मालदीव: राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू के गठबंधन को संसदीय चुनावों में तीन-चौथाई बहुमत मिला

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की जीत पर भारत की भी नजर होगी, जिसे मालदीव में विमानों का संचालन कर रहे अपने सैनिक वापस बुलाने की नई सरकार की मांग को स्वीकार करना पड़ा है.

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ु. (फोटो साभार: X/@Banafsaa)

नई दिल्ली: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्तारूढ़ दल पीपुल्स नेशनल कांग्रेस ने देश के संसदीय चुनावों में तीन-चौथाई बहुमत हासिल करके एक बड़ी जीत दर्ज की है. इसके साथ ही, मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) उस स्थिति में पहुंच गई है जहां उसे अब तक की सबसे कम सीटें प्राप्त हुई हैं.

मालदीव मीडिया पर जारी नवीनतम अनंतिम परिणामों में कहा गया है कि पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) ने 93 सदस्यीय मजलिस में 71 सीटें जीती हैं. इस आंकड़े को मालदीव की राजनीति में ‘सुपर-बहुमत’ कहा जा रहा है. यह पिछले संसदीय चुनाव में एमडीपी को मिले बहुमत से अधिक है.

रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार (22 अप्रैल) को संसदीय चुनावों में लगभग 72% मतदाताओं ने मतदान किया. यह पिछले नवंबर में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद मुइज्जू के लिए पहली बड़ी राजनीतिक लड़ाई थी. 2009 में राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने की अनुमति मिलने के बाद से मालदीव के संसदीय चुनावों में यह सबसे कम मतदान प्रतिशत था.

स्थानीय समयानुसार शाम छह बजे मतगणना शुरू होने के तुरंत बाद नतीजे तेजी से आने लगे, जो राष्ट्रपति मुइज्जू के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं, जो अपने ही सत्तारूढ़ गठबंधन में आंतरिक गुटबाजी के साथ-साथ अपने राजनीतिक गुरु पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन से अलगाव का सामना करते हुए चुनाव में उतरे थे.

मालदीवियन प्रोग्रेसिव पार्टी और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीपीएम-पीएनसी) के सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी उम्मीदवार पीएनसी के बैनर तले चुनाव में खड़े हुए थे.

मुइज्जू की जीत पर भारत की भी नजर होगी, जिसे मालदीव में विमानों का संचालन कर रहे अपने सैनिक वापस बुलाने की नई सरकार की मांग को स्वीकार करना पड़ा है.

एमडीपी के अध्यक्ष फैयाज इस्माइल ने नतीजों को निराशाजनक बताते हुए हार स्वीकार कर ली. उन्होंने पीएनसी को उनकी जीत के लिए बधाई भी दी.

अनंतिम परिणामों के अनुसार, एमडीपी ने केवल 12 सीटें जीती हैं, कई सदस्य जो कई बार से सांसद पहुंचते आ रहे थे, इस बार हार गए हैं.

यह संभवतः एमडीपी का सबसे खराब प्रदर्शन है, जो पिछले सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव हार गई थी. 2019 के संसदीय चुनावों में इसने 65 सीटें जीती थीं, और वह मालदीव की संसद में बहुमत हासिल करने वाली पहली पार्टी बनी थी.

एमडीपी से अलग हुए पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के डेमोक्रेट्स ने एक भी सीट नहीं जीती.

राष्ट्रपति मुइज्जू ने इस मुद्दे पर चुनाव लड़ा था कि सत्तारूढ़ गठबंधन अपनी योजनाओं और नीतियों को तब तक अमल नहीं कर पाएगा जब तक कि उसे संसद में बहुमत नहीं मिल जाता. उन्होंने प्रचार भाषणों में यह भी कहा कि अगर विपक्ष के पास बहुमत रहा तो उन्हें ‘तख्तापलट’ का डर है.

अनंतिम परिणामों से यह भी पता चला कि राष्ट्रपति चुनावों के विपरीत पूर्व राष्ट्रपति यामीन का समर्थन न होने के बावजूद मुइज्जू सत्तारूढ़ गठबंधन को जीत दिलाने में सक्षम हैं.

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