नई दिल्ली: राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में राष्ट्रीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रहे एक 21 वर्षीय छात्र मंगलवार को अपने कमरे में मृत पाए गए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया है कि उनके कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद किया गया जिसमें लिखा है, ‘मुझे माफ कर दो पापा. मैं इस साल भी नहीं कर पाया’.
मृतक की पहचान राजस्थान के धौलपुर जिले के रहने वाले भरत राजपूत के तौर पर हुई है. वह अपने भतीजे के साथ कोटा के जवाहर नगर इलाके में एक पीजी आवास में रह रहे थे.
जवाहर नगर थाने के एसआई गोपाल सिंह ने कहा, ‘घटना सुबह 10.30 से 11 बजे के बीच हुई. लड़का एक साल से अपने भतीजे के साथ इसी पीजी में रह रहा था. हमें बताया गया कि भतीजा बाजार गया था और जब वह करीब 11 बजे लौटा तो लगातार दरवाजा खटखटाने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. फिर, मकान मालिक को बुलाया गया और उन्होंने खिड़की से झांका, तो भरत का शव लटका हुआ देखा.’
एसआई ने कहा कि इस साल की नीट परीक्षा भरत का तीसरा प्रयास होता और वे इसे लेकर काफी तनाव में लग रहे थे.
2024 नीट-स्नातक परीक्षा पूरे देश में 5 मई को होने वाली है.
इस बीच, कोटा कलेक्टर रवींद्र गोस्वामी ने कहा है कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि छात्र परीक्षा से पहले बहुत तनाव में न हों.
गोस्वामी ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि छात्रों पर उनके भविष्य का इतना बोझ डाला गया है. हम छात्रों को परामर्श और सलाह देकर अपना काम कर रहे हैं. मैं छात्रों और अभिभावकों को एक पत्र भी जारी कर रहा हूं कि वे इन परीक्षाओं को अंतिम निर्णय या भविष्य के लिए एकमात्र रास्ता न मानें. माता-पिता की आकांक्षाओं से छात्रों को तनाव नहीं होना चाहिए.’
उल्लेखनीय है कि इस साल कोटा में नौ कोचिंग छात्रों की आत्महत्या से मौत हो चुकी है. बीते 28 अप्रैल को 19 वर्षीय नीट अभ्यर्थी ने कोटा में अपने पीजी कमरे में कथित तौर पर फांसी लगा ली थी. इसके एक दिन पहले 20 वर्षीय एक अन्य छात्र अपने पीजी में मृत पाया गया था.
इससे पहले बीते 26 मार्च को नीट की तैयारी कर रहे एक 20 वर्षीय छात्र की आत्महत्या से मौत हो गई. मृतक उत्तर प्रदेश के कन्नौज का रहने वाला था.
उससे पहले 8 मार्च को बिहार का एक 16 वर्षीय छात्र, जो इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रहा था, ने कोटा में आत्महत्या कर ली. बीते 19 फरवरी को मध्य प्रदेश का 16 वर्षीय जेईई अभ्यर्थी, जो कोटा में पढ़ रहा था और 10 दिनों से अधिक समय तक लापता रहा, चंबल वन क्षेत्र में मृत पाया गया था. पुलिस ने कहा कि 13 फरवरी को जेईई-मेन के पहले संस्करण में शामिल होने वाले छत्तीसगढ़ के एक 16 वर्षीय छात्र की कोटा जिले में आत्महत्या से मृत्यु हो गई थी. पुलिस ने कहा था कि ऐसा लगता है कि उसे परीक्षा में बहुत कम अंक मिले थे.
29 जनवरी को कोटा की एक 18 वर्षीय छात्रा की जेईई-मेन परीक्षा से कुछ दिन पहले आत्महत्या से मौत हो गई थी. उसने अपने माता-पिता के लिए एक कथित नोट छोड़ दिया था जिसमें उन्होंने लिखा था, वह अंतिम उपाय के रूप में यह कदम उठा रही है, क्योंकि वह जेईई नहीं कर सकती.
इससे पहले अखिल भारतीय प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का एक 19 वर्षीय छात्र 23 जनवरी को शहर के अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाया गया था.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वर्ष 2023 में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 26 छात्रों ने आत्महत्या की थी, जो 2015 के बाद से सबसे अधिक है.
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में 2022 में 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में 7, 2016 में 17 और 2015 में 18 छात्रों की मौत आत्महत्या से हुई है. 2020 और 2021 में छात्रों की आत्महत्या का कोई मामला सामने नहीं आया था, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण कोचिंग संस्थान बंद हो गए थे या ऑनलाइन मोड पर चल रहे थे.