सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नवंबर, 2023 में गोवा में आयोजित 54वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में स्क्रीनिंग के लिए गाजा पट्टी, तुर्की, हंगरी और भूटान की चार फिल्मों को अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
नई दिल्ली: सूचना और प्रसारण मंत्रालय (आईबी मंत्रालय) ने नवंबर, 2023 में गोवा में आयोजित 54वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में स्क्रीनिंग के लिए गाजा पट्टी, तुर्की, हंगरी और भूटान पर आधारित चार फिल्मों को अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
द हिंदू में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के रिकॉर्ड बताता है कि जिन चार फिल्मों को अनुमति नहीं दी गई थी, वे हैं – ‘ए गाजा वीकेंड’, बाज़िल खलील द्वारा निर्देशित एक व्यंग्य है जो महामारी के बाद के इज़रायल पर आधारित है जहां गाजा पट्टी लेवंत (मिडिल ईस्ट क्षेत्र) में सबसे सुरक्षित जगह बन जाती है; ‘डॉरमेट्री’, नेहिर टूना द्वारा निर्देशित एक किशोर के बारे में एक नाटक है, जिसे उसके पिता ने एक आवासीय इस्लामी मदरसे में भेजा था; एक्सप्लेनेशन फ़ॉर एवरीथिंग, गैबोर रीज़ द्वारा निर्देशित एक हंगेरियन नाटक जिसने 80वें वेनिस फ़िल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का ओरिज़ोंटी पुरस्कार जीता; द मॉन्क एंड द गन, पावो चोयिंग दोरजी द्वारा निर्देशित ऑस्कर में भूटान की आधिकारिक प्रविष्टि थी.
फिल्म समारोहों के लिए सरकार केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से प्रमाण पत्र की जरूरत को खत्म कर देती है.
जनवरी 2006 में अधिसूचित फिल्म महोत्सवों के लिए फिल्मों के प्रमाणन की नीति के अनुसार, ‘महोत्सवों में प्रदर्शित की जाने वाली फिल्मों के लिए प्रमाणन की प्रक्रिया से छूट के अनुरोध पर विचार करने के लिए छूट के अनुरोध के साथ महोत्सव के निदेशक द्वारा संयुक्त सचिव (फिल्म्स) को संबोधित निम्नलिखित दस्तावेज भेजे जाएंगे: (i) महोत्सव में दिखाई जाने वाली फिल्मों की सूची, (ii) प्रत्येक फिल्म का सारांश, (iii) पूर्वावलोकन समिति की संरचना, जिसमें वे व्यक्ति शामिल होने चाहिए जो फिल्म उद्योग से संबंधित हैं या फिल्म से जुड़े आलोचक/लेखक हैं, (iv) पूर्वावलोकन समिति की रिपोर्ट यह प्रमाणित करती हो कि फिल्मों को महोत्सव में प्रदर्शन के लिए अनुशंसित किया गया है, (v) महोत्सव के निदेशक से इस आशय का प्रमाण पत्र ऐसी फिल्मों की स्क्रीनिंग प्रतिनिधियों तक ही सीमित होगी (प्रतिनिधियों की परिभाषा में फिल्म निर्माता, मीडिया छात्र, आलोचक, फिल्म थिओरिस्ट, फिल्म प्रेमी और फिल्म के प्रोडक्शन और व्यवसाय से जुड़े सभी लोग और महोत्सव अधिकारियों के साथ-साथ इसकी जूरी के साथ पंजीकृत प्रेस के सदस्य शामिल होंगे), (vi) महोत्सव के निदेशक से इस आशय का प्रमाण पत्र कि महोत्सव प्रकृति में गैर-व्यावसायिक है.
विशेष रूप से, ‘द मॉन्क एंड द गन’- भूटान में नकली चुनावों पर आधारित एक व्यंग्य है, जिसे 29 फरवरी से 7 मार्च, 2024 तक आयोजित बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (बीआईएफएफ) में प्रदर्शित किया गया था. फिल्म को 27 अक्टूबर से 5 नवंबर, 2023 तक आयोजित जियो मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेज (एमएएमआई) फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाया गया और फेस्टिवल में ऑडियंस चॉइस अवार्ड जीता.
द हिंदू के अनुसार, दोरजी की फिल्म भारत में थिएटरों में रिलीज होने वाली है और सीबीएफसी द्वारा अनुमति दिए जाने के बाद फिल्म का ट्रेलर देश भर के सिनेमाघरों में दिखाया जा रहा है. इसलिए, यह स्पष्ट नहीं है कि मंत्रालय ने आईएफएफआई में इसकी स्क्रीनिंग की अनुमति क्यों नहीं दी.