कोर्ट की फटकार के बाद स्टेट बैंक के चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड डेटा सौंपने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर/pixabay)

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड से संबंधित विवरण देने के लिए अतिरिक्त समय देने की अर्ज़ी खारिज किए जाने के बाद बैंक ने चुनाव आयोग को यह डेटा सौंप दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने इस बात की पुष्टि है कि बैंक विवरण दे चुका है. 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताकर रद्द करते हुए कोर्ट ने बैंक से योजना से जुड़ी जानकारियां निर्वाचन आयोग को सौंपने को कहा था, जिसे अपनी वेबसाइट पर यह विवरण 13 मार्च तक अपलोड करना था. सोमवार को अदालत ने यह समयसीमा 15 मार्च तक कर दी है. बताया गया है कि बैंक ने साल 2018 में इस योजना की शुरुआत के बाद से 30 किश्तों में 16,518 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए हैं, जिसमें से सर्वाधिक राशि भाजपा को प्राप्त हुई है.

असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर नए सिरे से शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि अगर एनआरसी के लिए आवेदन न करने वाले किसी एक व्यक्ति को भी भारत की नागरिकता मिली, तो वे इस्तीफ़ा दे देंगे. केंद्र सरकार के सीएए के नियम अधिसूचित करने के साथ ही राज्य में विपक्षी दलों समेत स्थानीय संगठनों द्वारा इस कानून का कड़ा विरोध किया जा रहा है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, शर्मा ने सीएए से नाराज लोगों को आश्वासन देते हुए कहा है कि अगर राजय में हुई एनआरसी के लिए आवेदन नहीं करने वाले किसी भी व्यक्ति को नागरिकता दी गई तो वह अपने पद से हटने वाले पहले व्यक्ति होंगे. मालूम हो कि प्रदर्शनकारियों को चिंता है कि सीएए लागू होने से राज्य में लोगों की आमद बढ़ जाएगी. साथ ही, वे मानते हैं कि सीएए असम समझौते के खिलाफ है, जो इस राज्य में अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए 25 मार्च, 1971 की समय सीमा तय करता है. सोमवार को केंद्र के फैसले की सूचना आने के बाद ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और 30 इंडिजिनस संगठनों ने गुवाहाटी, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में सीएए की प्रतियां जलाई थीं.

हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने और मनोहर लाल खट्टर के अपनी कैबिनेट के साथ इस्तीफ़ा देने के बाद कुरुक्षेत्र से सांसद और प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली है. नवभारत टाइम्स के अनुसार, दोपहर में विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगने के बाद उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया शाम 5 बजे उन्होंने सीएम पद की शपथ ली. सैनी के साथ ही कंवरपाल गुर्जर, मूलचंद शर्मा, चौधरी रंजीत सिंह चौटाला, जय प्रकाश दलाल और बनवारी लाल ने मंत्री पद की शपथ ली है. बताया जा रहा है कि पूर्व गृहमंत्री अनिल विज नायब सिंह  पर असहमत थे और उन्होंने विधायक दल की बैठक भी छोड़ दी थी. विज छह बार के विधायक रह चुके हैं.

केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन को बंद करने के इसके फैसले का बचाव किया है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, सरकार की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि फाउंडेशन की स्थापना उस समय की गई थी जब अल्पसंख्यक मामलों का कोई मंत्रालय नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि जब संबंधित अधिकारियों ने कानून के अनुसार फाउंडेशन को भंग करने का निर्णय ले लिया है तो अल्पसंख्यकों के प्रचार पर कोई स्थायी एकाधिकार नहीं हो सकता है. मंत्रालय के 7 फरवरी के उक्त आदेश के खिलाफ डॉ. सैयदा हमीद, डॉ. जॉन दयाल और दया सिंह ने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसने एक अंतरिम आदेश में अधिकारियों को सुनवाई की अगली तारीख तक फैसले पर कार्रवाई न करने का निर्देश दिया था. उस समय बताया गया था कि मंत्रालय का फाउंडेशन को बंद करने का आदेश 21 जनवरी को केंद्रीय वक्फ परिषद से मिले एक प्रस्ताव के संदर्भ में जारी किया गया था.

यूजीसी ने देश के विश्वविद्यालयों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण दिखाने और विकसित भारत से जुड़े पोस्टर लगाने को कहा है. द टेलीग्राफ के मुताबिक, उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) से बुधवार (13 मार्च) को सेमीकंडक्टर्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की स्क्रीनिंग के लिए कार्यक्रम आयोजित करने को कहा है. पीएम मोदी इस दिन गुजरात और असम में सेमीकंडक्टर सुविधाओं की आधारशिला रखेंगे. शिक्षा मंत्रालय ने सभी संस्थानों को कार्यक्रम स्थलों पर मोदी की तस्वीरों वाले विकसित भारत के पोस्टर लगाने के लिए लिखा है, साथ ही कहा है कि संस्थान आयोजन के बाद उसे अनुपालन रिपोर्ट भेजें. कुछ अध्यापकों ने सरकार पर इस तरह के ‘प्रचार कार्यक्रम’ को लागू करने को शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्तता में हस्तक्षेप बताया है.