धर्म के नाम पर वोट मांगने पर भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या के ख़िलाफ़ केस दर्ज होने समेत अन्य ख़बरें

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(फोटो: द वायर/pixabay)

लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण के मतदान के बीच कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने बताया कि भाजपा के मौजूदा सांसद और बेंगलुरु दक्षिण के उम्मीदवार तेजस्वी सूर्या के खिलाफ धर्म के आधार पर वोट मांगने के लिए केस दर्ज किया गया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला गुरुवार को दर्ज किया गया. 28 निर्वाचन क्षेत्रों में से 14 पर शुक्रवार को दूसरे चरण में मतदान हुआ है, जबकि शेष 14 पर 7 मई को तीसरे चरण में मतदान होगा. बेंगलुरु दक्षिण सीट पर सूर्या और कांग्रेस की सौम्या रेड्डी के बीच मुकाबला है, जो जयनगर से 2023 विधानसभा चुनाव महज़ 16 वोटों से हार गईं थीं. इसके साथ ही राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि भाजपा नेता सीटी रवि पर अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से नागरिकों के बीच नफरत और दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में शुक्रवार को मामला दर्ज किया गया है.

ईवीएम-वीवीपीएटी के सौ फ़ीसदी सत्यापन से जुड़ी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है. लाइव लॉ के मुताबिक, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने इस मामले में अलग-अलग लेकिन एक सहमति वाले फैसले लिखे. खारिज की गई याचिकाओं में पेपर बैलेट से मतदान, सौ फीसदी ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन और वीवीपैट पर्चियों को भौतिक रूप से जमा करने की याचिकाएं शामिल थीं. फैसला सुनाते हुए अदालत ने दो बड़े निर्देश दिए. पहला, सिंबल लोडिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट (एसएलयू) को सील कर दिया जाना चाहिए और उन्हें कम से कम 45 दिनों के लिए सहेज कर रखा जाना चाहिए. दूसरे निर्देश में कोर्ट ने कहा कि प्रति विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र प्रति संसदीय क्षेत्र में घोषणा के बाद ईवीएम के निर्माताओं के इंजीनियरों की एक टीम द्वारा जांच और सत्यापन किया जाएगा. उम्मीदवार 2 और 3 के लिखित अनुरोध पर परिणाम घोषित होने के सात दिनों के भीतर ये जांच होनी चाहिए. वास्तविक लागत इसका अनुरोध करने वाले उम्मीदवार द्वारा वहन की जाएगी. ईवीएम से छेड़छाड़ पाए जाने पर खर्चा वापस किया जाएगा.

ओडिशा में राज्य के नबरंगपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत उमरकोटे में निर्वाचन अधिकारियों में आईएएस से नेता बने वीके पांडियन को ले जा रहे हेलीकॉप्टर की जांच की. रिपोर्ट के अनुसार, पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में स्थानीय मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पांच अधिकारियों की एक टीम ने लगभग 45 मिनट तक तलाशी ली. जब तलाशी ली गई तो पांडियन एक रैली को संबोधित कर रहे थे. पूर्व नौकरशाह सत्तारूढ़ बीजद के स्टार प्रचारकों की सूची में बीजद प्रमुख और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बाद हैं. हाल ही में राज्य सरकार ने राज्य के चार अन्य वरिष्ठ नेताओं की सुरक्षा बढ़ाते हुए पूर्व आईएएस अधिकारी को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा दी थी. पांडियन आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए बीजद के चुनाव प्रचार अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं. शुक्रवार को पार्टी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने के लिए उमरकोटे, झारीगांव, दाबुगांव और नबरंगपुर विधानसभा क्षेत्रों की यात्रा की. नबरंगपुर लोकसभा सीट, तीन अन्य संसदीय क्षेत्रों- कोरापुट, कालाहांडी और बरहामपुर में 28 विधानसभा क्षेत्रों के साथ 13 मई को मतदान होगा.

असम में लोकसभा के दूसरे चरण के मतदान से पहले करीमगंज संसदीय क्षेत्र से वन अधिकारियों के कथित तौर पर भाजपा को वोट देने के लिए धमकाने की खबर सामने आई. द वायर की संगीता बरुआ पिशारोती की रिपोर्ट बताती है कि करीमगंज के एक मुस्लिम बहुल गांव के लोगों ने असम वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप लगाया है कि उन्हें कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को वोट देने या ‘बुलडोजर कार्रवाई’ के लिए तैयार रहने की धमकी दी गई है. ग्रामीणों ने असम वन विभाग के नौ अधिकारियों के खिलाफ एक स्थानीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है. नामज़द नौ वन अधिकारियों में मुख्य सचिव एमके यादव का नाम भी शामिल हैं, जिन्हें सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा का करीबी माना जाता है. यादव के अलावा भाजपा उम्मीदवार कृपानाथ मल्लाह के खिलाफ भी गांव वालों ने शिकायत दी है. इस सीट पर शुक्रवार (26 अप्रैल) को मतदान हुआ है.