबीआई क्यों नहीं चाहता कि चुनाव से पहले यह जानकारी सार्वजनिक की जाए? माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने इसे न्याय का मखौल करार देते हुए एसबीआई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के हित में काम करने का आरोप लगाया है. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि मोदी सरकार चुनावी बॉन्ड के माध्यम से अपने संदिग्ध लेनदेन को छिपाने के लिए देश के सबसे बड़े बैंक को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ 2018 में दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को खारिज कर दिया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2018 में शिवकुमार के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) का मामला दर्ज किया था और 3 सितंबर 2019 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद, दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 अक्टूबर 2019 को उन्हें जमानत दे दी थी. अगस्त 2017 में, आयकर विभाग ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री के दिल्ली स्थित सफदरजंग एन्क्लेव अपार्टमेंट से 8.59 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई थी, जिसके आधार पर ईडी ने मामला बनाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.

दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा के माओवादी लिंक मामले में बरी होने पर उनकी पत्नी वसंता कुमारी ने मंगलवार को बड़ी राहत व्यक्त की और कहा कि 10 साल के संघर्ष के बाद न्याय मिला है. एनडीटीवी के मुताबिक, कुमारी ने कहा कि उनके पति की प्रतिष्ठा कभी भी दांव पर नहीं लगी क्योंकि जो लोग उन्हें जानते थे वे उन पर विश्वास करते थे. उन्होंने संघर्ष के दौरान साईबाबा का समर्थन करने वाले वकीलों और कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद दिया. बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने मंगलवार को साईबाबा को मामले में यह देखते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ मामला साबित करने में विफल रहा.