मणिपुर: मेईतेई महिला समूह की सुरक्षा बलों से झड़प, हिरासत में लिए गए 11 बंदियों को छुड़ाया

मणिपुर के बिष्णुपुर में सेना की महार रेजिमेंट की एक टुकड़ी ने पुलिस की वर्दी पहने 11 ‘सशस्त्र बदमाशों’ को हिरासत में लिया और उनके पास से कई बंदूकें, ग्रेनेड आदि बरामद किए थे. हालांकि, मेईतेई महिलाओं के समूह मीरा पाइबीज़ ने जवानों को रोक दिया और स्थिति अराजक होने के बीच हिरासत में लिए गए लोगों को छुड़ा लिया गया.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: X/@manipur_police)

नई दिल्ली: पिछले एक साल से जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के बिष्णुपुर में सशस्त्र बदमाशों की हिरासत और उनके पास से हथियारों की जब्ती के कारण मंगलवार सुबह मीरा पाइबीज़ (मेईतेई महिलाओं का विजिलेंस समूह) और सुरक्षा बलों के बीच टकराव हुआ.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षाकर्मियों को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलानी पड़ी लेकिन प्रदर्शन कर रही महिलाओं द्वारा सुरक्षा बलों की हिरासत में लिए गए लोगों को छुड़ा लिया गया.

मणिपुर पुलिस के एक बयान के अनुसार, सेना की महार रेजिमेंट की एक टुकड़ी ने पुलिस की वर्दी पहने 11 ‘सशस्त्र बदमाशों’ को रोका था और हिरासत में लिया. उनके पास से कई बंदूकें, ग्रेनेड और गोला-बारूद बरामद किया गया. महिलाओं ने हिरासत में लिए गए पुरुषों की रिहाई और जब्त किए गए हथियारों को वापस करने की मांग करते हुए कहा कि वे हथियारों की जब्ती का विरोध करती रहेंगी.

एक सुरक्षा सूत्र के अनुसार, बिष्णुपुर के कुंबी में महिलाओं ने सेना की टुकड़ी को रोक दिया, कुछ महिलाएं सड़क पर लेट गईं और सड़क पर एक वाहन खड़ा कर दिया. बाद में आरएएफ समेत अतिरिक्त बलों को बुलाए जाने और बिष्णुपुर एसपी रविकुमार और थंगा विधायक टी. रोबिंद्रो के नेतृत्व में एक टीम के मौके पर पहुंचने के बाद भीड़ तितर-बितर हो गई.

डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, सशस्त्र बदमाशों के कब्जे से मिले हथियारों में तीन एके सीरीज राइफल, पांच इंसास, दो एसएलआर, दो हैंड ग्रेनेड, बुलेट प्रूफ जैकेट समेत अन्य हथियार शामिल हैं.

पुलिस के बयान में कहा गया, ‘बरामद हथियारों और गोला-बारूद को सुरक्षित हिरासत में रखा गया है. बाद में भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया और स्थिति को नियंत्रण में लाया गया. आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है.’

हालांकि, पुलिस ने जोड़ा कि यह घटना 27 अप्रैल को बिष्णुपुर जिले में सीआरपीएफ कर्मियों पर हुए हमले से जुड़ी नहीं है, जिसमें दो कर्मी मारे गए थे और दो अन्य घायल हो गए थे.

सूत्रों ने बताया कि मेईतेई-प्रभुत्व वाले बिष्णुपुर और कुकी-प्रभुत्व वाले चूड़ाचांदपुर जिलों के बीच ‘बफर जोन’ के करीब स्थित कुंबी क्षेत्र में गश्त के दौरान सेना की महार 2 रेजिमेंट द्वारा दो एसयूवी को रोका गया था.

एक सूत्र द्वारा साझा किए गए वीडियो में हथियार छीनने की कोशिश कर रही भीड़ को काबू करने के लिए सेना के जवानों को बैक फायरिंग का सहारा लेते हुए दिखाया गया है. सूत्र ने कहा, ‘जैसे ही स्थिति अराजक बनी, हथियारबंद बदमाश इसका फायदा उठाकर भाग गए.’

महिलाएं यह कहते हुए हथियारों की जब्ती के खिलाफ थीं कि वे ‘ग्रामीण वालंटियर्स’ थे और कुकी आतंकवादियों के हमलों से ‘बफर जोन’ के पास मेईतेई गांवों को रक्षा करने में लगे हुई थे. उन्होंने आरोप लगाया कि सुरक्षा बल मेईतेई लोगों की रक्षा करने में विफल रहे.

सीआरपीएफ कैंप पर हमले के बाद सुरक्षा बलों ने बफर जोन में तलाशी अभियान शुरू किया है, कई हथियार जब्त किए हैं और मेईतेई और कुकी – दोनों सशस्त्र व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल किए गए बंकरों को नष्ट कर दिया है.