मूल रूप से बिहार के भागलपुर का रहने वाले 16 वर्षीय छात्र कोटा में रहकर जेईई की तैयारी कर रहा था. गुरुवार रात छात्र ने कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खा लिया. पुलिस का कहना है कि उन्हें एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें ‘पापा, मुझसे जेईई नहीं हो पाएगा, सॉरी, आई क्विट’ लिखा हुआ था.
नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा में गुरुवार (7 जनवरी) रात जेईई (JEE- इंजीनियरिंग के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा) की तैयारी कर रहे एक 16 वर्षीय लड़के की कथित तौर पर आत्महत्या से मौत हो गई. यह इस साल कोचिंग हब माने जाने वाले शहर में पांचवें छात्र की आत्महत्या है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि लड़का बिहार के भागलपुर का रहने वाला है और पिछले एक साल से कोटा में रह रहा था.
शुक्रवार सुबह मकान मालिक को उसके कमरे से दुर्गंध आने का अहसास हुआ तो उसके शव का पता चला. जब लड़के ने मकान मालिक की कॉल का जवाब नहीं दिया, तो जबरन दरवाजा खोला गया और शव मिला.
कोटा के पुलिस उपाधीक्षक धर्मवीर सिंह ने कहा, ‘दो लाइन का सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें ‘पापा, मुझसे जेईई नहीं हो पाएगा, सॉरी, आई क्विट’ लिखा है.’
पुलिस के मुताबिक, लड़के ने कोई जहरीला पदार्थ खा लिया, जिससे तेज गंध आ रही थी, जिस पर मकान मालिक का ध्यान गया. पुलिस ने कहा कि सुसाइड नोट के साथ शव के पास इस पदार्थ की एक इस्तेमाल की हुई और एक बिना खुली शीशी बरामद की गई.
पुलिस ने कहा कि लड़के ने इस साल 29 जनवरी और 19 फरवरी को आयोजित कोचिंग टेस्ट छोड़ दिया था. उसे इस साल बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा भी देनी थी.
लड़के के पिता पश्चिम बंगाल में एक व्यवसायी हैं और उनकी मां और छोटा भाई भागलपुर में रहते हैं. पुलिस ने कहा कि परिवार अभी तक कोटा नहीं पहुंचा है और तब तक शव को शवगृह में रखा गया है.
मालूम हो कि कोचिंग हब कहे जाने वाले कोटा में बीते 29 जनवरी को जेईई की तैयारी कर रही 18 वर्षीय लड़की ने आत्महत्या की थी. उससे पहले अखिल भारतीय प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का एक 19 वर्षीय छात्र 23 जनवरी को शहर के अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाया गया था.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वर्ष 2023 में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 26 छात्रों ने आत्महत्या की थी, जो 2015 के बाद से सबसे अधिक है.
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में 2022 में 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में 7, 2016 में 17 और 2015 में 18 छात्रों की मौत आत्महत्या से हुई है. 2020 और 2021 में छात्रों की आत्महत्या का कोई मामला सामने नहीं आया था, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण कोचिंग संस्थान बंद हो गए थे या ऑनलाइन मोड पर चल रहे थे.