एमपी: भाई, चाचा की हत्या के बाद यौन उत्पीड़न की शिकार दलित महिला की एम्बुलेंस से ‘गिरकर’ मौत

सागर ज़िले में पिछले साल अगस्त में अपनी बहन के यौन उत्पीड़न का विरोध करने पर 18 वर्षीय दलित युवक की कथित ऊंची जाति के लोगों द्वारा कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. बीते 25 मई को महिला के चाचा की भी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. दोनों पर यौन उत्पीड़न का केस वापस लिए जाने का दबाव था. अब चाचा का शव ले जा रही युवती की भी आश्चर्यजनक तरीके से एम्बुलेंस से गिरकर मौत हो गई है.

मृतक महिला के रोते-बिलखते परिजन और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी. (फोटो साभार: एक्स)

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के सागर जिले में अपनी बहन के यौन उत्पीड़न का विरोध करने पर 18 वर्षीय दलित युवक को ऊंची जाति के लोगों द्वारा कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डालने के महीनों बाद रविवार को अपने चाचा का शव ले जा रही उक्त युवती की कथित तौर पर एम्बुलेंस से गिरने के बाद मौत हो गई.

उनकी मौत के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसने राज्य की भाजपा सरकार को ‘दलित विरोधी’ बताया और सागर जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाने की मांग की.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल अगस्त में कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों द्वारा महिला के भाई की हत्या कर दी गई थी और उसके घर के कुछ हिस्सों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. पुलिस के अनुसार, आरोपी भाई पर दबाव बना रहे थे कि वह महिला को 2019 में उनके खिलाफ दर्ज छेड़छाड़ का मामला वापस लेने के लिए मनाए.

पुलिस ने बताया कि शनिवार (25 मई) को पुरानी दुश्मनी को लेकर कुछ लोगों ने महिला के चाचा की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सिन्हा ने कहा, ‘खुरई पुलिस थाने के अंतर्गत दो समूहों के बीच झड़प में लगी चोटों से उनकी (चाचा) मौत हो गई.’

यह पूछे जाने पर कि क्या पुराने मामले में समझौते के दबाव के कारण चाचा की हत्या की गई, सिन्हा ने कहा, ‘जांच के दौरान सभी तथ्य सामने आ जायेंगे.’

हालांकि, मृतक के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि आरोपी महिला के चाचा पर मामला वापस लेने का दबाव बना रहे थे. मृतक महिला के एक अन्य भाई ने अखबार को बताया, ‘हम पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन हमने केस वापस नहीं लिया. हमारे भाई को मार दिया गया और हम उसे जाने नहीं दे सकते थे… फिर उन्होंने शनिवार को हमारे चाचा को मार डाला. मेरी बहन और चाचा के माता-पिता एम्बुलेंस में शव लेकर सागर से निकले थे, तभी वह वैन से गिर गई.’

महिला के परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस का दरवाजा खुला रह जाने के कारण उसकी मौत हो गई.

भाई ने कहा, ‘एम्बुलेंस के अंदर बैठी वह (पीड़िता) सड़क दुर्घटना में कैसे मर गई? ऐसा कुछ भी नहीं था जिससे लगे कि वह कभी खुद को मार डालेगी. एम्बुलेंस ने असामान्य रास्ता क्यों अपनाया? हम पर लगातार छेड़छाड़ का केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था. इसको लेकर हमारे चाचा की हत्या कर दी गई.’

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोमवार को मृतक महिला के परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने कहा, ‘प्रशासन ने उसे सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, क्या उन्होंने उसे नौकरी दी? उन्होंने कुछ अन्य वादे भी किए, जैसे (आरोपियों के) घर गिरा देना, क्या उन्होंने तोड़ दिया… मैं किसी के घर पर बुलडोजर चलाने के पक्ष में नहीं हूं, लेकिन आप कार्रवाई के नाम पर कई लोगों के घर गिरा देते हैं.’

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को महिला की मौत पर मोदी सरकार पर निशाना साधा. एक्स पर एक पोस्ट में प्रियंका ने कहा, ‘मध्य प्रदेश में एक दलित बहन के साथ हुई यह घटना दिल दहला देने वाली है. भाजपा के लोग संविधान के पीछे पड़े हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि देश की महिलाएं, दलित, आदिवासी और पिछड़े सम्मान से जिएं और न ही उनकी शिकायतें कहीं सुनी जाएं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘दिल्ली में पहलवान बहनें हों, हाथरस-उन्नाव की पीड़िताएं हों या फिर ये भयावह कांड- जहां भी महिला पर अत्याचार हुआ, नरेंद्र मोदी जी और उनकी सरकार ने आरोपियों को ही ​बचाया. जिन बहनों पर अत्याचार हुआ, अगर उन्होंने न्याय मांगा तो उनके परिवारों को तबाह कर दिया गया. देश की महिलाएं अब चुप नहीं बैठने वालीं.’

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया कि चाचा पर पांच लोगों ने हमला किया, जो उन पर पुराने मामले में समझौते के लिए दबाव डाल रहे थे.

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मुख्यमंत्री मोहन यादव, जिनके पास गृह विभाग भी है, के तहत राज्य में कानून और व्यवस्था खराब हो गई है. यह संकट सिर्फ सागर में ही नहीं बल्कि प्रदेश के हर जिले में है. कानून व्यवस्था मजाक बन गई है, जिससे अपराधियों के हौंसले बढ़ रहे हैं और सरकार चुप है.’

हालांकि, भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि राज्य सरकार ने मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं.

सलूजा ने कहा, ‘सरकार ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं. किसी को बख्शा नहीं जाएगा. हम कानूनी प्रक्रिया के तहत काम करते हैं. इस घटना पर कांग्रेस फूट डालो और शासन करो का खेल खेल रही है. परिवार को न्याय मिलेगा.’