अरुणाचल प्रदेश चुनाव: उग्रवाद प्रभावित हिंसक झड़प में कम से कम 20 घायल

ख़बरों के अनुसार, राज्य में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए मतदान से एक दिन पहले लोंगडिंग पुमाओ विधानसभा क्षेत्र में हिंसा हुई. यहां एनपीपी उम्मीदवार थांगवांग वांगखम का भाजपा उम्मीदवार तांगपो वैगनॉ के साथ कड़ा मुकाबला है.

अरुणाचल प्रदेश में 19 अप्रैल 2024 को मतदान करते लोग. फोटो साभार: एक्सX@DEO_Lohit

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश चुनावों को प्रभावित करने में हथियारबंद उग्रवादियों की भूमिका एक बार फिर सुर्खियों में है. गुरुवार को मतदान से ठीक एक दिन पहले राज्य के उत्तर-पूर्वी जिले लोंगडिंग में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई.

रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय समाचार खबरों में बताया गया है कि लोंगडिंग पुमाओ विधानसभा क्षेत्र में चुनाव संबंधी हिंसा में कम से कम 20 लोग घायल हो गए हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में एनपीपी उम्मीदवार थांगवांग वांगखम का भाजपा उम्मीदवार तांगपो वैगनॉ के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है.

ज्ञात हो कि दो लोकसभा सीटों के अलावा, अरुणाचल प्रदेश की 60 विधानसभा सीटों पर शुक्रवार (19 अप्रैल) एक ही चरण में मतदान हो रहा है. सत्तारूढ़ भाजपा संसदीय सीटों और राज्य, दोनों जगह सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है.

स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से ख़बरों में कहा गया है कि मतदान से एक ठीक दिन पहले 18 अप्रैल की शाम को दोनों पार्टियों के समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच उस समय विवाद बढ़ गया, जब सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन) और भाजपा द्वारा कथित तौर पर ‘एक मतदान केंद्र पर कब्ज़ा करने की कोशिश’ हो रही थी.

अरुणाचल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस हिंसक लड़ाई में कम से कम 20 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और ‘उन्हें अस्पताल ले जाया गया.’

मालूम हो कि उग्रवादी संगठन एनएससीएन के विभिन्न गुट लोंगडिंग समेत म्यांमार की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के जिलों में सक्रिय हैं. साल 2019 के विधानसभा चुनावों के दौरान, एनएससीएन, जो 2015 से नरेंद्र मोदी सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल है, को अरुणाचल पुलिस ने राजनीतिक दलों के पक्ष में मतदाताओं और उम्मीदवारों को डराने-धमकाने की कोशिश के लिए नामज़द किया था.

पिछले विधानसभा चुनाव में एनएससीएन (इसाक-मुइवा) के विद्रोहियों ने एनपीपी के एक उम्मीदवार के साथ दस अन्य लोगों की भी गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिससे आम लोगों में दहशत फैल गई थी.

समाचार रिपोर्ट्स के अनुसार, 17 अप्रैल को प्रतिबंधित एनएससीएन केवाई-ए गुट के संदिग्ध उग्रवादियों ने बंदूक की नोक पर एक ग्राम पंचायत अध्यक्ष और भाजपा के एक नेता संगम वांगसू का आधी रात के बाद अपहरण कर लिया. खबरों में कहा गया कि एनएससीएन का केवाई-ए गुट चुनावों से पहले एनपीपी का समर्थन करने के लिए ‘मतदाताओं को डरा रहा है.’

अरुणाचल टाइम्स की एक रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि एनएससीएन (केवाई-ए) के एक स्वयंभू ‘मेजर जनरल’ द्वारा लॉन्गखाव ग्राम परिषद क्षेत्रों में एक पत्र बांटा गया था, जिसमें मतदाताओं से लोंगडिंग-पुमाऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे एनपीपी उम्मीदवार थांगवांग वांगकम को चुनने के लिए कहा गया था. इससे मतदाताओं में दहशत फैल गई थी.

हालांकि, एनपीपी उम्मीदवार वांगम, जो 2023 से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, ने बाद में एक बयान जारी कर खुद को इस पत्र से अलग कर लिया था.

अरुणाचल टाइम्स के अनुसार, ग्राम पंचायत अध्यक्ष को 18 अप्रैल की शाम को कैद से रिहा कर दिया गया. उनकी रिहाई के कुछ ही घंटों बाद विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के पक्ष में एनएससीएन द्वारा 18 अप्रैल को बूथ कैप्चरिंग के कथित प्रयास की खबर आई.