मुख़्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए जाने समेत अन्य ख़बरें

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(फोटो: द वायर/pixabay)

उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने 63 वर्षीय मुख़्तार अंसारी की एक अस्पताल में मृत्यु पर उनके परिजनों के सवाल उठाए जाने के बाद बांदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इसके साथ ही अदालत ने एमपी/एमएलए अदालत की न्यायाधीश गरिमा सिंह को एक महीने के भीतर बांदा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट सौंपने को कहा. बांदा के एक अस्पताल ने गुरुवार रात बताया था कि अंसारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. इसके बाद उनके परिजनों के साथ-साथ विपक्ष के कई नेताओं ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी. इससे पहले उनके बेटे उमर अंसारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उनके पिता को ‘धीमा ज़हर’ दिया गया था. उन्होंने कहा था, ‘मैं आरोप लगाने वाला कोई नहीं हूं. जिसे जहर दिया गया (मुख्तार) उसने खुद आरोप लगाया था कि उसे 19 मार्च को रात के खाने के साथ जहर दिया गया था.’

देश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को आयकर विभाग से 1800 करोड़ रुपये के टैक्स नोटिस मिलने के बाद अब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) आयकर विभाग के रडार पर आ गई है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, विभाग ने पार्टी को नोटिस भेजकर 11 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने को कहा है. कहा गया है कि यह बकाया इसलिए है क्योंकि पार्टी ने पिछले कुछ वर्षों में टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय पुराने पैन कार्ड का इस्तेमाल किया था. इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने दावा किया है कि उन्हें पिछले 72 घंटों में 11 आयकर नोटिस मिले हैं, जिनमें से कुछ सात साल पुराने हैं. उन्होंने ट्विटर (अब एक्स) पर इसे लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है, ‘हास्यास्पद है कि कैसे मोदी सरकार यह दिखावा भी नहीं कर रही है कि वे चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होने देंगे. लोकसभा 2024 से ठीक पहले विपक्ष पर दबाव बनाने की हर कोशिश की जा रही है. जब ईडी काम नहीं करता है, तो आईटी विभाग का इस्तेमाल. भाजपा इतनी हताश क्यों है? क्या मोदी इतने घबरा गए हैं?’

छत्तीसगढ़ में सीपीआई (माओवादी) ने दावा किया है कि बीते दिनों बीजापुर में पुलिस द्वारा फर्जी एनकाउंटर किया गया था और माओवादी कैडरों व पुलिस के बीच कोई गोलीबारी नहीं हुई है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, सीपीआई (माओवादी) की दक्षिण बस्तर डिवीजनल कमेटी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि 27 मार्च, 2024 को बीजापुर जिले के चिपुरमाटी गांव में उनके दो पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ छह ग्रामीणों का जघन्य नरसंहार किया गया, जिसे मुठभेड़ बताया गया है. वे उन निर्दोष ग्रामीणों के लिए न्याय की मांग करते हैं और हिरासत में लिए गए निर्दोष ग्रामीणों की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है. बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. ने आरोपों से इनकार करते हुए इसे माओवादियों की ‘पुरानी रणनीति’ करार दिया और जोड़ा कि सुरक्षा बलों की विश्वसनीयता को खत्म करने के लिए सुरक्षा बलों के खिलाफ आरोप लगाना माओवादियों का तरीका है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई जांच की मंजूरी दी है. जैन पहले से ही जेल में हैं. एएनआई के अनुसार, जैन पर ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े मामले में ‘प्रोटेक्शन मनी’ के तौर पर 10 करोड़ रुपये की उगाही का आरोप लगाया गया है. जैन के साथ ही तिहाड़ जेल के पूर्व डीजी संदीप गोयल पर तिहाड़ से जबरन वसूली रैकेट चलाने और हाई-प्रोफाइल कैदियों से प्रोटेक्शन मनी मांगने का आरोप लगा है. जालसाज़ सुकेश का आरोप है कि जैन ने 2018-21 के दौरान व्यक्तिगत रूप से या अपने सहयोगियों के जरिये विभिन्न किश्तों में धन की उगाही की- ताकि वह (सुकेश) दिल्ली की विभिन्न जेलों- तिहाड़, रोहिणी और मंडोली में आराम से रह सकें. इस साल की शुरुआत में दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने जैन के खिलाफ जबरन वसूली के आरोपों की सीबीआई जांच को मंजूरी दे दी थी. मई 2022 में जैन को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में उनकी हालिया जमानत अपील को खारिज किया था. गृह मंत्रालय की मंज़ूरी ऐसे समय में आई है जब आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में हिरासत में लिया है.

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि बारह सालों से भाजपा का सहयोगी रहने के बावजूद उनकी पार्टी की उपेक्षा की जा रही है. डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक, उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के लिए सीट-बंटवारे की बातचीत में उनकी पार्टी की उपेक्षा की जा रही है और उन्हें कम से कम दो लोकसभा सीटें देनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि  आरपीआई दृढ़ता से पीएम नरेंद्र मोदी के साथ खड़ी है. हालांकि, पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि आरपीआई का अपमान किया जा रहा है और मुझे उचित निर्णय लेने के लिए कहा गया है. आरपीआई को विश्वास में नहीं लिया गया है, पार्टी को किसी भी बैठक के लिए नहीं बुलाया जा रहा है. उन्होंने जोड़ा कि उन्होंने गठबंधन छोड़ने का फैसला नहीं किया है, लेकिन अगर आगामी चुनावों के लिए कम से कम एक सीट की उनकी मांग अगले तीन दिनों में पूरी नहीं हुई तो वे अलग रुख़ अपना सकते हैं.

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