दिल्ली: प्रेस क्लब समेत कई मीडिया संगठनों ने फोटो जर्नलिस्ट के ख़िलाफ़ पुलिस कार्रवाई की निंदा की

मंगलवार को दिल्ली के पटेल चौक पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इसी प्रदर्शन की कवरेज के दौरान हिंदुस्तान टाइम्स के फोटो जर्नलिस्ट सलमान अली दिल्ली पुलिस के साथ झड़प में घायल हो गए.

/
(फोटो साभार: एक्स/संकेत उपाध्याय)

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) के विरोध प्रदर्शन को कवर करने वाले फोटो जर्नलिस्ट को मंगलवार (26 मार्च) को दिल्ली पुलिस की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा. यह विवाद प्रेस और पुलिस बलों के बीच उस वक्त बढ़ गया जब फोटो पत्रकार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे आप नेताओं की तस्वीरें खींचने की कोशिश कर रहे थे.

हिंदुस्तान टाइम्स के फोटो जर्नलिस्ट सलमान अली इस झड़प के दौरान घायल हो गए, जिससे उनकी कोहनी में फ्रैक्चर हो गया. पत्रकार अली ने द हिंदू को बताया कि वहां भारी पुलिस बल मौजूद था और वह मीडिया के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे. वह एक साथी फोटो जर्नलिस्ट का कॉलर पकड़ने की हद तक पहुंच गए थे.

वर्किंग न्यूज कैमरामैन एसोसिएशन ने कुछ तस्वीरें जारी की हैं, जिसमें कुछ पुलिस अधिकारियों को कुछ फोटो पत्रकारों का गला पकड़ते हुए और दूसरों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देते हुए देखा जा सकता है.

द हिंदू की खबर के मुताबिक, इस घटना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए फोटो पत्रकारों का एक संघ दिल्ली पुलिस आयुक्त के कार्यालय भी पहुंचा था, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी. हालांकि, उन्होंने इस मामले पर कमिश्नर से बात करने के लिए समय मांगा है.

फिलहाल इस घटना के खिलाफ कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने पत्रकारों को आश्वासन दिया है कि वह मामले की जांच करेंगे.

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने एक बयान जारी कर इस कृत्य की निंदा की है और इसे ‘दिल्ली पुलिस की मनमानी’ बताया है. साथ ही, संगठन ने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा उच्च-स्तरीय जांच की मांग भी की है.

चुनाव आयोग और केंद्रीय गृह मंत्रालय से दोषी पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग

इस घटना पर हैरानी जताते हुए दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (डीयूजे) ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली पुलिस ने विरोध प्रदर्शनों की कवरेज को रोकने के लिए मीडिया को निशाना बनाया है.

संगठन ने आगे कहा कि ‘हम चुनाव आयोग और केंद्रीय गृह मंत्रालय से दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं. हम मीडिया कंपनियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहते हैं कि उनके पत्रकारों, फोटोग्राफरों और अन्य कर्मचारियों को सुरक्षा गियर प्रदान किए जाएं जो विरोध प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई को कवर करने के लिए मैदान पर हैं. हम पत्रकारों और उनके उपकरणों के लिए उचित जोखिम बीमा की भी मांग करते हैं.’

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कहा कि पत्रकारों और फोटो पत्रकारों पर किसी भी प्रकार का हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है. तस्वीरों से यह साफ है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इंडिया टुडे समूह के अरुण ठाकुर का गला पकड़ लिया, जो दो दशकों से अधिक समय से इस पेशे में हैं. एक अन्य फोटो जर्नलिस्ट हिंदुस्तान टाइम्स के सलमान अली की दिल्ली पुलिस द्वारा की गई हाथापाई में कोहनी टूट गई.

‘प्रेस की स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है’

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने आगे कहा, ‘हम दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को यह भी याद दिलाना चाहेंगे कि प्रेस की स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने कई मौकों पर कड़े शब्दों में रेखांकित किया है. संगठन ने आगे मांग की कि जांच जारी रहने तक हमलावर पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाना चाहिए.’

गौरतलब है कि मंगलवार को दिल्ली के पटेल चौक पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इसी प्रदर्शन की कवरेज के दौरान फोटो जनर्लिस्ट के साथ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई का मामला सामने आया है.