जबलपुर स्थित रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी की घटना. विश्वविद्यालय ने परीक्षा की समय सारणी और प्रवेश पत्र जारी किए थे लेकिन प्रशासन एमएससी कंप्यूटर विज्ञान की परीक्षा आयोजित करना भूल गया. परीक्षा 5 मार्च 2024 को होनी थी. मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक विचित्र घटना सामने आई है, जहां रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी ने परीक्षा समय सारणी और प्रवेश पत्र जारी किए लेकिन प्रशासन एमएससी कंप्यूटर विज्ञान की परीक्षा आयोजित करना भूल गया.
यह इम्तिहान 5 मार्च 2024 को होना था. मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय ने करीब 20 दिन पहले एमएससी कंप्यूटर साइंस प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा आयोजित करने के लिए टाइम टेबल घोषित कर दिया था.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, हंगामा तब हुआ जब विश्वविद्यालय के छात्र आंखों पर पट्टी बांधकर कुलपति से मिलने पहुंचे. इन छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी एमएससी कंप्यूटर साइंस फर्स्ट सेमेस्टर का पेपर कराना भूल गई, जिसका शेड्यूल और एडमिट कार्ड यूनिवर्सिटी ने जारी कर दिया था.
एनएसयूआई का आरोप है कि अगर पेपर रद्द किया गया था तो इसकी सूचना उन सभी छात्रों को दी जानी चाहिए थी, जिन्हें पहले प्रवेश पत्र जारी किए गए थे. लेकिन, यूनिवर्सिटी ने ऐसा नहीं किया, जिससे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इस परीक्षा में कुल 10 छात्र शामिल होने वाले थे.
कुलपति ने इस अनियमितता की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.
यूनिवर्सिटी ने एमएससी केमिस्ट्री थर्ड सेमेस्टर, कंप्यूटर साइंस फर्स्ट सेमेस्टर और कंप्यूटर साइंस थर्ड सेमेस्टर 2023-24 का टाइम टेबल 14 फरवरी 2024 को जारी किया था. तीनों कोर्स की परीक्षाएं 21 फरवरी से 13 मार्च तक सुबह 8 बजे से 11 बजे तक होनी थीं.
टाइम टेबल के मुताबिक, एमएससी प्रथम सेमेस्टर के ‘कंप्यूटर ऑर्गनाइजेशन एंड असेंबली लैंग्वेज’ विषय का पेपर 5 मार्च को होना था. छात्रों को एडमिट कार्ड भी मिल गए थे.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रों ने कहा, ‘मंगलवार (5 मार्च) से होने वाली परीक्षा के लिए छात्रों को प्रवेश पत्र जारी किए गए थे. जब छात्र मंगलवार सुबह विश्वविद्यालय पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि कोई परीक्षा नहीं है और विश्वविद्यालय ने भी प्रश्नपत्र तैयार नहीं किया है.’
नाम न छापने की शर्त पर एक छात्र ने कहा, ‘हमने परीक्षा में शामिल होने के लिए पूरी रात पढ़ाई की लेकिन जब हम विश्वविद्यालय पहुंचे तो हमें बताया गया कि प्रशासन इसे भूल गया है.’
एनएसयूआई संगठन के नेता सचिन रजक ने कहा, ‘यह विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही का एक गंभीर मामला है. वे परीक्षा आयोजित करने के लिए आवश्यक डेटशीट और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को कैसे भूल सकते हैं. छात्रों ने परीक्षा में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन उन्हें मूर्ख बना दिया गया. यह किसी छोटे स्कूल या कॉलेज का नहीं बल्कि एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय का मामला है.’
छात्रों ने विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन किया और कार्रवाई की मांग की. बताया गया है कि विश्वविद्यालय के कुलपति आरके वर्मा ने विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की और छात्रों से मुलाकात की.
उन्होंने कहा, ‘मामले की जांच शुरू कर दी गई है क्योंकि परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि परीक्षा स्थगित कर दी गई है, लेकिन वे कॉलेज और छात्रों को इसके बारे में सूचित करना कैसे भूल गए. जांच रिपोर्ट के बाद जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.’
हंगामा बढ़ता देख कुलपति डॉ. राजेश वर्मा और रजिस्ट्रार दीपेश मिश्रा ने तुरंत इस परीक्षा का नया शेड्यूल जारी कर दिया. इस अनियमितता की जांच का जवाब देने के लिए परीक्षा आयोजित करने वाले अधिकारियों को तीन दिन का समय दिया गया है.