मध्य प्रदेश: मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आठ मरीज़ों की दृष्टि प्रभावित हुई, जांच शुरू

मामला इंदौर का है, जहां 20 मार्च को चोइथराम नेत्रालय में सरकारी ख़र्च पर 79 मरीजों की मोतियाबिंद सर्जरी की गई थी. इसके अगले दिन 50 से 85 वर्ष की आयु के आठ मरीज़ों को आंखों में सूजन, जलन और आंखों की रोशनी कम होने की समस्या होने लगी.

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(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: पिछले महीने इंदौर के एक अस्पताल में मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आठ लोग कथित तौर पर दुष्प्रभाव पड़ने सामने आया है. अधिकारियों ने रविवार को कहा कि इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने ऑपरेशन थियेटर को सील कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अभी यह कहना मुश्किल है कि इन मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई है या नहीं। जांच के बाद चीजें स्पष्ट होंगी.

हालांकि, अस्पताल के एक प्रबंध ट्रस्टी ने कहा कि कोई लापरवाही नहीं हुई और दावा किया कि अज्ञात कारणों से आठ मरीजों की आंखों में ‘रिएक्शन’ हुई और उन सभी को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई.

डिस्ट्रिक्ट ब्लाइंडनेस कंट्रोल सोसाइटी के प्रबंधक डॉ. प्रदीप गोयल ने बताया कि स्थानीय प्रशासन ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसने मरीजों को होने वाले दुष्प्रभावों के कारणों की जांच शुरू कर दी है.

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 20 मार्च को मध्य प्रदेश के चोइथराम नेत्रालय में सरकारी खर्च पर 79 मरीजों की मोतियाबिंद सर्जरी की गई थी.

स्थानीय ख़बरों के मुताबिक, ऑपरेशन के दूसरे दिन चार मरीजों को कुछ संक्रमण और आंखों की रोशनी कम होने की शिकायत आई. जांच के बाद प्रभावित मरीजों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है. 50 से 85 वर्ष की आयु के मरीजों को सर्जरी के अगले दिन सूजन, जलन और आंखों की रोशनी कम होने की समस्या होने लगी. प्रभावित अधिकांश मरीज इंदौर, उज्जैन और धार जिलों के हैं.

द टेलीग्राफ के अनुसार, डॉ. प्रदीप गोयल बताया कि सर्जरी के बाद इनमें से आठ मरीजों की आंखों पर दुष्प्रभाव पड़ने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को अस्पताल प्रबंधन से मिली. एक अधिकारी ने बताया है, ‘अभी यह बता पाना बहुत मुश्किल है कि मोतियाबिंद की सर्जरी कराने वाले आठ मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई है या नहीं. जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी.’

उन्होंने बताया कि अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर को सील कर दिया गया है, जहां इन मरीजों की मोतियाबिंद की सर्जरी की गई थी.

चोइथराम नेत्रालय के मैनेजिंग ट्रस्टी अश्विनी वर्मा ने दावा किया कि मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर में अस्पताल स्तर पर कोई लापरवाही नहीं हुई. उन्होंने कहा कि शिविर में शामिल इंदौर संभाग के विभिन्न जिलों के रहने वाले आठ मरीजों की आंखों में अज्ञात कारणों से ‘रिएक्शन’ हो गया और इलाज के बाद उन सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.