कर्नाटक: यौन उत्पीड़न के आरोपी जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी

कर्नाटक के हासन से सांसद और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के लोकसभा उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना ढेरों महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में फरार चल रहे हैं. उनके ख़िलाफ़ इंटरपोल की ओर से भी ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है.

प्रज्ज्वल रेवन्ना. (फोटो साभार: फेसबुक/iPrajwalRevanna)

नई दिल्ली: अदालत ने यौन उत्पीड़न मामले में जनता दल (सेक्युलर) सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. द टेलीग्राफ के मुताबिक, यौन उत्पीड़न करने, सैकड़ों सेक्स वीडियो रिकॉर्ड करने, धमकाने और साजिश रचने के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ शनिवार (18 मई) को एक विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने वारंट जारी किया. हालांकि, रेवन्ना अभी फरार चल रहे हैं.

रेवन्ना के पिता और होलेनरसीपुरा विधायक एचडी रेवन्ना भी एक महिला के अपहरण के मामले में आरोपी हैं. इस मामले में वह चार दिन पुलिस हिरासत और सात दिन जेल में बिता चुके हैं. अब जमानत पर बाहर हैं.

यह पूरा मामला बेहद ही हाई प्रोफाइल है. प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के भतीजे हैं. रेवन्ना के खिलाफ कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप है. उत्पीड़न के कथित वीडियो सामने आने के बाद पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था.

प्रज्वल रेवन्ना के ख़िलाफ़ ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी हो चुका है

भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के हासन लोकसभा उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ तीन महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के तीन मामले दर्ज करवाए हैं. फरार चल रहे रेवन्ना के खिलाफ इंटरपोल की ओर से ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका है.

इस नोटिस के तहत किसी व्यक्ति के आपराधिक रिकॉर्ड का विवरण हासिल किया जाता है. यह किसी ऐसे व्यक्ति का पता लगाने के लिए भी जारी किया जाता है जो लापता हो या पहचान छिपा रहा हो. अज्ञात अंतरराष्ट्रीय अपराधी या सामान्य आपराधिक कानून के उल्लंघन के मामले में वांछित व्यक्ति के लिए भी ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है, ताकि प्रत्यर्पण का अनुरोध किया जा सके.

कैसे शुरू हुईं प्रज्वल रेवन्ना की मुश्किलें?

प्रज्वल रेवन्ना के लिए परेशानी तब शुरू हुई जब बड़ी संख्या में ऐसे वीडियो सामने आए जिसमें वह कथित तौर पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं. इसके बाद कर्नाटक सरकार ने रेवन्ना के कथित अत्याचारों की जांच के लिए कर्नाटक राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी की सिफारिशों पर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था.