कर्नाटक: यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना के पिता एचडी रेवन्ना अपहरण मामले में गिरफ़्तार

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पुत्र होलेनरासीपुर विधायक एचडी रेवन्ना की गिरफ़्तारी 2 मई को उनके और उनके सहयोगी के ख़िलाफ़ होलेनरासीपुर थाने में दर्ज किए गए एक महिला के अपहरण से संबंधित मामले में हुई है. इससे पहले, उनके और उनके सांसद बेटे प्रज्वल रेवन्ना पर ढेरों महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है.

प्रज्वल रेवन्ना (सबसे दाएं), एचडी देवेगौड़ा, एचडी कुमारस्वामी और एचडी रेवन्ना (बाएं से दूसरे) के साथ पीएम नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: एक्स)

नई दिल्ली: कर्नाटक पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जनता दल (सेक्युलर) (जेडीएस) के विधायक एचडी रेवन्ना को यौन उत्पीड़न और अपहरण के मामले में शनिवार (4 मई) को गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले एचडी रेवन्ना ने बेंगलुरु की एक अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी लेकिन इसे खारिज कर दिया गया. इसके बाद उन्हें पिता एचडी देवगौड़ा के घर से गिरफ्तार कर लिया गया है.

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, अधिकारियों ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि होलेनरासीपुर विधायक और उनके बेटे प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने शनिवार को मैसूर में रेवन्ना के निजी सहायक के फार्महाउस से अपहृत महिला को भी बचाया है.

एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे रेवन्ना को बेंगलुरु में जेडीएस सुप्रीमो के पद्मनाभनगर आवास से शाम करीब 6.45 बजे हिरासत में लिया गया.

अधिकारी ने आगे बताया कि शुरुआत में रेवन्ना ने उनके बुलावे का जवाब नहीं दिया और जब टीम ने उन्हें गिरफ्तार करने के लिए घर में घुसने का फैसला किया, तो वह बाहर आ गए और उन्होंने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.

मालूम हो कि हासन सांसद और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. इस आरोप से जुड़े कथित वीडियो वाले पेन ड्राइव सामने आने के लगभग एक सप्ताह बाद इस मामले में गिरफ्तारी हुई है. ये पेन ड्राइव जेडीएस के पारिवारिक क्षेत्र हासन निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव से कुछ दिन पहले सामने आई थी. यहां लोकसभा चुनाव के लिए दूसरा चरण में 26 अप्रैल को मतदान हो चुका है.

कर्नाटक सरकार के अधिकारियों का कहना है कि हासन में लोगों के बीच प्रसारित एक पेन ड्राइव में 2,976 वीडियो थे, जिनमें से कई कुछ सेकंड के तो कई कुछ मिनटों के थे. इन वीडियो की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इन्हें  2019 के बाद बेंगलुरु और हासन में रेवन्ना के आवासों पर ज्यादातर मोबाइल फोन से शूट किया गया था.

रेवन्ना और उनके सहयोगी सतीश बबन्ना के खिलाफ गुरुवार (2 मई) रात मैसूर में एक महिला का कथित तौर पर अपहरण करने का मामला दर्ज हुआ था. इसी आरोप में शनिवार को एचडी रेवन्ना की गिरफ्तारी हुई है. महिला की उम्र 60 वर्ष के आस-पास बताई जा रही है. महिला के 28 अप्रैल को लापता होने के बाद महिला के बेटे द्वारा दी गई शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि रेवन्ना के निर्देशों पर बबन्ना ने उसकी मां का अपहरण कर लिया है. मामले में बबन्ना को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

शिकायत के मुताबिक, यौन उत्पीड़न की कथित हजारों वीडियो में से एक में महिला प्रज्वल से उसे छोड़ने की गुहार लगा रही है.

गौरतलब है कि यौन शोषण के आरोप सामने आने के बाद प्रज्वल कथित तौर पर राजनयिक पासपोर्ट पर जर्मनी में है.

रेवन्ना पर भारतीय दंड संहिता की धारा 364(ए) (फिरौती के लिए अपहरण आदि), 365 (व्यक्ति को गुप्त रूप से और गलत तरीके से कैद करने के इरादे से अपहरण करना) और 34 (समान इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कृत्य) के तहत आरोप लगाए गए हैं.

