कर्नाटक: मंदिर ने दलित परिवार को परिजन के अंतिम संस्कार के लिए धन देने को मजबूर किया

कर्नाटक के चिक्काबल्लापुरा ज़िले का मामला. आदि कर्नाटक समुदाय से आने वाली एक महिला की मृत्यु के बाद स्थानीय मंदिर के पदाधिकारियों ने उनके परिजनों को अंतिम संस्कार की अनुमति देने से पहले 25,000 रुपये देने को कहा था. परिवार के क़र्ज़ लेकर 3,000 रुपये चुकाने के बाद उन्हें अंतिम संस्कार करने दिया गया.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: pixabay/Jan Bieler)

नई दिल्ली: कर्नाटक में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से आने वाले एक परिवार से उनके रिश्तेदार के अंतिम संस्कार के लिए एक मंदिर द्वारा कथित तौर पर धन वसूलने का मामला सामने आया है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला चिक्काबल्लापुरा जिले का था. बाद में पुलिस ने इस परिवार को पैसे वापस दिलाने में मदद की.

इससे एक दिन पहले गौरीबिदानूर में एक अनुसूचित जाति की महिला के अंतिम संस्कार को कथित तौर पर इसलिए रोक दिया गया था क्योंकि उनका परिवार मंदिर की ‘डोनेशन’ की मांग पूरी नहीं कर सका था. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था.

पुलिस के अनुसार, आदि कर्नाटक समुदाय से ताल्लुक रखने वाली हनुमक्का (55) का शनिवार (27 अप्रैल) रात गौरीबुदनूर तालुक के गोटकनापुर में निधन हो गया था. इसके बाद स्थानीय मंदिर के पदाधिकारियों ने दाह संस्कार की अनुमति देने से पहले परिवार को गोटकानापुरा में सत्यम्मा देवता मंदिर में 25,000 रुपये देने को कहा.

पुलिस ने बताया कि मंदिर पदाधिकारियों द्वारा आदि कर्नाटक समुदाय पर लगाया गया ‘दाह संस्कार शुल्क’ 3,000 रुपये था. हालांकि, इस मृतक के परिवार से 25,000 रुपये की मांग की जा रही थी क्योंकि वे एक चिट फंड मामले में पुजारी को इतनी ही राशि लौटा नहीं पाए थे.

बताया गया है कि शोक संतप्त परिवार की आर्थिक मुश्किलों का हवाला देते हुए की गई अपील के बावजूद मंदिर पदाधिकारी अपनी मांग पर अड़े रहे. नतीजतन, परिवार ने जैसे-तैसे क़र्ज़ लेकर तीन हज़ार रुपये का इंतज़ाम किया, जिसके बाद रविवार को अंतिम संस्कार किया गया.

सोमवार (29 अप्रैल) को सर्कल इंस्पेक्टर सत्यनारायण और समाज कल्याण अधिकारी चन्नप्पा ने घटनास्थल का दौरा किया, स्थानीय बुजुर्गों की एक बैठक बुलाई और उन्हें शोकाकुल परिवार को 3,000 रुपये लौटाने को कहा.

गौरीबिदानूर के तहसीलदार महेश मेत्री ने कहा, ‘मंदिर गड्ढे खोदने और दाह संस्कार के अन्य खर्चों के लिए आदि कर्नाटक समुदाय के प्रत्येक परिवार से 3,000 रुपये की मांग कर रहा है. गांव में कब्रिस्तान की ज़मीन सरकार द्वारा प्रदान की गई है, इसलिए इसके इस्तेमाल के लिए किसी को भी कोई भुगतान नहीं करना चाहिए.’