मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य एनआरसी लागू नहीं कर सकता. हमने सदन में प्रस्ताव पारित किया है और मणिपुर में एनआरसी लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए केंद्र सरकार को सिफ़ारिश भेज रहे हैं.
नई दिल्ली: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बुधवार को कहा कि वह राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने के लिए केंद्र को सिफारिश भेजेंगे क्योंकि उनकी सरकार इसे अकेले नहीं कर सकती.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एन. बीरेन सिंह का बयान विधानसभा द्वारा एक प्रस्ताव पारित करने के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें केंद्र सरकार से ‘विशेष रूप से राज्य और सामान्य रूप से राष्ट्र के हित में’ राज्य में एनआरसी लागू करने का आग्रह किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राज्य इसे (एनआरसी) लागू नहीं कर सकता. हमने सदन में प्रस्ताव पारित किया है. हम मणिपुर में एनआरसी लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए केंद्र सरकार को एक सिफारिश भेज रहे हैं.’
सिंह ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि इसका आधार वर्ष 1961 होगा.
2022 में राज्य कैबिनेट ने इनर लाइन परमिट (आईएलपी), जो दिसंबर 2019 में राज्य में पेश किया गया था और जनवरी 2020 में लागू हुआ था, के लिए राज्य में अवैध अप्रवासियों की पहचान करने के लिए 1961 को आधार के रूप में अपनाया था.
इंफाल फ्री प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 12वीं मणिपुर विधानसभा के 5वें सत्र में राज्य में एनआरसी को लागू करने की वकालत करने वाला निजी सदस्य प्रस्ताव पारित किया गया. सत्र के तीसरे दिन सदन ने विशेष रूप से राज्य और सामान्य रूप से राष्ट्र के हित में एनआरसी को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह करने का प्रस्ताव पारित किया है.
सदन ने 5 अगस्त, 2022 को पारित अपने प्रस्ताव की भी पुष्टि की, जिसमें केंद्र से मणिपुर जनसंख्या आयोग की स्थापना और राज्य में एनआरसी लागू करने का आग्रह किया गया था.
सदन में विधायक लीशियो कीशिंग द्वारा उठाए गए कदम के बाद निजी प्रस्ताव पारित किया गया. हालांकि, प्रस्ताव पारित करते समय पांच विपक्षी विधायकों और अलग प्रशासन की मांग करने वाले 10 कुकी विधायकों में से कोई भी सदन पर मौजूद नहीं थे.
सभी मेईतेई विधायकों और सांसदों द्वारा हाल ही में की गई कंगला घोषणा पर विचार करने की मांग को सूचीबद्ध नहीं करने के विरोध में विपक्षी विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया. लेकिन फिर भी एनआरसी के कार्यान्वयन के कदम का समर्थन करते हुए विपक्ष लॉबी में बैठे रहे.
कांग्रेस विधायकों के अनुसार, वे सदन से बाहर चले गए क्योंकि अध्यक्ष ने एनआरसी के कार्यान्वयन के कदम के साथ-साथ कंगला घोषणा पर चर्चा की मांग को शामिल करने से इनकार कर दिया.
प्रस्ताव पेश करने से पहले विधायक लीशियो ने मणिपुर जैसे भारत के छोटे राज्यों में अवैध अप्रवासियों के मुद्दे पर चिंता जताई.