फिलिस्तीन: रफ़ाह पर इज़रायली सेना के हमले में 45 फिलिस्तीनियों की मौत

फिलिस्तीन प्राधिकरण के प्रवक्ता नाबिल अबू रुदेइनेह ने रफ़ाह में शरण लेने वाले विस्थापित फिलिस्तीनियों के शिविर पर हुए इज़रायली हमले को 'नरसंहार' बताया है. इज़रायली गोलाबारी और हवाई हमलों में कम से कम 45 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज़्यादातर बच्चे, महिलाएं और बुज़ुर्ग हैं.

रफाह में विस्थापित फिलिस्तीनियों के शिविर. (फोटो साभार: X/@UNRWA)

नई दिल्ली: गाजा के दक्षिण इलाके रफ़ाह में शरण लेने वाले विस्थापित फिलिस्तीनियों पर इज़रायल ने हमला किया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इज़रायली गोलाबारी और हवाई हमलों में कम से कम 45 लोग मारे गए हैं. जान गंवाने वालों में ज्यादातर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग हैं.

हालांकि, इजरायल के दोस्त अमेरिका का कहना है कि ये कोई बड़ा हमला नहीं है.

सीएनएन ने घटनास्थल से प्राप्त फुटेज के विश्लेषण का हवाला देते हुए बताया कि इजरायल ने रफाह के शिविरों पर अमेरिका में निर्मित हथियारों से हमला किया है. सीएनएन ने कहा कि हथियारों के अवशेषों पर दिख रहे सीरियल नंबर कैलिफोर्निया स्थित जीबीयू-39 पार्ट्स निर्माता से मेल खाते हैं.

हमला जारी रहेगा: नेतन्याहू

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आगे बढ़ने की शपथ लेते हुए कहा है कि इजरायली सेना को हमास को खत्म करने और सात अक्टूबर 2023 को हुए हमले में बंधक बनाए गए लोगों को वापस लाने के लिए रफ़ाह जाना होगा.

इस हमले से दो दिन पहले ही इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने इजरायल को रफ़ाह में सैन्य हमलों को तुरंत रोकने का आदेश दिया था.

लगातार हमले कर रहा है इजरायल

इससे पहले 26 मई को इज़रायली बमबारी के कारण ही विस्थापित फिलिस्तीनियों के एक शिविर में भयंकर आग भी लग गई थी. इजरायली सेना रफाह में लगातार तबाही मचा रही है. पिछले तीन दिनों में उसने अल-मवासी क्षेत्र सहित रफाह पर हवाई बमबारी तेज कर दी है. इजरायली सेना अपने टैंकों और गोला बारूदों के साथ शहर में लगातार आगे बढ़ रही है. गोलाबारी कुवैती अस्पताल के आसपास तक फैल गई है, जो पूरी तरह से बंद है. रफाह के एक फील्ड अस्पताल को छोड़कर सभी बंद हैं.

रफ़ाह में बढ़ते हमलों ने इजरायल के खिलाफ व्यापक अंतरराष्ट्रीय आक्रोश पैदा किया है. अब इजराइल के कुछ करीबी सहयोगी भी उसके खिलाफ हो रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इजरायल के अलग-थलग पड़ने के संकेत मिलने लगे हैं. हाल में स्पेन, नॉर्वे और आयरलैंड ने फिलिस्तीनी को राष्ट्र के तौर पर मान्यता दी है.

रफ़ाह में लड़ाई के कारण 10 लाख से अधिक फिलिस्तीनियों को पलायन करना पड़ा है, जिनमें से अधिकांश पहले ही इजरायल और हमास के बीच युद्ध में विस्थापित हो चुके थे.

सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ #AllEyesOnRafah

रफाह पर हुए ताजा हमले के बाद से सोशल मीडिया पर #AllEyesOnRafah ट्रेंड कर रहा है. फिलिस्तीनियों के नरसंहार को दर्शाने वाले इस टैग का इस्तेमाल तमाम बड़ी हस्तियां और सेलिब्रिटी कर रहे हैं.

इजरायली सेना ने दावा किया कि उन्होंने रफाह में हमास के एक परिसर को निशाना बनाया, जिसमें हमास के दो वरिष्ठ कार्यकर्ता यासीन राबिया और खालिद नागर मारे गए. उन्होंने हमले में कारण नागरिकों के हताहत होने की रिपोर्ट को स्वीकार किया और कहा कि घटना की जांच की जा रही है.

युद्ध विराम की वार्ता रुकी

मिडिल ईस्ट आई ने हमास के एक करीबी सूत्रों के हवाले से बताया है कि फिलिस्तीनी संगठन ने मध्यस्थों को सूचित किया है कि वह तब तक वार्ता में अपनी भागीदारी समाप्त कर रहा है जब तक कि इजरायल रफाह पर आक्रमण नहीं रोकता और अपने सैनिकों को वापस नहीं बुलाता. इसके अलावा रफाह क्रॉसिंग को पहले ही तरह खोलने की भी मांग की गई है ताकि भोजन, दवा और अन्य जरूरी चीजों की आपूर्ति हो सके.

अल-जजीरा के मुताबिक, 7 अक्टूबर से इजरायल के हमले में 36,096 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 81,136 घायल हुए हैं. हमास के हमले से इजरायल में मरने वालों की संख्या 1,139 है.