एसआईटी के एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि कथित अपहरण के पांच दिन से अधिक समय बीतने के बाद महिला को मैसूर के कलेनहल्ली गांव के एक फार्महाउस में पाया गया. यह घर रेवन्ना के निजी सहायक राजशेखर का है.

अधिकारी ने आगे कहा कि महिला को बेंगलुरु लाया जाएगा, जहां उसका बयान दर्ज किया जाएगा.

बता दें कि मामले में अग्रिम जमानत की मांग करते हुए रेवन्ना ने निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसने शनिवार को उनके आवेदन को खारिज कर दिया. रेवन्ना के वकीलों ने अदालत से वादा किया था कि अगर जमानत याचिका मंजूर कर ली गई तो रेवन्ना एसआईटी की पूछताछ में शामिल होंगे. हालांकि, एसआईटी के लोक अभियोजक द्वारा इस जमानत याचिका पर आपत्ति जताई गई थी.

ध्यान रहे कि एसआईटी एचडी रेवन्ना और प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ सामूहिक यौन शोषण के आरोपों की जांच कर रही है. मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के नेतृत्व में राज्य सरकार ने कर्नाटक राज्य महिला आयोग के अनुरोध के बाद 27 अप्रैल को एसआईटी का गठन किया था.

सांसद प्रज्वल और उनके पिता के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के लिए पहला मामला 28 अप्रैल को हासन जिले के होलेनरासीपुर पुलिस थाने में दर्ज किया गया था. एक 47 वर्षीय महिला ने प्रज्वल रेवन्ना और उनके पिता एचडी रेवन्ना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. महिला ने आरोप लगाया था कि पिता पुत्र ने उसका और उसकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया था. महिला रेवन्ना के घर में घरेलू काम के लिए रखी गई थी. आरोप है कि  प्रज्वल कथित तौर पर जब महिला की बेटी घर पर होती थी तो उसे वीडियो कॉल करता था और अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर उसे परेशान करता था.

प्रज्वल के ख़िलाफ़ जारी हो सकता है ब्लू कॉर्नर नोटिस

शनिवार को मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने एसआईटी अधिकारियों के साथ इस मामले को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें उन्होंने निर्देश दिया कि प्रज्वल को गिरफ्तार करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सीएम कार्यालय के एक बयान के हवाले से बताया है कि इस मामले में उचित उपायों के साथ गिरफ्तारी के लिए सरकार आगे बढ़ेगी. सीबीआई द्वारा ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने की भी संभावना है, जिससे जांच में तेजी आएगी.

सीएम कार्यालय ने आगे कहा है कि एसआईटी अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जैसे ही उन्हें हवाईअड्डों से जानकारी मिलेगी, वे आरोपी को गिरफ्तार कर लेंगे और वापस ले आएंगे.

ब्लू कॉर्नर नोटिस इंटरनेशनल पुलिस कॉरपोरेशन बॉडी द्वारा जारी किया जाता है. इसके जरिए किसी अपराध के संबंध में किसी व्यक्ति की पहचान, स्थान या गतिविधियों के बारे में सदस्य देशों से अतिरिक्त जानकारी एकत्र की जाती है. भारत में इंटरपोल के मामलों में नोटिस के लिए अपील करने वाली एजेंसी सीबीआई है.

ऐसा कहा जा रहा है कि एसआईटी ने सीबीआई को एक अनुरोध भी भेजा है, जिसमें प्रज्वल के खिलाफ ब्लू नोटिस की मांग की गई है. अधिकारियों का कहना है कि एक बार जब सीबीआई यह नोटिस जारी कर देगी, तो एसआईटी को हसन सांसद के ठिकाने के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है.

ऐसी भी खबरें हैं कि प्रज्वल  27 अप्रैल को विदेश चले गए थे. एसआईटी ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया है.

इस मामले पर फिलहाल राजनीतिक घमासान जारी है.  कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को पत्र लिखकर मामले में पीड़िताओं को हर संभव सहायता देने का अनुरोध किया है. कांग्रेस नेता ने भाजपा और जेडीएस पर भी निशाना साधा है.

वहीं, भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए खुद को मामले से अलग कर लिया है.  भाजपा का कहना है कि मामले का संबंध केवल सांसद से है और इसके लिए कानून अपना काम करेगा.

बता दें कि कर्नाटक में 14 सीटों पर दूसरे चरण का मतदान 7 मई को होगा.