त्रिपुरा में ईंधन संकट के चलते विरोध प्रदर्शन, मुख्यमंत्री ने केंद्र को पत्र लिखा

असम के पहाड़ी दिमा हसाओ ज़िले में भारी भूस्खलन और रेलवे पटरियों के क्षतिग्रस्त होने के कारण बीते 25 अप्रैल से यात्री और माल गाड़ियां प्रभावित हुई हैं, जिससे त्रिपुरा में ईंधन संकट खड़ा हो गया है. राजधानी अगरतला में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: X/@HPCL)

नई दिल्ली: असम में भूस्खलन से ट्रेनों की आवाजाही बाधित होने के कारण ईंधन आपूर्ति लाइनें पिछले दो सप्ताह से ठप हैं, इस संकट ने त्रिपुरा को हिलाकर रख दिया है, जिसके कारण राजधानी अगरतला में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार की रात गणराज चौमुहानी पेट्रोल पंप के अलावा शहर के राधानगर, चंद्रपुर और कल्याणी पेट्रोल पंपों पर उपद्रव की स्थिति देखी गई. गणराज चौमुहानी पेट्रोल पंप पर कतार में इंतजार कर रहे लोगों के बीच हाथापाई हो गई, जिसके बाद पंप अधिकारियों ने ईंधन देने से इनकार कर दिया जिससे लोग परेशानी में घिर गए.

अखबार के अनुसार, ऊपर उल्लिखित अधिकारियों ने कहा कि पेट्रोल पंप के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को तितर-बितर करने के लिए कल (गुरुवार) रात पुलिस की एक टुकड़ी को गणराज भेजा गया था. पुलिस ने कहा कि रात करीब 11 बजे ईंधन का स्टॉक खाली होने के बाद पेट्रोल पंप बंद कर दिया गया था, लेकिन पंप अधिकारियों ने टोकन के साथ कतार में इंतजार कर रहे लोगों को अगली सुबह ईंधन देने का आश्वासन दिया था. हालांकि, कुछ उपद्रवियों ने हिंसा फैलाने की कोशिश की.

पूर्वी अगरतला पुलिस थाने के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘राज्य में (ईंधन) संकट है. सभी पेट्रोल पंपों पर ईंधन की व्यवस्था कर दी गई है. जैसे ही ईंधन राशनिंग प्रणाली शुरू की गई, हमें कानून और व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. कई पेट्रोल पंपों के सामने लंबी कतारें लगी हुई हैं. जब स्टॉक ख़त्म हो जाता है, तो जिन लोगों को ईंधन नहीं मिलता, वह हंगामा करते हैं.’

अधिकारी ने कहा कि उन्होंने एक उपद्रवी को भी गिरफ्तार किया है और उसे शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया.

राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुशांत चौधरी ने कहा कि सरकार स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य बनाने के लिए काम कर रही है. चौधरी ने व्यापारियों से इस स्थिति में कृत्रिम महंगाई न बढ़ाने की भी अपील की और ऐसा करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है.

मंत्री ने कहा, ‘यह पहले भी देखा गया है कि असम से संपर्क बाधित होने पर आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं. उन्हें (व्यापारियों) ऐसा नहीं करना चाहिए वरना कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कहा, ‘पेट्रोल की मांग बढ़ने से पेट्रोल पंपों पर अफरा-तफरी मच गई है. हमने चर्चा की है कि स्थिति को जल्द से जल्द कैसे सामान्य बनाया जाए और हमें उम्मीद है कि समस्या का जल्द ही समाधान हो जाएगा.’

इसी बीच, मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने इस संकट के संबंध में केंद्र को पत्र लिखा है. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने राज्य में ईंधन संकट को समाप्त करने के लिए जल्द ही असम के दिमा हसाओ जिले के माध्यम से ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया.

त्रिपुरा को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली माल ढोने वाली ट्रेनों सहित ट्रेनों की आवाजाही बाधित होने के कारण ईंधन स्टॉक की आपूर्ति में बाधा आई है. इसके बाद से राज्य सरकार ने 1 मई से पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यात्री और माल गाड़ियां 25 अप्रैल से असम के पहाड़ी दिमा हसाओ जिले में भारी भूस्खलन और रेलवे पटरियों के क्षतिग्रस्त होने के कारण प्रभावित हुई हैं.

यह मार्ग दक्षिण असम, त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम को जोड़ने वाला लिंक है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने पहले ही भूस्खलन के मलबे को हटा दिया है और पहाड़ी इलाकों से गुजरने वाली रेलवे पटरियों का आंशिक सुधार पूरा कर लिया है. स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने के लिए कुल आठ वॉच टावर स्थापित किए गए हैं.