नई दिल्ली: गुजरात विश्वविद्यालय ने अफ़ग़ानिस्तान के छह छात्रों और पूर्वी अफ्रीका के एक छात्र को हॉस्टल खाली करने को कहा है. समाचार एजेंसी पीटीआई को एक अधिकारी ने रविवार (7 अप्रैल) को यह जानकारी दी.
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशासन ने इसके पीछे इन छात्रों का निर्धारित अवधि से अधिक समय तक हॉस्टल के कमरे में रहने को कारण बताया है.
मालूम हो कि विश्वविद्यालय का यह फरमान अफ़ग़ानी छात्रों के नमाज पढ़ने को लेकर हुए विवाद के कुछ हफ्ते बाद सामने आया है.
वाइब्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, परिसर में कोई मस्जिद नहीं है, इसलिए छात्र 16 मार्च को रमज़ान के दौरान कथित तौर पर रात में नमाज अदा करने के लिए विदेशी छात्रों के लिए निर्धारित एक हॉस्टल में एकत्र हुए थे. तब एक भीड़ ने उनके कमरों पर धावा बोल दिया था और उनके सामान के साथ तोड़फोड़ की थी.
इस घटना के बाद श्रीलंका और ताजिकिस्तान के दो छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
अफ़ग़ान और गांबिया के एक प्रतिनिधिमंडल ने 16 मार्च के हमले के कुछ दिनों बाद विश्वविद्यालय का दौरा किया था. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने सुरक्षा उपायों पर कुलपति के साथ बैठक भी की थी.
विश्वविद्यालय की कुलपति नीरजा गुप्ता ने समाचार एजेंसी को बताया है कि अफ़ग़ानिस्तान के छह छात्रों और पूर्वी अफ्रीका के एक छात्र को समय से अधिक समय तक रहने के चलते अपने हॉस्टल के कमरे खाली करने के लिए कहा गया है.
उन्होंने कहा कि इन छात्रों ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली थी और कुछ लंबित प्रशासनिक कार्यों के कारण पूर्व छात्रों के रूप में हॉस्टल में रह रहे थे.
नीरजा गुप्ता के अनुसार, ‘हमने आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है और वे अब सुरक्षित रूप से अपने मूल देशों में लौट सकते हैं. हम किसी भी पूर्व छात्र को अपने हॉस्टल में नहीं रखना चाहते. हमने संबंधित देशों के वाणिज्य दूतावासों को सूचित कर दिया है और उन्होंने इन छात्रों को हॉस्टल खाली करने का भी निर्देश दिया है.
कुलपति ने बताया कि गुजरात विश्वविद्यालय में 300 से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्र नामांकित हैं.