वायु प्रदूषण से 1.22 करोड़ बच्चों के मानसिक विकास पर असर पड़ सकता है: रिपोर्ट

वायु प्रदूषण से 1.22 करोड़ बच्चों के मानसिक विकास पर असर पड़ सकता है: रिपोर्ट

भारत में यूनिसेफ की संचार प्रमुख एलेक्जैंड्रा वेस्टरबीक ने कहा, वायु प्रदूषण के संकट से लाखों भारतीय बच्चे प्रभावित हो रहे हैं.

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New Delhi: School children cover their noses as air pollution reached hazardous levels in New Delhi on Tuesday. PTI Photo (PTI11_7_2017_000089A) *** Local Caption ***

भारत में यूनिसेफ की संचार प्रमुख एलेक्जैंड्रा वेस्टरबीक ने कहा, वायु प्रदूषण के संकट से लाखों भारतीय बच्चे प्रभावित हो रहे हैं.

New Delhi: School children cover their noses as air pollution reached hazardous levels in New Delhi on Tuesday. PTI Photo  (PTI11_7_2017_000089A) *** Local Caption ***
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: यूनिसेफ की एक रिपोर्ट में बुधवार को बताया गया कि भारत सहित दक्षिण एशिया में वायु प्रदूषण से 1.22 करोड़ शिशुओं के मानसिक विकास पर असर पड़ सकता है. रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब दिल्ली और उत्तर भारत के कई राज्य वायु प्रदूषण के गंभीर संकट से जूझ रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष यूनिसेफ की भारत में संचार प्रमुख एलेक्जैंड्रा वेस्टरबीक ने कहा कि वायु प्रदूषण के संकट से लाखों भारतीय बच्चे प्रभावित हो रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशिया में वायु प्रदूषण के कारण एक साल से कम उम्र के करीब 1.22 करोड़ बच्चों का मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है.

हवा में मौजूद खतरा: वायु प्रदूषण किस तरह छोटे बच्चों के मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है, यह बताते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदूषणकारी तत्वों से दिमाग के ऊतक क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और संज्ञानात्मक विकास कमतर हो सकता है.

इससे पता चलता है कि जन्म के 1,000 दिनों के भीतर वायु प्रदूषण, अपर्याप्त पोषण एवं उत्तेजना और हिंसा की चपेट में आने से बच्चों के विकसित हो रहे दिमाग पर असर पड़ने के साथ उनका शुरुआती विकास प्रभावित हो सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशिया में बच्चों की ऐसी सबसे ज्यादा संख्या है जो प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं, ऐसी जगहों पर जहां वायु प्रदूषण अंतरराष्ट्रीय स्तरों से छह गुना ज्यादा है.

एलेक्जैंड्रा ने कहा कि बच्चों के साफ हवा में सांस लेने के अधिकार एवं उनके स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के खतरनाक असर को लेकर जागरूकता का प्रसार करना यूनिसेफ की प्राथमिकता में शामिल है.

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में सुधार लेकिन खतरनाक धुंध छाई रही

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में बुधवार को सुधार हुआ लेकिन नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड (एनओ2) और अन्य प्रदूषकों वाला खतरनाक धुंध राष्ट्रीय राजधानी में छाया हुआ है.

महानगर का औसत हवा गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 के स्केल पर 282 रहा जिसे खराब बताया गया लेकिन मंगलवार की तुलना में इसमें सुधार आया है जब एक्यूआई 378 था जो काफी खराब श्रेणी में आता है.

दिल्ली में धुंध का संकट फिरोज शाह कोटला स्टेडियम में भारत-श्रीलंका टेस्ट मैच पर भी छाया रहा जहां श्रीलंका के कप्तान दिनेश चांडीमल और उनकी टीम को खेल के दूसरे दिन एन95 मास्क लगाना पड़ा था.

नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की सुरक्षित सीमा आरकेपुरम में 80 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और आनंद विहार में 86.53 ग्राम प्रति घनमीटर रही जबकि दिलशाद गार्डन क्षेत्र में शाम के वक्त यह 80 यूनिट के करीब रहा.