नई दिल्ली: कांग्रेस ने एक बार फिर से सेना में स्थायी भर्ती के प्रावधान की जगह चार साल के अनुबंध पर होनी वाली भर्ती ‘अग्निवीर’ पर हमला बोला है. अग्निवीर योजना की आलोचना इसके ऐलान के बाद से ही हो रही है. कांग्रेस हमेशा से ही इसके खिलाफ रही है और सरकार में आने पर इसे ख़त्म करने का वादा भी किया है.
वहीं, दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जो अपने हर चुनाव प्रचार के दौरान सेना के नाम का इस्तेमाल करने में माहिर है, बावजूद इसके वो अपने द्वारा लाई गई अग्निवीर योजना का प्रचार नहीं कर रही है.
रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के सर्विसमैन विभाग के पूर्व चेयरमैन कर्नल (सेवानिवृत्त) रोहित चौधरी ने अपने एक बयान में कहा, ‘हमारी सेनाएं सक्षम हैं, बेहतरीन काम कर रही हैं और देश की सुरक्षा कर रही हैं. लेकिन मोदी सरकार ने अग्निपथ योजना लाकर सेना को कमज़ोर किया है. हम उस योजना को चैलेंज कर रहे हैं, जो देश, सेना और सैनिकों के हित में नहीं है.’
उन्होंने आगे पूर्व सेना प्रमुख जनरल नरवाणे की किताब का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी किताब में लिखा था कि इस योजना के ऐलान ने तीनों सेनाओं को चौंका दिया था. इसका मतलब है कि ये योजना सेनाओं से पूछ कर लागू नहीं की गई थी, ये योजना प्रधानमंत्री कार्यालय में आनन-फानन में बनाई गई और उसको लागू किया गया.
हमारी सेनाएं सक्षम हैं, बेहतरीन काम कर रही है और देश की सुरक्षा कर रही हैं। लेकिन मोदी सरकार ने अग्निपथ योजना लाकर सेना को कमजोर किया है।
हम उस योजना को चैलेंज कर रहे हैं, जो देश, सेना और सैनिकों के हित में नहीं है।
पूर्व सेना प्रमुख ने भी अग्निपथ योजना का अपनी किताब में… pic.twitter.com/MMzV4MOLYH
— Congress (@INCIndia) May 24, 2024
कर्नल चौधरी ने आदर्श आचार संहिता की एक कॉपी दिखाते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट लिखा है कि आप दूसरी पार्टियों की नीतियों की आलोचना कर सकते हैं और अग्निवीर भाजपा की योजना है और कांग्रेस हमेशा से ही इसकी आलोचना करती आई है.
मालूम हो कि इस मामले ने तूल तब पकड़ा, जब भाजपा ने चुनाव आयोग के पास कांग्रेस के स्टार प्रचारक, राहुल गांधी के एक चुनावी भाषण के खिलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई. जिसके बाद चुनाव आयोग ने मल्लिकार्जुन खरगे को बिना किसी का नाम लिए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान अग्निवीर पर बात करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है, क्योंकि सेना के नाम का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के दौरान नहीं किया जा सकता.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने चुनाव आयोग के इस फरमान पर आपत्ति जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि अग्निवीर का राजनीतिकरण न करने का चुनाव आयोग का निर्देश गलत है.
चिदंबरम ने कहा, ‘राजनीतिकरण न करने से चुनाव आयोग का क्या मतलब है ? क्या ये मतलब है कि अग्निवीर की आलोचना न की जाए?’
अग्निवीर की अलोकप्रियता और उससे जुड़े पहलुओं पर द वायर की श्रृंखला को यहां पढ़ सकते हैं.