वीज़ा एक्सटेंशन में देरी के चलते ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार ने भारत छोड़ा, सरकार पर लगाए कई आरोप

ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय प्रसारक एबीसी न्यूज़ के दक्षिण एशिया ब्यूरो की प्रमुख अवनि डियाज़ ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें इतना असहज महसूस कराया कि उन्हें भारत छोड़ने का फैसला लेना पड़ा. उनका कहना है कि भारत सरकार ने कहा कि उनकी 'रिपोर्टिंग हद पार कर चुकी है.'

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अवनि डियाज़. फोटो साभार: www.abc.net.au/news/avani-dias

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय प्रसारक ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की भारतीय संवाददाता को वीजा विस्तार (एक्सटेंशन) न मिलने के कारण देश छोड़ना पड़ा है.

सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रवादी सरकार द्वार ‘डराने-धमकाने और नौकरशाही दखलअंदाज़ी का अभियान’ बताया है.’

रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया मंच एक्स पर अवनि डियाज़ ने बताया है कि वे एबीसी न्यूज के दक्षिण एशिया ब्यूरो की प्रमुख हैं. इस पूरे मामले को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनकी पत्रकारिता का हवाला देकर केंद्र सरकार द्वारा शुरू में उनके वीजा एक्सटेंशन से इनकार किए जाने के बाद उन्हें पिछले हफ्ते ‘अचानक’ भारत छोड़ना पड़ा.

उन्होंने लिखा, ‘पिछले हफ्ते मुझे अचानक भारत छोड़ना पड़ा. मोदी सरकार ने मुझसे कहा कि मेरा वीजा एक्सटेंशन अस्वीकार कर दिया गया है, यह कहते हुए कि मेरी रिपोर्टिंग ने ‘हद पार कर दी है.’

डियाज़ ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार के हस्तक्षेप के बाद उन्हें केवल दो महीने का विस्तार मिला, जिसकी जानकारी उन्हें वापसी की फ्लाइट लेने के 24 घंटे से भी कम समय पहले दी गई.

मालूम हो कि कुछ दिन पहले मोदी सरकार ने अवनि के शो ‘फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट’ के एक एपिसोड को यूट्यूब पर ब्लॉक कर दिया था. इसमें कनाडा में रहने वाले खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की बात की गई थी, जिसके लिए कनाडा के प्रधानमंत्री ने भारत पर आरोप लगाया था.

यूट्यूब ने एबीसी न्यूज को यह भी बताया था कि उसे निज्जर की मौत और ऑस्ट्रेलियाई सुरक्षा खुफिया संगठन के एजेंट्स की कथित तौर पर ऑस्ट्रेलिया में सिख कार्यकर्ताओं से मुलाकात से जुड़ी स्टोरी को ब्लॉक करने का ‘निर्देश मिला’ था.

अपनी रिपोर्ट में सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने कहा है कि डियाज़ ने एक्स पर अपनी पोस्ट में जिस हस्तक्षेप की बात की है, वह ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग के कार्यालय से हुआ था. हालांकि, दो महीने का वीजा एक्सटेंशन भी तब आया जब डियाज़ और उनके साथी नई दिल्ली छोड़ने की तैयारी कर चुके थे.

डियाज़ की वापसी पर एबीसी न्यूज की एक रिपोर्ट में उनके पॉडकास्ट ‘लुकिंग फॉर मोदी’ के हवाले से कहा गया है कि उनके लिए भारत में काम करना मुश्किल हो गया था और यह जानबूझकर किया गया था ताकि वो देश छोड़ दें.

अवनि ने बताया कि वो मोदी की पार्टी द्वारा आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने में मुश्किलें आ रही थीं, सरकार उन्हें चुनाव कवर करने के लिए जरूरी पास भी नहीं दे रही थी और मंत्रालय ने इन सब में इतनी देरी की कि वीजा एक्सटेंशन की जानकारी से पहले ही उन्होंने जाने के लिए तैयारी कर ली थी. उन्होंने इसे योजनाबद्ध बताते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें इतना असहज महसूस कराया कि उन्हें देश छोड़ने का फैसला लेना पड़ा.

डियाज़ ने एक्स पर कहा कि उन्हें और एबीसी न्यूज को बताया गया कि उन्हें भारत के आम चुनाव कवर करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

उन्होंने कहा, ‘हमें यह भी बताया गया कि भारतीय मंत्रालय के निर्देश के चलते मुझे चुनाव कवर करने की मान्यता नहीं मिलेगी. हम उस जगह से राष्ट्रीय चुनाव के पहले दिन निकले, जिसे मोदी ‘लोकतंत्र की जननी’ कहते हैं.

हेराल्ड की रिपोर्ट यह भी कहती है कि जब ऑस्ट्रेलियाई सरकार इस मुद्दे पर काम कर रही थी, तभी प्रेस सूचना ब्यूरो ने एबीसी को बताया था कि डियाज़ को ‘विदेश मंत्रालय के सीधे आदेश के कारण’ चुनाव कवर करने की मान्यता नहीं दी जाएगी.

ऑस्ट्रेलिया के यूनियन एंड इंडस्ट्री एडवोकेट फॉर क्रिएटिव प्रोफेशनल्स ने इसे भयावह बताया है.

गौरतलब है कि भारत में बिगड़ती प्रेस स्वतंत्रता की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं. इसी साल फरवरी में फ्रांसीसी पत्रकार वैनेसा डौगनैक ने देश छोड़ दिया था. उन्हें भारत में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली विदेशी संवाददाता के तौर पर जाना जाता है. उनकी रिपोर्टिंग पर कथित तौर से सवाल उठने के बाद सरकार द्वारा उनके ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड को रद्द करने की बात कही थी.

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 देशों में से सबसे निचले 19वें स्थान पर है, 180 में ये 161वें स्थान पर है.