डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल के अधीक्षक निपेन दास को कट्टरपंथी सिख नेता अमृतपाल सिंह के सेल में स्मार्टफोन और स्पाई-कैम पेन सहित इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पहुंचाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. उधर, अमृतपाल सिंह के परिजनों का आरोप है कि अमृतपाल समेत उस मामले में गिरफ़्तार क़ैदियों के साथ साज़िश की जा रही है.
नई दिल्ली: असम पुलिस ने कथित सुरक्षा उल्लंघन के आरोप में असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल के अधीक्षक निपेन दास को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि उन्होंने स्मार्टफोन और स्पाई-कैम पेन सहित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को कट्टरपंथी सिख नेता अमृतपाल सिंह के उच्च-सुरक्षा सेल में पहुंचाने की अनुमति दी थी.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डिब्रूगढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध) सिज़ल अग्रवाल ने शुक्रवार को बताया कि दास को गुरुवार देर रात कड़े आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, असम जेल अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत गिरफ्तार किया गया है.
अग्रवाल ने कहा कि उक्त उल्लंघन पिछले महीने देखा गया था और कई दौर की जांच के बाद दास को गिरफ्तार किया गया है. अग्रवाल ने कहा, ‘यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और जेल प्रमुख होने के नाते उन्हें (दास) को जिम्मेदार होना चाहिए.’
पिछले साल गिरफ्तारी के बाद सिंह को उनके कट्टरपंथी समूह के कुछ अन्य सदस्यों के साथ डिब्रूगढ़ ले जाया गया था. उस समय अनुमान यह था कि उसके प्रभाव क्षेत्र का विस्तार इस जेल तक नहीं होगा.
पुलिस ने कहा कि जेल में 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी सहित बहुस्तरीय सुरक्षा प्रणाली है. डिब्रूगढ़ के पुलिस अधीक्षक राकेश रेड्डी ने प्रारंभिक जांच का हवाला दिया और कहा कि अधीक्षक ने गैजेट्स को अमृतपाल सिंह और अन्य कैदियों तक पहुंचने की अनुमति दी. उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह को इंटरनेट की सुविधा भी मिल गई.
उन्होंने कहा, ‘गैजेट्स की बरामदगी के बाद पुलिस ने डिजिटल साक्ष्य एकत्र किए और एक नया मामला दर्ज किया, जिसके तहत जेल अधीक्षक को गिरफ्तार किया गया है.’
रेड्डी ने कहा कि अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था और उनका समर्थन करना राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ कार्य है.
उन्होंने कहा, ‘यह एक संवेदनशील मुद्दा है और ये कैदी दूसरों से अलग हैं क्योंकि उन्हें एनएसए के तहत गिरफ्तार किया गया था. जेल मैनुअल का उल्लंघन करते हुए उन्हें गैजेट्स पहुंचाना राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ एक कार्य है, इसलिए हमने निपेन दास के खिलाफ यूएपीए लगाया.’
रेड्डी के मुताबिक, ज्यादातर गैजेट अमृतपाल सिंह की सेल के अंदर से मिले और कुछ अन्य से.
असम पुलिस प्रमुख ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने 17 फरवरी को कहा कि जेल कर्मचारियों द्वारा सिंह की सेल की तलाशी के बाद सिम वाला एक स्मार्टफोन, एक कीपैड फोन, एक टीवी रिमोट, एक स्पाई-कैम पेन, पेन ड्राइव, ब्लूटूथ हेडफ़ोन, स्पीकर और एक स्मार्टवॉच जब्त की गई.
कुछ जेल कर्मचारियों के ट्रांसफर और जांच का आदेश देने से पहले पुलिस प्रमुख ने 20 फरवरी को जेल का दौरा किया और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. मामले से वाकिफ लोगों ने कहा कि दास से पूछताछ की जा रही है, जबकि शुक्रवार सुबह पूछताछ के लिए और अधिक जेल अधिकारियों को हिरासत में लिया गया है.
नाम न छापने की शर्त पर एक जांच अधिकारी ने कहा, ‘यह एक बड़ा सुरक्षा मुद्दा था और हम और अधिकारियों को गिरफ्तार कर सकते हैं.’
मालूम हो कि अमृतपाल सिंह को 37 दिनों की तलाश के बाद अप्रैल 2023 में मारे गए खालिस्तानी विचारक जरनैल सिंह भिंडरावाले के पैतृक गांव रोडे से गिरफ्तार किया गया था. उन पर एनएसए के तहत मामला दर्ज किया गया और असम की डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया. उनके ‘वारिस पंजाब दे’ पर कार्रवाई पहले तब शुरू की गई थी, जब उनके समर्थकों ने एक गिरफ्तार सहयोगी की रिहाई के लिए अमृतसर के पास अजनाला में एक पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था.
जेल में अमृतपाल सिंह और ‘वारिस पंजाब दे’ के नौ अन्य सदस्यों ने अपने गृह राज्य पंजाब में स्थानांतरण की मांग को लेकर 17 फरवरी को भूख हड़ताल शुरू की. पिछले कुछ दिनों में उनके तीन सहयोगियों को इलाज के लिए असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेफर किया गया है.
रेड्डी ने कहा कि डॉक्टरों की एक टीम सभी 10 कैदियों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है. रेड्डी ने कहा, ‘उनमें से तीन को अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन अन्य कैदियों को जेल के अंदर चिकित्सा सहायता दी जा रही है.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी बीच, अमृतसर में अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने कहा, ‘सरकार के पास अदालत में अमृतपाल और अन्य के खिलाफ लगाए गए एनएसए का बचाव करने का कोई आधार नहीं है. इसलिए अब वे अमृतपाल और अन्य को झूठे मामलों में फंसाकर उन्हें असम की जेल में डाल सकते हैं.’
अमृतपाल की मां बलविंदर कौर ने आरोप लगाया कि 15 फरवरी को जेल प्रशासन के कुछ लोग एक इलेक्ट्रीशियन के साथ एनएसए सेल में आए. उन्होंने कहा, ‘जब अमृतपाल ने सेल का निरीक्षण किया तो उसे कुछ जासूसी कैमरे मिले. उन्होंने ही कैमरों की खोज की थी. यह सब एक साजिश का हिस्सा है और सभी कैदियों की जान को खतरा है.’