मेटा की कार्यप्रणाली सरकारी विभाग से भी बदतर: दिल्ली हाईकोर्ट

टीवी टुडे नेटवर्क ने तीसरे पक्ष द्वारा उसके कॉपीराइट उल्लंघन को लेकर शिकायत करने पर उसके इंस्टाग्राम पेज को ब्लॉक करने के ख़िलाफ़ अदालत का रुख़ किया है. इस मामले की सुनवाई में हाईकोर्ट ने मेटा को फटकारते हुए कहा कि उसे अपना सिस्टम सुधारना होगा अन्यथा कोर्ट इसे लेकर आदेश पारित करेगा.

फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा का लोगो. (फोटो साभार: Pixabay/Artapixel)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (30 अप्रैल) को फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी मेटा की कार्यप्रणाली को सरकारी विभाग से भी बदतर बताया.

अदालत ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि मेटा मीडिया समूह टीवी टुडे को उसकी शिकायत पर ठीक से जवाब देने में असफल रही.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मेटा को लेकर अदालत की ये टिप्पणी इंस्टाग्राम पर मीडिया समूह के पेज हार्पर बाजार इंडिया को ‘ब्लॉक’ करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आई.

दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने मेटा को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर मीडिया संस्थान की शिकायत पर फैसला नहीं किया जाता है, तो अदालत प्रथमदृष्टया ये मानेगी कि सोशल मीडिया मंच, मीडिया समूह के वकील को चक्कर लगवा रहा है.

पीठ ने सुनवाई के दौरान कड़े शब्दों में कहा, ‘आप सरकारी विभाग से भी बदतर हैं. आपको सावधान रहना चाहिए. आपको स्थिति के प्रति सचेत रहना होगा. आपकी प्रणाली काम नहीं कर रही है. इसे ठीक करना होगा.’

पीठ ने आगे ये भी कहा कि मेटा को चीजें दुरुस्त करनी होंगी अन्यथा अदालत आदेश पारित कर सकती है.

मालूम हो कि मीडिया संस्थान टीवी टुडे नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड ने तीसरे पक्ष द्वारा उसके कॉपीराइट के उल्लंघन को लेकर शिकायत करने पर उसके इंस्टाग्राम पेज को ब्लॉक करने के खिलाफ अदालत का रुख किया है. इसमें सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमावली, 2021 के नियम 3(1)(सी) की संवैधानिकता को भी चुनौती दी गई है.

मीडिया संस्थान के वकील ने बताया कि उन्होंने अपनी शिकायत के बारे में मेटा और शिकायत निवारण अधिकारी से भी संपर्क किया था, लेकिन उन्हें केवल यही जवाब मिला कि उन्होंने सही जगह पत्र नहीं लिखा है. उन्होंने अदालत को ईमेल भी दिखाया.

इस पर मेटा के वकील ने कहा कि इंस्टाग्राम पेज को कॉपीराइट के संबंध में तीन शिकायतों के बाद ‘ब्लॉक’ कर दिया गया था और मीडिया संस्थान द्वारा दिखाया गया ईमेल शिकायत को अस्वीकार करने का निर्णय नहीं बल्कि स्वत: आने वाला जवाब था.

अदालत ने सुनवाई के दौरान ही मीडिया समूह के वकील को मेटा के वकील की मौजूदगी में जरूरी फॉर्म भरकर वापस आने को कहा. कुछ देर बाद याचिकाकर्ता के वकील लौटे और कहा कि शिकायत फिर से खारिज कर दी गई है.

इस पर अदालत ने नाराज़गी जताते हुए मेटा के वकील से कहा, ‘आप हमारे सामने अड़ियल रवैया नहीं अपना सकते. हम जो कह रहे हैं उसका पालन करें. आप समझ नहीं पा रहे हैं कि हम क्या कह रहे हैं…हम आपके प्रति नरमी दिखा रहे हैं. हमने आपको चीजें ठीक करने के लिए पर्याप्त समय दिया है… आपके पास अरबों यूजर हो सकते हैं लेकिन आपके यहां सही व्यवस्था नहीं है.’

इसके बाद पीठ ने वकील से यह सुनिश्चित करने को कहा कि मीडिया संस्थान की शिकायत पर विचार किया जाए और सही फैसला लिया जाए. अदालत ने मेटा के वकील को अगली सुनवाई पर बेहतर जवाब के साथ आने के लिए कहा. अब इस मामले में अगली बुधवार को होगी.

अदालत ने मेटा को सख्त शब्दों में कहा कि आपका सिस्टम काम नहीं कर रहा है. हम एक आदेश पारित करेंगे और आपको फटकार लगाएंगे… ऐसा न करें… कृपया समझें, अगर सिस्टम काम नहीं करेगा तो नियम अमान्य हो जाएंगे.