नई दिल्ली: परीक्षा की व्यवस्था भारतीय शैक्षिक ढांचे की आधारशिला रही है. यह व्यवस्था स्कूल से उच्च शिक्षा और उससे आगे तक विद्यार्थियों की शैक्षणिक यात्रा के विभिन्न चरणों को पूरा करती है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस व्यवस्था की शुचिता पर संकट के बादल मंडराते रहे हैं. विभिन्न राज्यों में अलग-अलग परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों का लीक हो जाना अब आम होता जा रहा है. पेपर लीक की समस्या की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह 2024 के मौजूदा आम चुनाव में भी एक मुद्दा बन चुका है, जहां विपक्षी दल पेपर लीक के खिलाफ कानून बनाने का वादा कर रहे हैं.
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) समेत भारत की अधिकतर परीक्षाओं को आयोजित कराने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) पर लगातार अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में कोताही बरतने के आरोप लग रहे हैं. बीते 5 मई को यह परीक्षा हुई थी तबसे गुजरात के बाद बिहार में भी नीट-यूजी की परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप लगे हैं.
पहले ही मिल गए थे प्रश्नपत्र
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में मामले की जांच कर रहे अधिकारियों का दावा है कि परीक्षा से एक दिन पहले ही परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र मिल गया था. करीब 20 परीक्षार्थियों तक प्रश्नपत्र के साथ-साथ प्रश्नों के जवाब भी पहुंच गए थे.
संगठित गिरोह के सदस्य गिरफ़्तार
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों की जांच का जिम्मा संभालते हुए बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने बताया है कि इस मामले में अब तक कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. गिरफ्तार लोगों में से कुछ उम्मीदवार और उनके माता-पिता हैं और अन्य एक संगठित गिरोह के सदस्य हैं.
गिरफ्तार लोगों से प्रवेश पत्र, पोस्ट डेटेड चेक (भविष्य की तारीख लिखा हुआ भुगतान चेक) और प्रमाण पत्र जब्त किए गए हैं.
गुजरात में पैसे लेकर प्रश्नपत्र हल करने का आरोप
इसी तरह, गुजरात में नीट-यूजी परीक्षा में शामिल छह परीक्षार्थियों से प्रश्नपत्र हल कराने के बदले 10-10 लाख रुपये लेने के आरोप में गिरफ्तारी भी हुई हैं.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात पुलिस ने पंचमहल जिले के गोधरा से एक स्कूल शिक्षक और दो अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है.
दिलचस्प है कि नीट-यूजी परीक्षा नकल घोटाले में गिरफ्तार वीजा और विदेशी शिक्षा कंसल्टेंसी फर्म के मालिक परशुराम रॉय जनवरी 2023 के जूनियर क्लर्क पेपर लीक मामले के एक आरोपी के रिश्तेदार हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, रॉय को शनिवार को गोधरा की एक अदालत में पेश किया गया और पूछताछ के लिए 14 दिन की रिमांड मांगी गई. अदालत ने 20 मई तक रिमांड पर भेज दिया है. रॉय ने कथित तौर पर उन छात्रों की सूची साझा की थी, जिनकी मदद एक अन्य मुख्य आरोपी तुषार भट्ट को परीक्षा के दौरान करनी थी.
हालांकि, पंचमहल में जिला प्रशासन को पहले ही इसकी भनक लग गई और भट्ट को परीक्षा के दिन (5 मई) पकड़ लिया गया.
एनटीए ने आरोपों को किया ख़ारिज
देश भर के 557 शहरों और विदेशों के 14 शहरों में 5 मई को स्नातक मेडिकल प्रवेश परीक्षा आयोजित करने वाले एनटीए के अधिकारियों ने पेपर लीक के आरोपों को खारिज किया है.
बिहार ईओयू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एनएच खान ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि जांच अब एजेंसी द्वारा गठित एसआईटी (विशेष जांच दल) करेगी.