कर्नाटक: प्रज्वल रेवन्ना के वीडियो वितरित करने वालों को कोर्ट ने अग्रिम ज़मानत से इनकार किया

कर्नाटक के हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना द्वारा ढेरों महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित पेन ड्राइव और सीडी बांटने वाले चारों युवकों की अग्रिम ज़मानत याचिका अदालत ने यह कहते हुए ख़ारिज कर दी कि आरोपियों द्वारा वीडियो वायरल करना किसी की निजता एवं गरिमा का हनन करना है.

प्रज्ज्वल रेवन्ना. (फोटो साभार: फेसबुक/iPrajwalRevanna)

नई दिल्ली: कर्नाटक के हासन की एक जिला अदालत ने जनता दल (सेक्युलर) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना द्वारा किए गए यौन उत्पीड़नों के वीडियो और तस्वीरों वाले पेन ड्राइव को वितरित करने के आरोपी चार लोगों की अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया है. यह वीडियो 26 अप्रैल को हासन लोकसभा सीट पर हुए मतदान से पहले सार्वजनिक किए गए थे.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जिला अदालत ने चेतन सी, नवीन गौड़ा, कार्तिक एन और पुट्टाराजू की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि आरोपियों द्वारा वीडियो वायरल करना किसी की निजता एवं गरिमा का हनन करना है, और उनके इस कृत्य के चलते वीडियो में मौजूद औरतों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा.

हासन से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना द्वारा कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न का मामला तब सामने आया जब बीते 26 अप्रैल को लोकसभा चुनावों के दूसरे चरण के मतदान से ठीक पहले गुमनाम तरीके से हासन में कुछ पेन ड्राइव और सीडी बांटी गईं, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना कई औरतों का यौन उत्पीड़न करते नज़र आ रहे हैं. पीड़ित महिलाओं में एक 68 वर्षीय वृद्धा भी शामिल है.

चारों आरोपियों में से कुछ ने खुद को कांग्रेस का कार्यकर्ता बताया है.

वीडियो वायरल करने के आरोपियों में से एक कार्तिक, प्रज्वल का ड्राइवर रह चुका है. कथित तौर पर कार्तिक ने ही सांसद के साथ काम करते हुए उसकी डिवाइस से वीडियो हासिल किए थे.

हासन की अदालत ने कार्तिक और तीन अन्य की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा कि ‘एक चुनावी उम्मीदवार की अश्लील फोटो और वीडियो के साथ छेड़छाड़ करने और उन्हें मतदाताओं को वितरित करने का कथित कृत्य लोगों, विशेष रूप से महिलाओं, की प्रतिष्ठा को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है.’

जमानत याचिका खारिज होने के बाद हासन से भाजपा नेता जी. देवराजे गौड़ा ने चारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है.

वहीं, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) को मामले का संज्ञान लेने का आदेश दिया है.

बता दें कि जेडी(एस) से निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना यौन उत्पीड़न के वीडियो वायरल होने के बाद देश छोड़ कर जर्मनी भाग चुके हैं. रेवन्ना के तीन हजार से अधिक आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुए हैं. गौरतलब है की प्रधानमंत्री मोदी ने मैसूर में जनसभा को संबोधित करते हुए रेवन्ना के लिए वोट देने की अपील की थी.