महाराष्ट्र सरकार का नया नियम 1 मई 2014 या उसके बाद पैदा हुए सभी नागरिकों पर लागू होगा. आवेदकों को जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल दस्तावेज़, संपत्ति के कागज़ात, आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि जैसे सभी सरकारी दस्तावेज़ों में नए प्रारूप के अनुसार अपना नाम रजिस्टर करना होगा.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र कैबिनेट ने सभी सरकारी दस्तावेजों में मां के प्रथम नाम का उल्लेख अनिवार्य कर दिया है. आदेश के अनुसार, आवेदक का पहला नाम उसके बाद मां का पहला नाम और फिर पिता का पहला नाम और उपनाम लिखा जाना चाहिए.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में ये फैसला लिया गया. महाराष्ट्र सरकार ने 11 मार्च 2024 के कैबिनेट फैसले को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है.
नया नियम 1 मई 2014 या उसके बाद पैदा हुए सभी लोगों पर लागू होगा. आवेदकों को जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल दस्तावेज, संपत्ति दस्तावेज, आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि जैसे सभी सरकारी दस्तावेजों में नए प्रारूप के अनुसार अपना नाम पंजीकृत करना होगा. नया नियम अनाथ बच्चों पर लागू नहीं होगा.
इसके अलावा, विवाहित महिलाओं के मामले में महिला के नाम के बाद उनके पति के पहले नाम और उपनाम की मौजूदा व्यवस्था को जारी रखने की अनुमति दी जाएगी.
महिला एवं बाल विकास विभाग ने पहले कहा था कि इस फैसले को माताओं को अधिक मान्यता देने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा सकता है.
इसी बीच, राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को इस बारे में कि क्या मां का नाम भी जन्म या मृत्यु पंजीकरण में शामिल किया जा सकता है, केंद्र से परामर्श करने के लिए कहा गया है.