नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने बताया कि उत्तर-पश्चिम दिल्ली के रोहिणी में एक मॉल के बाहर सीवर की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से 32 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने मंगलवार को बताया कि तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि यह घटना रविवार (12 मई) दोपहर को हुई जब रोहिणी के सेक्टर 10 में डी मॉल के हाउसकीपिंग स्टाफ ने कथित तौर पर दो लोगों पर सीवर साफ करने के लिए दबाव डाला और उन्हें सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए.
मृतक की पहचान हरे कृष्ण प्रसाद के रूप में की गई, जिनके परिवार में उनकी पत्नी और 10 महीने की बेटी है. घायल युवक 20 वर्षीय सागर कुमार का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है.
जांचकर्ताओं के अनुसार, इलाके से गुजर रहे एक छात्र ने रविवार दोपहर 3.18 बजे पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर घटना के बारे में सूचित किया. पुलिस ने कहा कि वे मौके पर पहुंचे और प्रसाद और कुमार को सीवर के अंदर बेहोश पाया.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘सीवर मॉल के बाहर था और दोनों आदमी अंदर बेहोश पड़े हुए थे. मॉल के कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने उन्हें बीएसए अस्पताल पहुंचाने में हमारी मदद की, लेकिन प्रसाद की मौत हो चुकी थी.’
पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि सागर को ‘सीवर के अंदर डूबने’ के बाद अस्पताल लाया गया था.
पुलिस ने कहा कि ये लोग जहरीली गैसों के कारण सीवर के अंदर गिर गए और गंदगी और पानी में डूबे पाए गए. एफआईआर में यह भी कहा गया है कि ये लोग एक निजी कंपनी के लिए सफाईकर्मी के रूप में काम करते थे और कंपनी को डी मॉल के रखरखाव और हाउसकीपिंग कार्य का ठेका दिया गया था.
एफआईआर में कहा गया है, ‘हमने पाया कि मॉल के हाउसकीपिंग सुपरवाइज़र राजपाल कुमार सफाईकर्मियों पर सीवर साफ करने के लिए दबाव डाल रहे थे. ऐसा इसलिए था क्योंकि मॉल के हाउसकीपिंग सुपरवाइज़र जैसे अन्य लोगों ने उनसे ऐसा करने के लिए कहा था. मॉल के कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें मॉल के फैसिलिटी मैनेजर गुरदीप सिंह और एरिया मैनेजर अमित दुबे ने सभी सीवरों को नियमित रूप से साफ करने और समय पर काम न होने पर अधिक कर्मचारियों को लगाने का निर्देश दिया था.’
पुलिस ने पूछताछ के बाद सिंह, दुबे और कुमार को गिरफ्तार कर लिया और उन पर लापरवाही से मौत का कारण बनने और मैनुअल स्कैवेंजर के रूप में रोजगार के निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया. पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने कथित तौर पर कर्मचारियों को सीवर साफ करने के लिए मजबूर किया और उन्हें सीढ़ी, मास्क, दस्ताने और अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए.
पीसीआर कॉलर, आयुष ने अखबार को बताया, ‘मैं मॉल की ओर जा रहा था जब मैंने चीखें सुनीं. मैं उस स्थान पर पहुंचा जहां एक आदमी सीवर के अंदर पड़ा हुआ था. एक अन्य व्यक्ति… सीवर से बाहर निकल गया था लेकिन अपने दोस्त को बचाने के लिए वापस अंदर चला गया. कुमार तो बच गए लेकिन प्रसाद की मृत्यु हो गई.’
इसी बीच, प्रसाद के परिवार ने कहा कि उन्हें महीनों से सीवर साफ करने के लिए मजबूर किया जा रहा था.
उनके छोटे भाई समीर सोनी ने कहा, ‘रविवार शाम जब मुझे मेरे भाई की गुजरने के बारे में फोन आया तो मैं घर पर था. हम जानते थे कि उसे मॉल में सीवर साफ करने के लिए महीनों से मजबूर किया जा रहा था. लेकिन यह उनका काम नहीं था. वह एक हाउसकीपिंग स्टाफ था. उन्होंने इसकी शिकायत अपने सीनियर्स से भी की थी लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की. जहरीली गैस की वजह से उनकी मौत हो गई. हर कोई जानता था कि ये सीवर जहरीले पदार्थों से भरे हुए हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने मेरे भाई को मजबूर किया.’