उत्तराखंड: चारधाम में भारी भीड़ से अराजकता के बीच केंद्र का एनडीआरएफ, आईटीबीपी को भेजने का निर्देश

अधिकारियों ने बताया है कि चारधाम यात्रा के लिए 22 मई तक कुल 31,18,926 लोगों ने पंजीकरण किया था. भारी भीड़ को देखते हुए चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर 31 मई तक रोक लगा दी गई है.

केदारनाथ मंदिर. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: उत्तराखंड में चारधाम मंदिरों में अभूतपूर्व संख्या में तीर्थयात्रियों के आने और सोशल मीडिया पर अराजकता और कुप्रबंधन के वीडियो वायरल होने के बीच गृह मंत्रालय ने गुरुवार को यात्रा व्यवस्था की समीक्षा की.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 14 दिनों में लगभग 9.5 लाख लोगों ने बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के चार मंदिरों के दर्शन किए. यात्रा के लिए बद्रीनाथ मंदिर 12 मई को खुला, जबकि बाकी मंदिर 10 मई को खुले.

उत्तराखंड सरकार ने उन पांच राज्यों से बात की है, जहां से श्रद्धालुओं की संख्या सबसे अधिक है और उनसे अनुरोध किया है कि वे अपंजीकृत तीर्थयात्रियों को यात्रा पर न जाने दें. राज्य पर्यटन विभाग के पास चारधाम यात्रा पंजीकरण के लिए एक समर्पित वेबसाइट है. हालांकि, भीड़ को देखते हुए चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर 31 मई तक रोक लगा दी गई है.

एनडीआरएफ, आईटीबीपी से सहयोग

केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को चारधाम मंदिरों, यात्रा मार्गों और पड़ाव स्थलों पर तीर्थयात्रियों की दैनिक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजने का निर्देश दिया है. इसने राज्य को भीड़ प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मदद लेने के लिए भी कहा.

इस सप्ताह की शुरुआत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को यात्रा व्यवस्थाओं में कमियों का विश्लेषण कर एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था. उनका यह आदेश मंदिरों के आसपास अराजक दृश्यों के कई वीडियो वायरल होने के बाद आया था.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गृह मंत्रालय की ब्रीफिंग में भाग लेते हुए रतूड़ी ने केंद्र को बताया कि 22 मई तक कुल 31,18,926 पंजीकरणों में से 4,86,285 श्रद्धालु यमुनोत्री के लिए, 5,54,656 गंगोत्री के लिए, 10,37,700 केदारनाथ के लिए, 9,55,858 बद्रीनाथ के लिए और 84,427 हेमकुंड साहिब के लिए पंजीकृत थे.

रतूड़ी ने कहा, ‘इस वर्ष पिछले दो वर्षों की तुलना में यात्रा के पहले 10 दिनों में 127 प्रतिशत अधिक तीर्थयात्रियों ने यमुनोत्री का दर्शन किया, जबकि गंगोत्री जाने वाले भक्तों की संख्या पिछले दो वर्षों की तुलना में 89 प्रतिशत अधिक है.’

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों (पहले 10 दिनों में) की तुलना में केदारनाथ जाने वाले भक्तों की संख्या 156 प्रतिशत अधिक है, जबकि बद्रीनाथ में 27 प्रतिशत तीर्थयात्रियों की वृद्धि देखी गई है.

राज्यों से अनुरोध

मुख्य सचिव ने कहा कि सबसे अधिक संख्या में श्रद्धालु नौ राज्यों – उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, बिहार, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ – और दिल्ली से आए हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि तीर्थयात्री पंजीकरण के बाद ही यहां आएं. व्यवस्था बनाए रखने के लिए चारधाम यात्रा के ऑफलाइन पंजीकरण पर 31 मई तक प्रतिबंध लगा दिया गया है.’

केंद्रीय गृह सचिव ने राज्य सरकार को भविष्य में यात्रा व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए एक समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने जमीनी स्तर पर यात्रा प्रबंधन की कड़ी निगरानी पर विशेष जोर दिया है.

मालूम हो कि इस महीने की शुरुआत में बद्रीनाथ में पुजारियों और स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन द्वारा चारधाम यात्रा के कथित कुप्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.