नई दिल्ली: भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने शनिवार (20 अप्रैल) को इनर मणिपुर लोकसभा क्षेत्र के 11 मतदान केंद्रों पर 22 अप्रैल को पुनर्मतदान कराने का निर्देश जारी किया है.
द टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक, शुक्रवार (19 अप्रैल) को इन मतदान केंद्रों पर ‘भीड़ द्वारा की गई हिंसा’ और अन्य अप्रिय घटनाओं के कारण मतदान प्रभावित हुआ था.
मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने शनिवार रात एक बयान में कहा कि मतदान केंद्र इंफाल पूर्वी जिले के अंतर्गत खुरई (2), क्षेत्रीगाओ (4), थोंगजू (1) और इंफाल पश्चिम जिले में उरीपोक (3) और कोंथौजम (1) में आते हैं.
मालूम हो कि चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 58(2) और 58 (ए) 2 के तहत शुक्रवार को प्रभावित मतदान केंद्रों पर हुए मतदान को शून्य घोषित कर दिया है.
इससे पहले, मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय ने चुनाव आयोग से इनर मणिपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत कुछ मतदान केंद्रों पर नए सिरे से चुनाव कराने की सिफारिश की थी.
यह सिफारिश ‘भीड़ द्वारा की गई हिंसा’ की वजह से की गई थी, जिसके कारण शुक्रवार को मतदान के दौरान बाधा उत्पन्न हुई थी और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) तक को तोड़ दिया गया था.
इसमें कहा गया था कि छह केंद्रों में मतदान ‘इस हद तक प्रभावित हो गया है कि वहां मतदान का परिणाम सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है.’
रिपोर्ट के अनुसार, 3/11 मोइरंगकम्पु साजेब उच्च प्राथमिक विद्यालय में मतदान ‘भीड़ द्वारा की गई हिंसा’ के कारण ‘प्रभावित’ हुआ, जबकि 5/31 खोंगमान ज़ोन (V) में ‘दंगों’ के चलते बाधा उत्पन्न हुई. इसके पीछे के कारण और भीड़ को किसने भड़काया, इसके बारे में विस्तार से नहीं बताया गया है. दोनों केंद्र इंफाल पूर्वी जिले में स्थित हैं.
इसी तरह, भीड़ की हिंसा के कारण इंफाल पश्चिम जिले के इरोइसेम्बा उच्च प्राथमिक विद्यालय के भीतर स्थित तीन केंद्रों (10/1, 10/6 और 10/7) पर मतदान बाधित हुआ.
मतदान केंद्र 10/6 और 10/7 पर मतदान के दौरान भीड़ ने सुरक्षाकर्मियों पर हमला कर लिया और ईवीएम को तोड़ दिया.
जनता ने दोनों मतदान केंद्रों में कंट्रोल यूनिट, बैलट यूनिट और वीवीपैट को तोड़ दिया, जिससे उसी स्कूल में स्थित 10/1 में मतदान प्रभावित हुआ.
इंफाल पश्चिम जिले के 18/22 खैदेम मतदान केंद्र पर ‘अज्ञात व्यक्तियों के एक समूह ने लगभग 61 वोट जबरदस्ती डाले’, जिससे ‘क्षेत्र में और उसके आसपास भीड़ द्वारा भारी हिंसा’ देखी गई.
इस घटना के कारण मतदान रुक गया, जो दोबारा शुरू नहीं हो सका. हालांकि, वोटिंग मशीनें बचा ली गईं
रिटर्निंग अधिकारी ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 58 की उपधारा (1) के तहत सीईओ को मामले की सूचना दी थी और उक्त धारा की उपधारा (2) के तहत निर्देश मांगा था.
इंफाल से आई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अज्ञात अपराधियों द्वारा तोड़-फोड़, मतदाताओं तथा एजेंटों को डराने-धमकाने और बूथ पर कब्जा करने की घटनाएं हुईं. सूत्रों ने बताया कि लोगों ने ईवीएम को नष्ट कर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए इस कदम का विरोध किया है.
चुनाव परिदृश्य की समीक्षा के लिए शनिवार को ‘इंडिया’ गठबंधन की एक बैठक बुलाई गई, जिसमें शामिल एक वामपंथी नेता ने बताया कि कांग्रेस ने इनर मणिपुर के तहत 47 और आउटर मणिपुर के तहत 15 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान की मांग की है.
उन्होंने कहा, ‘यह निर्णय लिया गया है कि कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल पुनर्मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाने के लिए दिल्ली में चुनाव आयोग का रुख करेगा.’ उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा समर्थित अपराधियों ने चुनावों में धांधली करने की कोशिश की.
भाजपा ने भी कांग्रेस पर चुनावी कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए अप्रिय घटनाओं की निंदा की.