नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक विश्वविद्यालय के 19 वर्षीय मुस्लिम छात्र की पांच अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर पिटाई की और उस पर ‘लव जिहाद’ में शामिल होने का आरोप लगाया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के वोकेशनल डिग्री के छात्र को करीब छह लोगों ने रोका, जिन्होंने उस पर ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाया, उसके साथ मारपीट की, धमकी दी और उसे पढ़ाई छोड़ने के लिए कहा.
पुलिस ने बताया कि अज्ञात हमलावरों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 143, 147, 504 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, चतुश्रृंगी पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना रविवार दोपहर को हुई जब छात्र विश्वविद्यालय परिसर में दो छात्राओं के साथ जा रहा था.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और दोषियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने घटना की जांच के लिए एक समिति गठित की है.
‘लव जिहाद’ एक शब्द है जिसका इस्तेमाल दक्षिणपंथी कार्यकर्ता और संगठन मुस्लिम पुरुषों द्वारा हिंदू महिलाओं को शादी के जरिये इस्लाम में धर्मांतरित करने की कथित साजिश के लिए करते हैं.
अधिकारी ने बताया कि छात्र दो छात्राओं के साथ खाना खाकर लौट रहा था, तभी मोटरसाइकिल पर सवार चार-पांच अज्ञात लोग विश्वविद्यालय परिसर में उनके पास पहुंचे. उन्होंने छात्र से पूछताछ शुरू की और उससे अपना आधार कार्ड दिखाने को कहा.
पुलिस ने कहा कि अपनी शिकायत में छात्र ने आरोप लगाया कि पहचान पत्र पर उसका नाम देखने के बाद एक व्यक्ति ने पूछा कि क्या वह ‘लव जिहाद’ करने के लिए विश्वविद्यालय आया है और उस पर तथा वहां मौजूद उसकी एक हिंदू मित्र पर हमला कर दिया.
अधिकारी ने कहा, ‘हमने आईपीसी के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है और सीसीटीवी फुटेज की मदद से उनका पता लगाने के प्रयास जारी हैं.’
उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता विश्वविद्यालय में कौशल विकास पाठ्यक्रम का छात्र है.
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विजय खरे ने कहा कि उन्होंने घटना की जांच के लिए एक फैक्ट-फाइडिंग समिति का गठन किया है और संस्थान में तैनात सुरक्षाकर्मियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि असामाजिक तत्वों द्वारा छात्रों को धमकी दिए जाने की ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.