दिल्ली पुलिस के जवान द्वारा नमाज़ियों के साथ बदसलूकी करने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर/ट्विटर)

दिल्ली पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर को शहर के इंद्रलोक में नमाज पढ़ रहे लोगों के साथ कथित तौर पर मारपीट करते देखा गया. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सोशल सामने आए एक वीडियो में उक्त पुलिस जवान सड़क पर नमाज़ पढ़ रहे कुछ लोगों  लात मारते हुए नज़र आ रहे हैं. बताया गया है कि वीडियो वायरल होते ही इंद्रलोक पुलिस चौकी से जुड़े उक्त एसआई मनोज कुमार तोमर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. वीडियो में तोमर नमाज पढ़ रहे लोगों को लात और थप्पड़ मारते हुए उन पर चिल्लाते हैं और उन्हें इलाका छोड़ने की कहते दिखते हैं. पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि शुक्रवार सुबह इंद्रलोक इलाके में एक व्यस्त चौराहे पर कुछ लोग नमाज अदा कर रहे थे. यह सत्यापित किया जा रहा है कि क्या उस जगह पर ऐसा करने की अनुमति दी गई थी. सोशल मीडिया पर विभिन्न नेताओं ने इस कृत्य की निंदा करते हुए दिल्ली पुलिस को लेकर सवाल उठाए हैं.

राजस्थान के कोटा में एक और कोचिंग छात्र के आत्महत्या करने की खबर आई है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, गुरुवार देर रात  विज्ञान नगर थाना क्षेत्र में एक 16 वर्षीय छात्र ने जहरीला पदार्थ खाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. मृतक की पहचान बिहार के भागलपुर निवासी अभिषेक मंडल (16) के रूप में हुई, जो सालभर से अधिक समय से एक कोचिंग संस्थान में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रहे थे और एक पीजी में रह रहे थे. परिवार के सदस्यों के कॉल का जवाब न देने के बाद शुक्रवार सुबह उनका शव बरामद किया गया. उनके कमरे में कथित तौर पर  है जिस पर लिखा है कि ‘पापा, मेरे से जेईई नहीं हो पाएगा, सॉरी, आई क्विट.’ कोचिंग हब माने जाने वाले शहर में इस साल यह पांचवीं ऐसी मौत है. पिछले साल कोटा में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 27 छात्रों की आत्महत्या से मौत हुई थी, जो 2015  सर्वाधिक आंकड़ा था.

 वी-डेम (वेराइटीज ऑफ डेमोक्रेसी) इंस्टिट्यूट की डेमोक्रेसी रिपोर्ट-2024 में कहा गया है कि2018 से भारत एक ‘चुनावी तानाशाह’ राष्ट्र बना हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, ‘डेमोक्रेसी विनिंग एंड लूज़िंग एट द बैलट (चुनाव में लोकतंत्र की जीत और हार)’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2023 में ऐसे शीर्ष 10 देशों में शामिल रहा, जहां अपने आप में पूरी तरह से तानाशाही अथवा निरंकुश शासन व्यवस्था है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत 2018 में चुनावी तानाशाही में नीचे चला गया और 2023 के अंत तक इस श्रेणी में बना रहा. रिपोर्ट यह भी कहती है, ‘इस समूह के दस में से आठ देश निरंकुशता की शुरुआत से पहले लोकतांत्रिक थे. उन 8 में से 6 देशों- कोमोरोस, हंगरी, भारत, मॉरीशस, निकारागुआ और सर्बिया में लोकतंत्र ख़त्म हो गया. 2023 में केवल ग्रीस और पोलैंड ही लोकतंत्र बने रहे. लोकतंत्र ढहने की यह आवृत्ति एक हालिया अध्ययन से मेल खाती है, जिसमें दिखाया गया है कि 80 प्रतिशत लोकतंत्र ढह जाते हैं यदि वे निरंकुश होना शुरू कर देते हैं.’

बीते साल मई से जातीय संघर्ष से जूझ रहे  मणिपुर में एक सैन्य अधिकारी का उनके घर से अपहरण कर लिया गया है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि कुछ ‘असामाजिक तत्वों’ द्वारा थौबल जिले से सेना के एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) को शुक्रवार उनके घर से उठा लिया गया. जेसीओ छुट्टी पर घर पहुंचे हुए थे. अपहरण का सटीक कारण ज्ञात नहीं हुआ है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट बताती है कि यह जबरन वसूली से संबंधित हो सकता है क्योंकि उनके परिवार को पहले भी इस तरह की धमकियां मिली थीं. सूचना मिलने पर सभी सुरक्षा एजेंसियों ने समन्वित तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. फिलहाल, सुरक्षाकर्मी राष्ट्रीय राजमार्ग 102 पर यात्रा करने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं. यह घटना मणिपुर में संघर्ष शुरू होने के बाद से चौथी ऐसी घटना है, जहां सैनिकों, उनके रिश्तेदारों या ड्यूटी पर तैनात लोगों को उपद्रवियों द्वारा निशाना बनाया गया है. सितंबर 2023 में एक सशस्त्र समूह ने असम रेजिमेंट के पूर्व सैनिक सर्टो थांगथांग कोम का अपहरण कर लिया और उनकी हत्या कर दी, जो मणिपुर के लीमाखोंग में रक्षा सेवा कोर (डीएससी) के साथ तैनात थे.

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आईएमएस) के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख ने अस्पताल में बिस्तरों की कमी को लेकर आमरण अनशन की चेतावनी दी है. द टेलीग्राफ के मुताबिक, विभाग के प्रमुख डॉ. ओम शंकर ने बताया कि अस्पताल के नए सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक, जिसके लिए केंद्र सरकार ने लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, में अपने विभाग के लिए अतिरिक्त 41 बेड सुरक्षित करने में विफल रहने के बाद उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि करीब 41 बेड पिछले दो सालों से बिना इस्तेमाल के पड़े हैं, जिसके चलते हजारों गरीब मरीजों को प्रवेश नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार में बीएचयू के कुलपति (वीसी) एसके जैन और प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) डॉ. केके गुप्ता ने कार्डियोलॉजी विभाग की उपेक्षा की है. शंकर का कहना है कि पिछले 15 वर्षों में उनके विभाग में मरीज़ों की आमद में 20 गुना बढ़ोतरी हुई है. उनका दावा है कि क़रीब दो साल में 30 हज़ार रोगी बेड न मिलने की वजह से बिना इलाज के लौट गए.