मिज़ोरम और असम में भारी बारिश और तूफ़ान के चलते भूस्खलन से 24 लोगों की मौत, कई लापता

बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवाती तूफ़ान रेमल का असर मिज़ोरम, असम, मणिपुर और मेघालय जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में देखा जा रहा है, जहां विभिन्न हिस्सों से लोगों के हताहत होने की ख़बरें सामने आ रही हैं.

मिजोरम में कई भूस्खलनों में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: पिछले 24 घंटों में मिजोरम और असम में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के चलते कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई और 7 अन्य लापता हो गए, जो सोमवार (27 मई) को बांग्लादेश और बंगाल में आए चक्रवाती तूफान रेमल का नतीजा है.

डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, मिजोरम के आइजोल जिले के मेल्थम में मलबे में दबे 15 लोगों के शव बरामद कर लिए गए, जबकि सात अन्य लापता हैं.हां सोमवार को एक पत्थर की खदान ढह गई थी.

मिजोरम के एक अधिकारी ने मंगलवार दोपहर को बताया कि तीन अन्य स्थानों में भूस्खलन के कारण सात अन्य लोगों की मौत हो गई – ह्लिमेन  में तीन, फाल्कन में दो और सलेम वेंग दो लोगों की जान गई.

असम में मंगलवार सुबह आई आंधी के दौरान सोनितपुर में एक स्कूल बस पर पेड़ गिरने से मोरीगांव और लखीमपुर में 17 वर्षीय छात्र सहित दो लोगों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए.

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा, ‘मोरीगांव जिले के धुपगुरी क्षेत्र के एक छात्र कौशिक अम्फी की तूफान के दौरान पेड़ गिरने से मौके पर ही मौत हो गई और लखीमपुर जिले के गेरुकामुख में एनएचपीसी परियोजना के कर्मचारी पुतुल गोगोई की भूस्खलन में मौत हो गई.’

कई लोगों ने मोरीगांव और सोनितपुर जिले में स्कूली छात्रों के साथ हुई दुर्घटना के लिए प्रशासन को दोषी ठहराया क्योंकि मौसम विज्ञान विभाग द्वारा रविवार और सोमवार को भारी बारिश और तूफान की चेतावनी के बावजूद स्कूल बंद नहीं थे.

गुवाहाटी सहित असम के कुछ हिस्सों में तेज हवाओं के कारण पेड़ उखड़ गए, बिजली के तार टूट गए और घर क्षतिग्रस्त हो गए.

भारी बारिश से मची तबाही के कारण मिजोरम सरकार ने सभी कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए. इंडिगो ने मिजोरम के लेंगपुई हवाई अड्डे के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दीं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि सुबह 11.15 बजे तक पुष्ट मौतों की संख्या 15 थी. इनमें से 11 शव आइजोल जिले के मेल्थम और ह्लिमेन के बीच एक पत्थर की खदान में भूस्खलन स्थल से बरामद किए गए. लालदुहोमा ने कहा कि मलबे में अभी भी और शव दबे हुए हैं.

एक अन्य भूस्खलन स्थल से दो और शव बरामद किए गए हैं, जबकि एक अन्य शव तीसरे स्थल से बरामद किया गया है.

लालदुहोमा ने कहा, ‘हमने राहत कार्य के लिए 15 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है और आज ही हम मृतकों के परिजनों को सहायता देंगे. तूफान अब कम हो रहा है लेकिन राज्य के कई हिस्सों में सिग्नल बहुत खराब हैं, इसलिए जानकारी इकट्ठा करना और प्रतिक्रिया देना मुश्किल हो गया है.’

राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि भी मंजूर की है.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मिजोरम के डीजीपी अनिल शुक्ला ने लगातार बारिश के कारण हुईं मौतों की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिसकर्मी बचाव कार्य में लगे हुए हैं. नदियों का जल स्तर भी बढ़ रहा है और नदी के किनारे के इलाकों में रहने वाले कई लोगों को निकाला गया है.’

राज्य में खराब मौसम की स्थिति के कारण राज्य सरकार ने आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले कार्यालयों को छोड़कर सभी स्कूलों, बैंकों, वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकारी कार्यालयों को बंद करने का आदेश दिया है. सरकार ने निजी क्षेत्र के कार्यालयों को भी जहां तक संभव हो ‘वर्क फ्रॉम होम’ तरीका अपनाने की सलाह दी.

मिजोरम के अलावा, असम और मेघालय जैसे अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भी मंगलवार को तूफान देखने को मिल रहा है. तूफान में सड़क का एक हिस्सा बह जाने से असम के हाफलोंग और सिलचर के बीच सड़क संपर्क पूरी तरह से बाधित हो गया है.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, हाफलोंग-सिलचर लिंक रोड कट गया है क्योंकि दिमा हसाओ जिले में भारी बारिश के बाद नदी का पानी बढ़ने से सड़क का एक बड़ा हिस्सा बह गया है.

दिमा हसाओ जिले के डिप्टी कमिश्नर सिमंता कुमार दास ने बताया कि, जिला प्रशासन ने हाफलोंग-सिलचर कनेक्टिंग रोड को 1 जून तक बंद कर दिया है. राज्य में तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई और 17 घायल हो गए हैं.

मणिपुर में लगातार बारिश से कई इलाके जलमग्न, सामान्य जनजीवन प्रभावित

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि लगातार भारी बारिश से मंगलवार को मणिपुर के कई इलाके जलमग्न हो गए, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ. इंफाल पूर्वी जिले में नालियों में रुकावट के कारण हुए जलभराव के कारण एंड्रो पार्किंग, चेकॉन, महाबली और वांगखेई में यातायात प्रभावित हुआ.

उन्होंने बताया कि इंफाल पश्चिम जिले के काकवा में भी प्रमुख सड़कें जलमग्न हो गईं, जिससे यातायात प्रभावित हुआ.

अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण किसी की मौत या घायल होने की कोई खबर नहीं है.

एनएच 37 इंफाल-सिलचर राजमार्ग पर कांगपोकपी जिले के सिनम गांव के पास भारी ट्रेन के कारण भूस्खलन हो गया, जिससे एक ट्रक खाई में जा गिरा. अधिकारियों ने कहा कि कई अन्य ट्रक मलबा हटाने के लिए उत्खननकर्ताओं के इंतजार में फंसे हुए हैं.

सेनापति जिले में कई नदियां उफान पर हैं और बाढ़ का पानी जिले के कई इलाकों में घुस गया है.

उन्होंने बताया कि लगातार भारी बारिश के कारण सबसे बड़ी इंफाल नदी समेत इंफाल घाटी की कई नदियां भी उफान पर हैं.