नई दिल्ली: कोटा पुलिस ने बुधवार को बताया कि स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रहे एक 20 वर्षीय छात्र की मंगलवार को आत्महत्या से मौत हो गई.
यह इस साल कोचिंग हब माने जाने वाले इस शहर में हुई ऐसी छठी घटना है. पिछले साल जिले में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 26 छात्रों की आत्महत्या से मौत हो गई थी.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विज्ञान नगर एसएचओ सतीश चंद के अनुसार, मृतक उत्तर प्रदेश के कन्नौज का रहने वाला था.
एसएचओ ने कहा, ‘घटना तब सामने आई जब उसने मंगलवार सुबह अपने माता-पिता के कॉल का जवाब नहीं दिया, तब उन्होंने उसके दोस्तों को फोन किया. दोस्त उसके अपार्टमेंट में पहुंचे और मकान मालिक और सुरक्षा गार्ड को बुलाया। वहां दरवाजा तोड़ने के बाद उसका शव पाया गया.’
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र की पहचान मोहम्मद उरूज के रूप में की गई है. मृतक एक साल से अधिक समय से कोटा के एक कोचिंग सेंटर में पढ़ रहा था और कुछ दिन पहले ही अपार्टमेंट में शिफ्ट हुआ था.
पुलिस ने कहा कि मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. सतीश चंद ने कहा, ‘शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. हम जांच कर रहे हैं कि क्या उसके व्यवहार में कोई बदलाव आया था.’
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बीते 8 मार्च को बिहार का एक 16 वर्षीय छात्र, जो इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रहा था, ने कोटा में आत्महत्या कर ली. बीते 19 फरवरी को मध्य प्रदेश का 16 वर्षीय जेईई अभ्यर्थी, जो कोटा में पढ़ रहा था और 10 दिनों से अधिक समय तक लापता रहा, चंबल वन क्षेत्र में मृत पाया गया था.
पुलिस ने कहा कि 13 फरवरी को जेईई-मेन के पहले संस्करण में शामिल होने वाले छत्तीसगढ़ के एक 16 वर्षीय छात्र की कोटा जिले में आत्महत्या से मृत्यु हो गई थी. पुलिस ने कहा था कि ऐसा लगता है कि उसे परीक्षा में बहुत कम अंक मिले थे.
बीते 29 जनवरी को कोटा की एक 18 वर्षीय छात्रा की जेईई-मेन परीक्षा से कुछ दिन पहले आत्महत्या से मौत हो गई, उसने अपने माता-पिता के लिए एक कथित नोट छोड़ दिया था जिसमें उन्होंने लिखा था, वह अंतिम उपाय के रूप में यह कदम उठा रही है, क्योंकि वह जेईई नहीं कर सकती.
इससे पहले अखिल भारतीय प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का एक 19 वर्षीय छात्र 23 जनवरी को शहर के अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाया गया था.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वर्ष 2023 में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 26 छात्रों ने आत्महत्या की थी, जो 2015 के बाद से सबसे अधिक है.
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में 2022 में 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में 7, 2016 में 17 और 2015 में 18 छात्रों की मौत आत्महत्या से हुई है. 2020 और 2021 में छात्रों की आत्महत्या का कोई मामला सामने नहीं आया था, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण कोचिंग संस्थान बंद हो गए थे या ऑनलाइन मोड पर चल रहे थे.