अमेरिका: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हश मनी मामले में दोषी क़रार

हश मनी के केंद्र में डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ा 2006 का एक कथित यौन संबंध मामला है. आरोप है कि इस केस को सार्वजनिक न करने के बदले में ट्रंप द्वारा एडल्ट फिल्म स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1,30,000 डॉलर दिए गए थे. अब इसके बिज़नेस रिकॉर्ड में की गई हेराफेरी को लेकर ट्रंप दोषी क़रार दिए गए हैं.

डोनाल्ड ट्रंप. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को न्यूयॉर्क की अदालत ने हश मनी (चुप रहने के लिए पैसे देना) मामले में दोषी करार दिया है. ये फैसला ऐसे समय में आया है, जब कुछ ही दिनों बाद रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर ट्रंप के नाम की आधिकारिक घोषणा की उम्मीद की जा रही थी.

रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी के कुल 34 मामलों में दोषी पाया गया है. ये सभी मामले एक भुगतान को छिपाने के लिए बिज़नेस रिकॉर्ड में की गई हेराफेरी से जुड़े है. ट्रंप पर 2016 के चुनाव से पहले एक सेक्स स्कैंडल से बचने के लिए एडल्ट फिल्म स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को धन देने का आरोप लगा था. अदालत इस मामले में सज़ा का ऐलान 11 जुलाई को करेगी.

हश मनी के केंद्र में ट्रंप से जुड़ा 2006 का एक कथित यौन संबंध का मामला है, जिसके सार्वजनिक न होने के बदले में ट्रंप द्वारा डेनियल्स को 1,30,000 डॉलर दिए गए थे. इस संबंध में ट्रंप ने कहा था कि डेनियल्स ने झूठे दावों के आधार पर उनसे जबरन वसूली करने की कोशिश की थी. इसके बावजूद उन्होंने पैसे देने का फैसला किया था.

हालांकि, अदालत के सामने मुद्दा ये था कि इस भुगतान को ‘कानूनी खर्च’ के रूप में कैसे लेबल किया गया. अभियोजन पक्ष का आरोप है कि यह 2016 के चुनाव अभियान के दौरान लेनदेन की वास्तविक प्रकृति को छिपाने के लिए एक व्यापक साजिश रची गई थी. ट्रंप के बचाव पक्ष में वकीलों ने तर्क दिया था कि पूर्व राष्ट्रपति को किसी भी गलत काम की जानकारी नहीं थी और उस समय उनका ध्यान अन्य मामलों पर था.

इस केस में सबसे महत्वपूर्ण गवाह ट्रंप के वकील माइकल कोहेन थे. कोहेन ट्रंप को बचाने के लिए कांग्रेस से झूठ बोलने के आरोप में 2018 की सज़ा के बाद अभियोजन पक्ष के लिए प्रमुख गवाह बन गए.

कोहेन ने फैसले के बाद एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘आज जवाबदेही सुनिश्चित करने और कानून के शासन के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है. हालांकि यह मेरे और मेरे परिवार के लिए एक कठिन सफर रहा, लेकिन सच्चाई हमेशा मायने रखती है.’

गुरुवार (30 मई) को अदालत से बाहर निकलते हुए ट्रंप ने दावा किया कि ‘ये एक धांधली वाला, शर्मनाक मुकदमा था. असली फैसला 5 नवंबर को होगा, जो अमेरिका की जनता सुनाएगी.

ट्रंप ने कहा कि वह ‘निर्दोष’ हैं और ये फैसला ‘राजनीति से प्रेरित’ है, जिसके पीछे  राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन का हाथ है.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के कैंपेन कम्‍युनिकेशन डायरेक्‍टर माइकल टायलर ने अदालत के फैसले के बाद कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. ट्रंप ने अपने निजी फायदे के लिए कानून तोड़ा और उन्‍हें परिणाम भुगतना होगा. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि ट्रंप को बाहर रखने का ‘मतपेटी’ ही केवल एक ही तरीका है.

मालूम हो कि अमेरिकी कानून में दोषसिद्धि ट्रंप को आगामी चुनाव लड़ने से नहीं रोकती. हालांकि ये पहली बार हुआ है कि कोई पूर्व या मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति किसी अपराध में दोषी क़रार दिया गया हो.

अमेरिकी कानून और संविधान आपराधिक या अन्य दोषसिद्धि वाले किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करने से नहीं रोकते हैं. हालांकि, मतदाताओं के बीच ट्रंप की छवि पर इन मामलों का क्या प्रभाव पड़ सकता है, यह एक अलग सवाल है.

इस बीच, डोनाल्ड ट्रंप के वकील टॉड ब्लैंच ने ब्रॉडकास्टर सीएनएन से बातचीत में इस बात के संकेत दिए कि ट्रंप इस फैसले के खिलाफ अपील की योजना बना रहे हैं.

इस संबंध में न्यूयॉर्क लॉ स्कूल की प्रोफेसर एना कॉमिंस्की ने डीडब्ल्यू को बताया कि उन्हें उम्मीद है कि ट्रंप के वकीलों द्वारा दायर प्रस्तावों को देखा जाएगा.ये ‘मूल ​​रूप से अदालत से जूरी के फैसले को पलटने’ के लिए कहा जा रहा है. वैसे इसकी उम्मीद कम है, लेकिन ये बहुत आम हैं.

गौरतलब है कि बिज़नेस रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के आरोप में चार साल तक की जेल हो सकती है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप के जेल जाने की संभावना कम है.

(डीडब्ल्यू से इनपुट्स के साथ)